NCERT Hindi Aaroh Chapter 6: Rajni Class 11 Question Answer

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When it comes to understanding Hindi literature in Class 11, the chapter titled 'Rajni' often stands out for its storytelling and the values it imparts. If you're seeking help with the Rajni class 11 question answer, you're in the right place to dive deeper into the story's essence and what it aims to teach.

The Rajni question answer section is not just about finding the right answers; it's about comprehending the story's events, its characters, and the underlying message. For students who are looking for the Class 11th Hindi Rajni question answer, it's essential to read the chapter thoroughly and understand each character's role and the plot's progression.

In Class 11 Hindi Chapter 7, 'Rajni' is a text that might require students to think and reflect. This is why the Class 11 Hindi chapter 7 Rajni question answer is designed to make students think about the story and its implications on a deeper level. Teachers aim to ensure that students don't just memorize answers but also connect with the material on a personal level.

For the Class 11 Hindi chapter 7 question answer, it is important to look at the moral of the story and what it teaches us about life and decisions. Each question is an opportunity to explore different aspects of the chapter and to engage with the text in a meaningful way.

To successfully navigate through the Rajni chapter questions and answers, students should pay attention to the themes, character motivations, and the social context presented in the story. Understanding these elements will not only help them answer questions more accurately but will also enhance their appreciation for Hindi literature.

अध्याय - 6: रजनी

सारांश

पटकथा यानी पट या स्क्रीन के लिए लिखी गई वह कथा रजत पट अर्थात् फिल्म की स्क्रीन के लिए भी हो सकती है और टेलीविजन के लिए भी। मूल बात यह है कि जिस तरह मंच पर खेलने के लिए नाटक लिखे जाते हैं, उसी तरह कैमरे से फिल्माए जाने के लिए पटकथा लिखी जाती है। कोई भी लेखक अन्य किसी विधा में लेखन करके उतने लोगों तक अपनी बात नहीं पहुँचा सकता, जितना पटकथा लेखन द्वारा। इसका कारण यह है कि पटकथा शूट होने के बाद धारावाहिक या फिल्म के रूप में लाखों-करोड़ों दर्शकों तक पहुँच जाती है। इसी कारण पटकथा लेखन की ओर लेखकों का रुझान हुआ है। यहाँ मन्नू भंडारी द्वारा लिखित रजनी धारावाहिक की कड़ी दी जा रही है। यह नाटक 20वीं सदी के नवें दशक का बहुचर्चित टी.वी. धारावाहिक रहा है। यह वह समय था जब हमलोग और बुनियाद जैसे सोप ओपेरा दूरदर्शन का भविष्य गढ़ रहे थे। बासु चटर्जी के निर्देशन में बने इस धारावाहिक की हर कड़ी स्वयं में स्वतंत्र और मुकम्मल होती थी और उन्हें आपस में गूँथने वाली सूत्र रजनी थी। हर कड़ी में यह जुझारन और इंसाफ-पसंद स्त्री-पात्र किसी-न-किसी सामाजिक- राजनीतिक समस्या से जूझती नजर आती थी।

यहाँ रजनी धारावाहिक की जो कड़ी दी जा रही है, वह व्यवसाय बनती शिक्षा की समस्या की ओर समाज का ध्यान खींचती है।

पहला दृश्य-

स्थान-लीला का घर

रजनी लीला के घर जाती है तथा उससे बाजार चलने को कहती है। लीला उसे बताती है कि अमित का आज रिजल्ट आ रहा है। रजनी उसे मिठाई तैयार रखने को कहती है, क्योंकि अमित बहुत होशियार है। अमित के लिए रजनी आंटी हीरो है। तभी अमित स्कूल से आता है। उसका चेहरा उतरा हुआ है। वह रिपोर्ट कार्ड माँ की तरफ फेंकते हुए कहता है कि मैंने पहले ही गणित में ट्यूशन लगवाने को कहा था। ट्यूशन न करने की वजह से उसे केवल 72 अंक मिले, लीला कहती है कि तूने सारे सवाल ठीक किए थे। तुझे पंचानवे नंबर जरूर मिलने थे। रजनी कार्ड देखती है। दूसरे विषयों में 86, 80, 88, 82, 90 अंक मिले। सबसे कम गणित में मिले। अमित गुस्से व दुख से कहता है कि सर बार-बार ट्यूशन की चेतावनी देते थे तथा न करने पर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी देते थे। लीला इसे अंधेरगर्दी कहती है। रजनी अमित को तसल्ली देती है तथा सारी बातों की जाँच करती है। उसे पता चलता है कि मिस्टर पाठक उन्हें गणित पढ़ाते हैं। वे हर बच्चे को ट्यूशन लेने के लिए कहते हैं। अमित ने हाफ ईयरली में छियानबे नंबर लिए थे। अध्यापक ने फिर भी उसे ट्यूशन रखने का आग्रह किया। अमित अपनी माँ पर इसका दोषारोपण किया। रजनी उसे समझाती है कि उसे अध्यापक से लड़ना चाहिए। यह सारी बदमाशी उसकी है। रजनी अमित को कहती है कि वह कल उसके स्कूल जाकर सर से मिलेगी। अमित डरकर उन्हें जाने से रोकता है। रजनी उसे डाँटती है तथा अगले दिन स्कूल जाने का संकल्प लेती है।

