Class 6 Hindi Chapter 1 Vah Chidiya jo worksheets With Answer

Premium Class 6 Hindi Chapter 1 Vah Chidiya jo worksheets With Answer
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एनसीईआरटी कक्षा 6 हिंदी अध्याय 1 वाह चिड़िया जो वर्कशीट उत्तर के साथ

Begin a captivating literary journey with Class 6 Hindi Chapter 1, Vah Chidiya Jo, an inspiring narrative that kindles the flames of freedom and aspiration using the metaphor of a bird. This chapter is a poignant part of the Class 6 Hindi syllabus, drawing students into the boundless realm of dreams through its storytelling.

The Vah Chidiya Jo worksheets with answers enable students to delve deeply into the poem's stanzas, peeling back layers of meaning and cultivating a love for literature tied to the themes of liberty and independence.

Each Vah Chidiya Jo class 6 question and answer sequence is crafted to stimulate and challenge young minds, driving them to dissect and interpret the poetic verses, connect the message to their individual experiences, and grasp the wider implications of forging one's unique path in the world.

The Vah Chidiya Jo class 6 worksheet is not merely an academic exercise but a contemplative tool that prompts students to reflect on values like bravery, dreaming without confines, and the relentless quest for freedom.

As a feature of Class 6, this chapter transcends conventional learning paradigms; it serves as a profound piece brimming with evocative imagery and profound emotion that impactfully lingers with students as they progress academically and personally.

The study of Vah Chidiya Jo encourages students to set sail on a literary voyage that not only hones their linguistic abilities but also instills the essence of introspection and the valor to chase their dreams, making it a memorable milestone in their educational and self-development narrative.

सारांश

प्रस्तुत कविता ‘वह चिड़िया जो है’ कवि केदारनाथ अग्रवाल द्वारा रचित है। प्रस्तुत कविता में कवि ने अपने मन के भीतर कल्पित चिड़िया के माध्यम से मनुष्य के महत्त्वपूर्ण गुणों को उजागर किया है।

इस कविता में लेखक ने नीले पंखों वाली एक छोटी सी संतोषी चिड़िया के बारे में बता रहे हैं। उस नन्हीं सी चिड़िया को प्रकृति की हर वस्तु से अत्यंत लगाव है। कवि कहते हैं कि नीले रंग की छोटी चिड़िया को अन्न से बहुत प्यार है। वह बहुत ही रुचि और संतोष के साथ दूध भरे ज्वार के दाने खाती है। उसे अपने वन से भी बहुत प्यार है। वह बूढ़े वन में घूम-घूम कर अपने मीठे स्वर में वृक्षों के लिए प्यारे गीत गाती है। उसे एकांत और नदी से बहुत प्यार है। वह अत्यंत साहस के साथ उफनती नदी में से अपनी चोंच में पानी की बूँदें भर लाती है।

भावार्थ

वह चिड़िया जो-

चोंच मार कर

दूध-भरे जुंडी के दाने

रुचि से, रस से खा लेती है

वह छोटी संतोषी चिड़िया

नीले पंखोंवाली मैं हूँ

मुझे अन्न से बहुत प्यार है।

नए शब्द/कठिन शब्द

जुंडी- ज्वार की बाली

रूचि से- चाव से

भावार्थ- प्रस्तुत पक्तियों में कवि एक नीले पंखों वाली छोटी चिड़िया का उल्लेख करते हुए बता रहे हैं कि यह चिड़िया बहुत ही संतोषी है तथा उसे अन्न से बहुत प्यार है। वह दूध से भरे ज्वार के दानों को बहुत ही रुचि से और रस लेकर खाती है, अर्थात कवि इस पद के माध्यम से स्वयं के संतोषी होने तथा अन्न के महत्त्व के बारे में बता रहे हैं।

वह चिड़िया जो-

कंठ खोलकर

बूढ़े वन-बाबा की ख़ातिर

रस उड़ेल कर गा लेती है

वह छोटी मुँह बोली चिड़िया

नीले पंखोंवाली मैं हूँ

मुझे विजन से बहुत प्यार है।

नए शब्द/कठिन शब्द

कंठ- गला

बूढ़े वन-बाबा- पुराना घना वन

विजन-एकांत

भावार्थ- प्रस्तुत पक्तियों में कवि नन्हीं चिड़िया के बारे में बता रहे हैं कि इस नन्ही चिड़िया को उस वन से भी बहुत प्यार है जिसमें वह रहती है तथा अपने बूढ़े वन बाबा और उसके वृक्षों के लिए वह अपने मीठे कंठ से मधुर और सुरीला गीत गाती है। उसे एकांत में रहना पसंद है तथा वह प्रकृति के साथ इस गीत का अकेले में आनंद लेना चाहती है। यहाँ पर कवि प्रकृति से प्यार और एकांत से भी उमंग में रहने के बारे में बता रहे हैं।

