Class 6 Hindi Sansar Pustak Hai Worksheet with Answer

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कक्षा 6 हिंदी अध्याय 10 संसार पुस्तक है उत्तर सहित वर्कशीट

The timeless phrase "sansar pustak hai" (संसार पुस्तक है) captivates the imagination, reminding us that the world around us is a treasure trove of stories, waiting to be read and understood. Diving into the ocean of literature, the beautifully curated chapter in the curriculum offers students a unique lens to view the world. Seekers of deeper insights can unravel the intricacies of this chapter through the संसार पुस्तक है पाठ का सारांश, which succinctly captures the essence and provides an elaborate overview. To further facilitate the learning process, the sansar pustak hai class 6 pdf is an invaluable resource, providing an accessible and comprehensive reference.

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सारांश

प्रस्तुत कविता में एक बालिका अपनी माँ की सबसे छोटी संतान बनने की इच्छा प्रकट करती है। ऐसा करने से वह सदा अपनी माँ का प्यार और दुलार पाती रहेगी। उसकी गोद में खेल पाएगी। उसकी माँ हमेशा उसे अपने आँचल में रखेगी, उसे कभी अकेला नहीं छोड़ेगी। उसे लगता है कि वह सबसे छोटी होगी, तो माँ उसका सबसे अधिक ध्यान रखेगी। सबसे छोटी होने से उसकी माँ उसे अपने हाथ से नहलाएगी, सजाएगी और सँवारेगी। उसे प्यार से परियों की कहानी सुनाकर सुलाएगी। वह कभी बड़ी नहीं होना चाहती क्योंकि इससे वह अपनी माँ का सुरक्षित और स्नेह से भरा आँचल खो देगी।

भावार्थ

मैं सबसे छोटी होऊँ

तेरी गोदी में सोऊँ

तेरा आँचल पकड़-पकड़कर

फिरू सदा माँ तेरे साथ

कभी न छोड़ूँ तेरा हाथ

भावार्थ- कविता की इन पक्तियों में बच्ची कह रही है कि काश मैं अपनी माँ की सबसे छोटी संतान बनूँ ताकि मैं उनकी गोदी में प्यार से सो सकूँ। प्यार से उनका आँचल पकड़कर, हमेशा उनके साथ घूमती रहूँ और उनका हाथ कभी ना छोड़ूँ।

बड़ा बनाकर पहले हमको

तू पीछे छलती है मात

हाथ पकड़ फिर सदा हमारे

साथ नहीं फिरती दिन-रात

भावार्थ- प्रस्तुत पक्तियों में बालिका कह रही है कि जैसे ही हम बड़े हो जाते हैं, माँ हमारा साथ छोड़ देती है। फिर वह दिन-रात हमारे आगे-पीछे नहीं घूमती, इसलिए हमें छोटा ही बने रहना चाहिए।

अपने कर से खिला, धुला मुख

धूल पोंछ, सज्जित कर गात

थमा खिलौने, नहीं सुनाती

हमें सुखद परियों की बात

भावार्थ- प्रस्तुत पक्तितों में बच्ची आगे कहती है कि बड़े होने के बाद माँ हमें अपने हाथ से नहलाती नहीं, ना ही सजाती और सँवारती है। फिर तो माँ हमें प्यार से एक जगह बिठा कर खिलौनों से नहीं खिलाती और परियों की कहानी भी नहीं सुनाती।

ऐसी बड़ी न होऊँ मैं

तेरा स्‍नेह न खोऊँ मैं

तेरे अंचल की छाया में

छिपी रहूँ निस्‍पृह, निर्भय

कहूँ दिखा दे चंद्रोदय

भावार्थ- प्रस्तुत अंतिम पक्तियों में बच्ची कह रही है कि मुझे बड़ा नहीं बनना है क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो मैं माँ के आँचल का साया खो दूँगी, जिसमें मैं निर्भय और सुरक्षित होकर आराम से सो जाती हूँ।

अतः बच्ची हमेशा छोटी ही रहना चाहती है क्योंकि बड़ा होने के बाद उसे माँ का प्यार और दुलार नहीं मिल पाएगा।


 

NCERT SOLUTIONS

पत्र से प्रश्न (पृष्ठ संख्या 91)

प्रश्न 1 लेखक ने ‘प्रकृति के अक्षर’ किन्हें कहा है?

उत्तर- लेखक ने प्रकृति के अक्षर चट्टानों के टुकड़े, वृक्षों, पहाड़ों, नदियों, समुद्र, जानवरों की हड्डियाँ आदि को कहा है।

प्रश्न 2 लाखों-करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती कैसी थी?

उत्तर- लाखों करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती बहुत गर्म थी और उस पर कोई जानदार चीज नहीं रह सकती थी। इसी कारण उस समय धरती पर मनुष्यों का अस्तित्व नहीं था। धीरे-धीरे उसमें परिवर्तन होते गए और धरती में जानवरों और पौधे का जन्म हुआ।

प्रश्न 3 दुनिया का पुराना हाल किन चीज़ों से जाना जाता है? उनके कुछ नाम लिखो।

उत्तर- दुनिया का पुराना हाल चट्टानों के टुकड़े, वृक्षों, पहाड़ों, सितारे, नदियों, समुद्र, जानवरों की हड्डियों आदि चीज़ों से जाना जाता है।

प्रश्न 4 गोल चमकीला रोड़ा अपनी क्या कहानी बताता है?