दूसरा दृश्य-

स्थान-हैडमास्टर का कमरा।

रजनी अमित के स्कूल के हैडमास्टर से मिलने गई। उसने अमित सक्सेना की गणित की कापी देखने की अनुमति माँगी। हैडमास्टर ने वार्षिक परीक्षा की कॉपियाँ दिखाने में असमर्थता दिखाई। रजनी कहती है कि अमित ने मैथ्स में पूरा पेपर ठीक किया था, परंतु उसे केवल बहत्तर अंक मिले। वह देखना चाहती है कि गलती किसकी है। हैडमास्टर फिर भी कॉपी न दिखाने पर अड़ा रहता है और अमित को दोषी बताता है। रजनी कहती है कि अमित के पिछले रिजल्ट बहुत बढ़िया हैं। इस बार उसके नंबर किस बात के लिए काटे गए। हैडमास्टर नियमों की दुहाई देते हैं तो रजनी व्यंग्य करती है कि यहाँ होशियार बच्चों को भी ट्यूशन लेने के लिए मजबूर किया जाता है। हैडमास्टर ट्यूशन को टीचर्स व स्टूडेंट्स का आपसी मामला बताता है। वे इनसे अलग रहते हैं। रजनी उसे कुर्सी छोड़ने के लिए कहती है ताकि ट्यूशन के काले धंधे को रोका जा सके। हैडमास्टर आग-बबूला होकर रजनी को वहाँ से चले जाने को कहता है।

तीसरा दृश्य-

स्थान-रजनी का घर

शाम के समय रजनी के पति घर आते हैं। वह उनके लिए चाय लाती है, फिर उन्हें अपने काम के बारे में बताती है। इस पर रवि उसे समझाते हैं कि टीचर ट्यूशन करें या धधा। तुम्हें क्या परेशानी है। तुम्हारा बेटा तो अभी पढ़ने नहीं जा रहा। इस बात पर रजनी भड़क जाती है और कहती है कि अमित के लिए आवाज क्यों नहीं उठानी चाहिए। अन्याय करने वाले से अधिक दोषी अन्याय सहने वाला होता है। तुम्हारे जैसे लोगों के कारण इस देश में कुछ नहीं होता।

चौथा दृश्य-

स्थान-डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन का कार्यालय।

रजनी दफ्तर के बाहर बेंच पर बैठी अधिकारी से मिलने की प्रतीक्षा कर रही है। वह बैचेन हो रही है। प्रतीक्षा करते-करते जब बहुत देर हो जाती है तो वह बड़बड़ाने लगती है। तभी एक आदमी आता है तथा स्लिप के नीचे पाँच रुपये का नोट रखकर देता है। चपरासी उसे तुरंत अंदर भेजता है। रजनी यह देखकर क्रोधित होती है। वह चपरासी को धकेलकर अंदर चली जाती है। निदेशक उसे घंटी बजने पर अंदर आने की बात कहता है। रजनी उसे खरी-खोटी सुनाती है। इस पर निदेशक उससे बात करता है। रजनी प्राइवेट स्कूलों और बोर्ड के आपसी संबंधों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही है। निदेशक समझता है कि शायद वह कोई रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। वह बताता है कि बोर्ड मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को 90% ग्रांट देता है। इस ग्रांट के बदले वे स्कूलों पर नियंत्रण रखते हैं। स्कूलों को उनके नियम मानने होते हैं। इस पर रजनी कहती है कि प्राइवेट स्कूलों में ट्यूशन के धंधे के बारे में आपका क्या रवैया है। निदेशक कहता है कि इसमें धंधे जैसी कोई बात नहीं है। कमजोर बच्चे के माँ-बाप उसे ट्यूशन दिलवाते हैं। यह कोई मजबूरी नहीं है। इस पर रजनी उसे बताती है कि होशियार बच्चों को भी ट्यूशन लेने के लिए मजबूर किया जाता है। अगर ट्यूशन न ली जाए तो उसके नंबर कम दिए जाते हैं। हैडमास्टर ऐसे टीचर के खिलाफ एक्शन लेने से परहेज करता है। क्या आपको ऐसे रैकेट बंद करने के लिए दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए? इस पर निदेशक कहता है कि आज तक कोई शिकायत नहीं आई। रजनी व्यंग्य करती है कि बिना शिकायत के आपको कोई जानकारी नहीं होती। निदेशक अपनी व्यस्तता का तर्क देता है तो रजनी उसे कहती है-मैं आपके पास शिकायतों का ढेर लगवाती हूँ।