वह चिड़िया जो-

चोंच मार कर

चढ़ी नदी का दिल टटोल कर

जल का मोती ले जाती है

वह छोटी ग़रबीली चिड़िया

नीले पंखोंवाली मैं हूँ

मुझे नदी से बहुत प्यार है।

नए शब्द/कठिन शब्द

चढ़ी नदी- जल से भरी

दिल टटोलकर- बीच से

जल का मोती- पानी की बूँदें

गरबीली- गर्व करने वाली

भावार्थ- अंतिम पद में कवि कहना चाहते हैं कि यह नीले पंखों वाली छोटी सी चिड़िया अत्यंत साहसी और गर्व से भरी हुई है क्योंकि यह चिड़िया छोटी होने के बाद भी उफनती हुई नदी के ऊपर से जल रूपी मोती ले आती है अर्थात जल से अपनी प्यास बुझा लेती है और नदी से और उसके जल से भी बहुत प्यार करती है।

यहाँ पर कवि मनुष्य के साहस के गुणों के बारे में बता रहे हैं।


 

NCERT SOLUTIONS

कविता से प्रश्न (पृष्ठ संख्या 2-3)

प्रश्न 1 कविता पढ़कर तुम्हारे मन में चिड़िया का जो चित्र उभरता है उस चित्र को कागज़ पर बनाओ।

उत्तर-

'वह चिड़िया जो' कविता को पढ़कर हमारे मन में चिड़िया का कुछ इस तरह चित्र उभरता है-

1.   चिड़िया के पंख चमकीले नीले और आकर्षक हैं।

2.   चिड़िया का आकार छोटा है।

3.   वह जंगल में गाती-फिरती है।

4.   वह नदी का पानी पीती है।

प्रश्न 2 तुम्हें कविता का कोई और शीर्षक देना हो तो क्या शीर्षक देना चाहोगे? उपयुक्त शीर्षक सोचकर लिखो।

उत्तर- कविता का शीर्षक हो सकता है- 'नन्हीं चिड़िया' या 'मुँहबोली चिड़िया'।

प्रश्न 3 इस कविता के आधार पर बताओ कि चिड़िया को किन-किन चीजों से प्यार है?

उत्तर- कविता से ज्ञात होता है कि उसे अन्न, विजन और नदी से प्यार है। वह दूध भरे जुंडी के दाने, मन से रुचिपूर्वक और स्वाद से खाती है। सुनसान जंगल में, एकांत में भी वह उमंग से गाती है। उफनती नदी से जल की बूंद अपनी चोंच में भर कर वह उड़ जाती है।

प्रश्न 4 आशय स्पष्ट करो!

a.   रस उँडेलकर गा लेती है

b.   चढ़ी नदी का दिल टटोलकर

जल का मोती ले जाती है।

उत्तर-

a.   चिड़िया मधुर स्वर में गाती है। उसके स्वर (आवाज) की मधुरता वातावरण में रस घोल देती है।

b.   चिड़िया जल से भरी, उफनती नदी के बीच से अपनी चोंच में पानी की बूंद लेकर उड़ जाती है। ऐसा लगता है जैसे वह नदी के हृदय से मोती लेकर उड़ी जा रही है।

अनुमान और कल्पना प्रश्न (पृष्ठ संख्या 8-10)

प्रश्न 1 कवि ने नीली चिड़िया का नाम नहीं बताया है। वह कौन-सी चिड़िया रही होगी ? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए पक्षी-विज्ञानी सालिम अली की पुस्तक 'भारतीय पक्षी' देखो। इनमें ऐसे पक्षी भी शामिल हैं जो जाड़े में एशिया के उत्तरी भाग और अन्य ठंडे देशों से भारत आते हैं। उनकी पुस्तक को देखकर तुम अनुमान लगा सकते हो कि इस कविता में वर्णित नीली चिड़िया शायद इनमें से कोई एक रही होगी

·       नीलकंठ

·       छोटा किलकिला

·       कबूतर

·       बड़ा पतरिंगा

उत्तर- कविता में वर्णित चिड़िया संभवतः नीलकंठ है।

प्रश्न 2 नीचे कुछ पक्षियों के नाम दिए गए हैं। उनमें यदि कोई पक्षी एक से अधिक रंग का है तो लिखो कि उसके किस हिस्से का रंग कैसा है। जैसे तोते की चोंच लाल है, शरीर हरा है।

मैना, कौवा, बत्तख, कबूतर.

उत्तर- मैना- काले रंग की होती है, इसकी चोंच पीली होती है।

कौवा- का पूरा शरीर काला होता है।

बत्तख- सफेद रंग की होती है, इसके चोंच और पाँव पीले होते हैं।

कबूतर- सफेद या धूसर रंग का होता है।

प्रश्न 3 कविता का हर बंध 'वह चिड़िया जो-' से शुरू होता है और मुझे बहुत प्यार है' पर खत्म होता है। तुम भी इन पंक्तियों का प्रयोग करते हुए अपनी कल्पना से कविता में कुछ नए बंध जोड़ो।