पाँचवाँ दृश्य-

स्थान-अखबार का कार्यालय

रजनी संपादक के पास जाती है। संपादक उनके कार्य की प्रशंसा करता है और कहता है कि आपने ट्यूशन के विरोध में बाकायदा एक आंदोलन खड़ा कर दिया। यह जरूरी है। रजनी जोश में कहती है कि आप हमारा साथ दीजिए तथा इसे अपने समाचार में स्थान दें। इससे यह थोड़े लोगों की बात नहीं रह जाती। इससे अनेक अभिभावकों को राहत मिलेगी तथा बच्चों का भविष्य सँवर जाएगा।

संपादक रजनी की भावनाएँ समझकर साथ देने का वादा करता है। उसने सारी बातें नोट की तथा एक समाचार भिजवाया। रजनी उसे बताती है कि 25 तारीख को पेरेंट्स की मीटिंग की जा रही है। वे यह सूचना अखबार में जरूर दे दें तो सब लोगों को सूचना मिल जाएगी।

छठा दृश्य-

स्थान-बैठक-स्थल

एक हाल में पेरेंट्स की मीटिंग चल रही है। बाहर बैनर लगा हुआ है। काफी लोग आ रहे हैं। अंदर हाल भरा हुआ है। प्रेस के लोग आते हैं। रजनी जोश में संबोधित कर रही है-आपकी उपस्थिति से हमारी मंजिल शीघ्र मिल जाएगी। कुछ बच्चों को ट्यूशन जरूरी है, क्योंकि कुछ माएँ पढ़ा नहीं सकतीं तो कुछ पिता घर के काम में मदद जरूरी नहीं समझते। टीचर्स के एक प्रतिनिधि ने बताया कि उन्हें कम वेतन मिलता है। अत: उन्हें ट्यूशन करना पड़ता है। कई जगह कम वेतन देकर अधिक वेतन पर दस्तखत करवाए जाते हैं। इस पर हमारा कहना है कि वे संगठित होकर आदोलन चलाएँ तथा अन्याय का पर्दाफाश करें। हम यह नियम बनाएँ कि स्कूल का टीचर अपने स्कूल के बच्चों का ट्यूशन नहीं करेगा। इस नियम को तोड़ने वाले टीचर्स के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। इससे बच्चों के साथ जोर-जबरदस्ती अपने-आप बंद हो जाएगी। सभा में लोगों ने इस बात का समर्थन किया।

सातवाँ दृश्य-

स्थान-रजनी का घर

रजनी के पति अखबार पढ़ते हुए बताते हैं कि बोर्ड ने तुम्हारे प्रस्ताव को ज्यों-का-त्यों स्वीकार कर लिया। रजनी बहुत प्रसन्न होती है। पति भी उस पर गर्व करते हैं। तभी लीला बेन, कांतिभाई और अमित मिठाई लेकर वहाँ आते हैं।


 

NCERT SOLUTIONS

अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ संख्या 97-98)

पाठ के साथ

प्रश्न. 1 रजनी ने अमित के मुद्दे को गंभीरता से लिया, क्योंकि –

     i.        वह अमित से बहुत स्नेह करती थी।

   ii.        अमित उसकी मित्र लीला का बेटा था।

 iii.        वह अन्याय के विरुद्ध आवाज़ की सामर्थ्य रखती थी।

 iv.        उसे अखबार की सुर्खियों में आने का शौक था।

उत्तर:

 iii.        वह अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की सामर्थ्य रखती थी।

प्रश्न. 2 जब किसी का बच्चा कमज़ोर होता है, तभी उसके माँ-बाप ट्यूशन लगवाते हैं। अगर लगे कि कोई टीचर लूट रहा है, तो उस टीचर से न ले ट्यूशन, किसी और के पास चले जाएँ… यह कोई मज़बूरी तो है नहीं–प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताएँ कि यह संवाद आपको किस सीमा तक सही या गलत लगता है, तर्क दीजिए।