उत्तर- वह चिड़िया जो

फुदक फुदक कर

नील गगन की सीमा पाने

पंख पसारे उड़ जाती है

वह छोटी फुर्तीली चिड़िया

नीले पंखोंवाली मैं हूँ

मुझे गगन से बहुत प्यार है।

वह चिड़िया जो

रोज सवेरे

नियत समय आँगन में तेरे

तुझे उठाने आ जाती है

चूं-चूं करती छोटी चिड़िया

नीले पंखोंवाली मैं हूँ

मुझे सुबह से बहुत प्यार है।

प्रश्न 4 तुम भी ऐसी कल्पना कर सकते हो कि 'वह फूल का पौधा जो-पीली पंखुड़ियों वाला-महक रहा है- मैं हूँ।' उसकी विशेषताएँ मुझ में हैं।

फूल के बदले वह कोई दूसरी चीज़ भी हो सकती है जिसकी विशेषताओं की गिनाते हुए तुम उसी चीज़ से अपनी समानता बता सकते हो ऐसी कल्पना के आधार पर कुछ पंक्तियाँ लिखो।

उत्तर- वह फूल का पौधा जो

हवा में झूलता

आँगन में खड़ा मुस्करा रहा है

खुशबू अपनी फैला रहा है

पीली पंखुड़ियों वाला पौधा मैं हूँ

मुझे हवा से बहुत प्यार है।

वह फूल का पौधा जो

खिलता-मुरझाता

पर खुशबू से नाता सदा निभाता है

मुरझाने पर भी सुगंध ही देता

पीली पंखुड़ियों वाला वह पौधा मैं हूँ

मुझे महक से बहुत प्यार है।

भाषा की बात प्रश्न (पृष्ठ संख्या 8-10)

प्रश्न 1 पंखोंवाली चिड़िया

ऊपरवाली दराज़

नीले पंखों वाली चिड़िया

सबसे ऊपरवाली दराज़

यहाँ रेखांकित शब्द विशेषण का काम कर रहे हैं। ये शब्द चिड़िया और दराज संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, अतः रेखांकित शब्द विशेषण हैं और चिड़िया, दराज़ विशेष्य हैं। यहाँ ‘वाला/वाली' जोड़कर बनने वाले कुछ और विशेषण दिए गए हैं। ऊपर दिए गए उदाहरणों की तरह इनके आगे एक-एक विशेषण और जोड़ो.."

_________मोरों वाला बाग

_________पेड़ों वाला वन

_________ फूलों वाली क्यारी

________स्कूल वाला रास्ता

________ हँसने वाला बच्चा

________मूंछों वाला आदमी

उत्तर- सुंदर: मोरों वाला बाग = सुंदर मोरों वाला

बाग: पेड़ों वाला वन = हरे पेड़ों वाला वन

रंग-बिरंगे: फूलों वाली क्यारी = रंग-बिरंगे फूलों वाली क्यारी

छोटे: स्कूल वाला रास्ता = छोटे स्कूल वाला रास्ता

बहुत: हँसने वाला बच्चा = बहुत हँसने वाला बच्चा

घनी: मूंछों वाला आदमी = घनी मूंछों वाला आदमी

प्रश्न 2

a.   वह चिड़िया... जुंडी के दाने रुचि से... खा लेती है।

वह चिड़िया... रस उँडेलकर गा लेती है।

कविता की इन पंक्तियों में मोटे छापे वाले शब्दों को ध्यान से पढ़ो। पहले वाक्य में 'रुचि से' खाने के ढंग की और दूसरे वाक्य में 'रस उँडेलकर' गाने के ढंग की विशेषता बता रहे हैं। अतः ये दोनों क्रियाविशेषण हैं।

नीचे दिए वाक्यों में कार्य के ढंग या रीति से संबंधित क्रियाविशेषण छाँटो।

सोनाली जल्दी-जल्दी मुँह में लड्डू ठूसने लगी।

b.   नीचे दिए वाक्यों में कार्य के ढंग या रीति से संबंधित क्रियाविशेषण छाँटो।

गेंद लुढ़कती हुई झाड़ियों में चली गई।

c.   नीचे दिए वाक्यों में कार्य के ढंग या रीति से संबंधित क्रियाविशेषण छाँटो।

भूकंप के बाद जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य होने लगा।

d.   नीचे दिए वाक्यों में कार्य के ढंग या रीति से संबंधित क्रियाविशेषण छाँटो।

कोई सफ़ेद-सी चीज़ धप्प-से आँगन में गिरी।

e.   नीचे दिए वाक्यों में कार्य के ढंग या रीति से संबंधित क्रियाविशेषण छाँटो।

टॉमी फुर्ती से चोर पर झपटा।

f.    नीचे दिए वाक्यों में कार्य के ढंग या रीति से संबंधित क्रियाविशेषण छाँटो।

तेजिंदर सहमकर कोने में बैठ गया।

g.   नीचे दिए वाक्यों में कार्य के ढंग या रीति से संबंधित क्रियाविशेषण छाँटो।

आज अचानक ठंड बढ़ गई है।

उत्तर-

a.   जल्दी-जल्दी.

b.   लुढ़कती हुई.

c.   धीरे-धीरे.

d.   धप्प-से.

e.   फुर्ती से.

f.    सहमकर.

g.   अचानक।

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  • Vah chidiya jo

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