उत्तर- प्रसंग – रजनी शिक्षा निदेशक के पास ट्युशन के रैकेट के बारे में बताती है। वह कहती है कि बच्चों को जबरदस्ती ट्युशन करने के लिए कहा जाता है। ऐसे लोगों के खिलाफ बोर्ड क्या कर रहा है? निदेशक इस बात को गंभीरता से नहीं लेकर यह बात कहता है। निदेशक का उपरोक्त वक्तव्य गैरजिम्मेदाराना है। वह ट्यूशन को गलत नहीं मानता। वह इसके जरिए बच्चों के शोषण को नहीं रोकना चाहता। वह अपने अधिकारों का इस्तेमाल करके इस व्यवस्था को ठीक कर सकता है।

प्रश्न. 3 तो एक और आंदोलन का मसला मिल गया- फुसफुसाकर कही गई यह बात

     i.        किसने किस प्रसंग में कही?

   ii.        इससे कहने वाले की किस मानसिकता का पता चलता है।

उत्तर-

     i.        यह बात रजनी के पति रवि ने पेरेंट्स मीटिंग के दौरान कही। रजनी ने भाषण देते वक्त प्राइवेट स्कूल के टीचर्स की समस्याओं का जिक्र किया। उन्हें कम तनख्वाह मिलती थी। रजनी उन्हें संगठित होकर आदोलन चलाने की सलाह दे रही थी ताकि इस अन्याय का पदाफाश हो सके।

   ii.        रवि की इस बात से उसकी उदासीन प्रवृत्ति का पता चलता है। वह समाज में होने वाले अन्याय को देखकर कोई प्रतिक्रिया नहीं करता। वह स्वार्थी है तथा अपने तक ही सीमित रहता है।

प्रश्न. 4 रजनी धारावाहिक की इस कड़ी की मुख्य समस्या क्या है? क्या होता अगर –

     i.        अमित का पर्चा सचमुच खराब होता।

   ii.        संपादक रजनी का साथ न देता।

उत्तर- रजनी धारावाहिक की मुख्य समस्या है-ट्यूशन न लगाने पर अध्यापक द्वारा छात्र को कम अंक प्रदान करना। विद्यार्थी की मेहनत को महत्त्वहीन कर देना।

     i.        अगर अमित का पर्चा सचमुच खराब होता तो वह इतना दुखी नहीं होता। उसकी माँ व रजनी भी परेशान नहीं होती। रजनी को भी आंदोलन नहीं करना पड़ता।

   ii.        यदि संपादक रजनी का साथ न देता तो यह समस्या सीमित लोगों के बीच रह जाती। कम संख्या का सत्ता पर कोई असर नहीं होता।

पाठ के आस-पास

प्रश्न. 1 गलती करनेवाला तो है ही गुनहगार, पर उसे बर्दाश्त करनेवाला भी कम गुनहगार नहीं होता-इस संवाद के संदर्भ में आप सबसे ज्यादा किसे और क्यों गुनहगार मानते हैं?

उत्तर- इस संवाद के संदर्भ में सबसे ज्यादा दोषी गणित अध्यापक के अत्याचार को सहने वाला है। अध्यापक ट्यूशन लेने के लिए डराता है, कम अंक देता है। इस कार्य को सहन करने से उसका हौसला बढ़ता है। उसका विरोध करके उसे दबाया जा सकता है।

प्रश्न. 2 स्त्री के चरित्र की बनी बनाई धारणा से रजनी का चेहरा किन मायनों में अलग है?

उत्तर- रजनी वह स्त्री है जो कहीं भी हो रहे अन्याय को नज़रअंदाज़ नहीं कर पाती। वह उसकी जड़ तक जाकर उसे नष्ट करके ही दम लेती है, जबकि भारतीय समाज में स्त्री सहनशीलता, शालीनता और कोमलता का प्रतीक मानी जाती है। संघर्ष करते समय सहन करने और शालीन बने रहने का तो सवाल ही नहीं उठता। जब अत्याचारी का विरोध करें तो हमें भी कठोर बनना ही पड़ता है। अतः तथाकथित स्त्रियोचित गुणों को त्यागकर ही रजनी का चेहरा तैयार होता है जो बनी। हुई धारणों से काफ़ी अलग है।

प्रश्न. 3 पाठ के अंत में मीटिंग के स्थान का विवरण कोष्ठक में दिया गया है। यदि इसी दृश्य को फ़िल्माया जाए तो आप कौन-कौन से निर्देश देंगे?

उत्तर- यदि मीटिंग दृश्य फिल्माया जाए तो हम निम्नलिखित निर्देश देंगे-

·       स्टेज के पीछे बैनर लगा हो तथा उस पर एजेंडा लिखा होना चाहिए।

·       मीटिंग स्थल पर प्रवेश करने वालों को जोश से आना-जाना होगा।

·       स्टेज पर माइक व कुसी होनी चाहिए।

·       रजनी को डायलॉग्स पूरे याद होने चाहिए।

·       तालियाँ इत्यादि समयानुसार बजें।

प्रश्न. 4 इस पटकथा में दृश्य संख्या का उल्लेख नहीं है। मगर गिनती करें तो सात दृश्य हैं। आप किस आधार पर इन दृश्यों को अलग करेंगे?

उत्तर- सभी दृश्यों को उनके स्थान के आधार पर अलग किया जाना चाहिए। प्रथम दृश्य में अमित का घर और दूसरे में रजनी का घर है, तो दोनों स्थान अलग-अलग हैं। अतः उन्हें फ़िल्माने के लिए और भिन्न-भिन्न दिखाने के लिए दृश्य बदलना ही होगा। इसी तरह प्रधानाध्यापक का कमरा, निदेशक का कमरा; इन सभी स्थानों की सज्जा और दृश्यांकन बिलकुल अलग होगा इसलिए ये सब दृश्यों को अलग करने का आधार कहे जा सकते हैं।

भाषा की बात

प्रश्न. 1 निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित अंश में जो अर्थ निहित हैं उन्हें स्पष्ट करते हुए लिखिए –

     i.        वरना तुम तो मुझे काट ही देतीं।

   ii.        अमित जबतक तुम्हारे भोग नहीं लगा लेता, हमलोग खा थोड़े ही सकते हैं।

 iii.        बस-बस, मैं समझ गया।

उत्तर-

     i.        काट ही देतीं- भूल ही जाना।

स्पष्टीकरण- रजनी कहती है कि यदि वह लीला के घर न आती तो वह उसे मिठाई खिलाने की बात भूल जाती।

   ii.        भोग नहीं लगा- चखाना।

स्पष्टीकरण- लीला कहती है कि अमित जब तक रजनी को खिला नहीं लेता, तब तक वह किसी और को नहीं खिलाता।

थोड़े ही- नहीं।

स्पष्टीकरण- वह हमें तब तक खाने नहीं देता जब तक वह तुम्हें न खिला आए।

 iii.        बस-बस- अधिक कहने की जरूरत नहीं।

स्पष्टीकरण- संपादक महोदय रजनी की बात पर यह कहते हैं।

कोड मिक्सिग/कोड स्विचिंग

प्रश्न. 1 कोई रिसर्च प्रोजेक्ट है क्या? व्हेरी इंटरेस्टिंग सब्जेक्ट।

ऊपर दिए गए संवाद में दो पंक्तियाँ हैं, पहली पंक्ति में रेखांकित अंश हिंदी से अलग अंग्रेजी भाषा का है, जबकि शेष हिंदी भाषा का है। दूसरा वाक्य पूरी तरह अंग्रेज़ी में है। हम बोलते समय कई बार एक ही वाक्य में दो भाषाओं (कोड) का इस्तेमाल करते हैं। यह कोड मिक्सिंग कहलाता है, जबकि एक भाषा में बोलते-बोलते दूसरी भाषा का इस्तेमाल करना कोड स्विचिंग कहलाता है। पाठ में से कोड मिक्सिंग और कोड स्विचिंग के तीन-तीन उदाहरण चुनिए और हिंदी भाषा में रूपांतरण करके लिखिए।

उत्तर-

उदाहरण –

कोड मिक्सिग –

·       सिक्स्थ पोजीशन आई है।

·       मैं सैवंथ क्लास के अमित की मैथ्स की कॉपी देखना चाहती हूँ।

·       स्कूल में आजकल प्राइवेट ट्यूशंस का चलन है।

·       कोई रिसर्च प्रोजेक्ट है क्या?

कोड स्विचिंग –

·       बोर्ड का काम ही यही है। इस आवर ड्यूटी मैडम।

·       कांग्रेचुलेशंस अमित, बधाई

·       विल यू प्लीज़ गेट आउट दिस रूम, मेम साहब को बाहर ले जाओ।

·       बैठिए, प्लीज सिडाउन


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