उत्तर- गोल चमकीला रोड़ा अपनी कहानी बताते हुए कहता है कि वह कभी एक चट्टान का हिस्सा था। एक दिन पहाड़ों से बहते हुए पानी ने उसे बहाकर घाटी में भेज दिया। वहाँ से आगे एक पहाड़ी नाले ने उसे आगे धकेलकर दरिया में पहुँचा दिया। इसी प्रकार अपनी इस यात्रा में घिसते-घिसते वह चमकदार रोड़ा बन गया।

प्रश्न 5 गोल चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता तो क्या होता? विस्तार से उत्तर लिखो।

उत्तर- गोल चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता तो वह छोटा होते-होते अंत में बालू का एक जर्रा हो जाता और समुद्र के किनारे अपने भाइयों से जा मिलता, जहाँ एक सुंदर बालू का किनारा बन जाता, जिसपर छोटे-छोटे बच्चे खेलते और बालू के घरौंदे बनाते।

प्रश्न 6 नेहरू जी ने इस बात का हलका-सा संकेत दिया है कि दुनिया कैसे शुरू हुई होगी। उन्होंने क्या बताया है? पाठ के आधार पर लिखो।

उत्तर- नेहरूजी ने दुनिया कैसे शुरू हुई के बारे में बताया है कि धरती लाखों करोड़ों वर्ष पुरानी है और बहुत दिनों तक इसमें कोई आदमी न था। आदमियों के पहले सिर्फ़ जानवर थे और जानवरों से पहले एक ऐसा समय था जब यह धरती बेहद गर्म थी और इस पर कोई जानदार चीज नहीं रह सकती थी।

पत्र से आगे प्रश्न (पृष्ठ संख्या 91)

प्रश्न 1 लगभग हर जगह दुनिया की शुरुआत को समझाती हुई कहानियाँ प्रचलित हैं। तुम्हारे यहाँ कौन सी कहानी प्रचलित है?

उत्तर- हमारे यहाँ तो यही कहानी प्रचलित है कि दुनिया और सृष्टि के रचयिता ईश्वर हैं।

प्रश्न 2 तुम्हारी पसंदीदा किताब कौन सी है और क्यों?

उत्तर- मेरी पसंदीदा किताव पं. विष्णुशर्मा द्वारा रचित पंचतंत्र है क्योंकि इस पुस्तक में रोचक कथाओं के माध्यम से कई महत्त्वपूर्ण उपदेश दिए गए हैं जो जीवन के हर पग पर हमारा मार्गदर्शन करते हैं।

प्रश्न 3 मेरी पसंदीदा किताव पं. विष्णुशर्मा द्वारा रचित पंचतंत्र है क्योंकि इस पुस्तक में रोचक कथाओं के माध्यम से कई महत्त्वपूर्ण उपदेश दिए गए हैं जो जीवन के हर पग पर हमारा मार्गदर्शन करते हैं।

उत्तर- मसूरी उत्तराखंड और इलाहाबाद उत्तर-प्रदेश प्रान्तों के शहर हैं।

प्रश्न 4 तुम जानते हो कि दो पत्थरों को रगड़कर आदि मानव ने आग की खोज की थी। उस युग में पत्थरों का और क्या-क्या उपयोग होता था?

उत्तर- उस युग में पत्थरों का उपयोग जानवरों को डराने के लिए, उनका शिकार करने के लिए, आत्म रक्षा के लिए, हथियार, खेती के औजार, मकान बनाने आदि के लिए होता था।

भाषा की बात प्रश्न (पृष्ठ संख्या 92-93)

प्रश्न 1 ‘इस बीच वह दरिया में लुढ़कता रहा।’ नीचे लिखी क्रियाएँ पढ़ों। क्या इनमें और ‘लुढ़कना’ में तुम्हें कोई समानता नजर आती है?

ढकेलना, सरकना, खिसकना

उत्तर-

ढकेलना

-

इतना भारी पत्थर ढकेलना तो मुश्किल है।

सरकना

-

आदत होने के कारण नई दुल्हन का घूँघट सरकने लगा।

खिसकना

-

बॉस के आने से पहले ही रोहन ऑफिस से खिसक लिया।

प्रश्न 2 चमकीला रोड़ा- यहाँ रेखांकित विशेषण ‘चमक’ संज्ञा में ‘ईला’ प्रत्यय जोड़ने पर बना है।

निम्नलिखित शब्दों में यही प्रत्यय जोड़कर विशेषण बनाओ और इनके साथ उपयुक्त संज्ञाएँ लिखो-

पत्थर, काँटा, रस, जहर।

उत्तर-

शब्द

विशेषण

संज्ञा शब्द

पत्थर

पथरीला

रास्ता

काँटा

कँटीला

मार्ग

रस

रसीला

फल

जहर

जहरीला

शरबत

प्रश्न 3 नीचे वाक्यों को जोड़ने वाले कुछ और अव्यय दिए गए हैं। उन्हें रिक्त स्थानों में लिखो। इन शब्दों से तुम भी एक-एक वाक्य बनाओ-

बल्कि/ इसलिए/ परंतु/ कि/ यदि/ तो/ नकि/ या/ ताकि

a.   कृष्णन फ़िल्म देखना चाहता है _____ मैं मेले में जाना चाहती हूँ।

बल्कि/ इसलिए/ परंतु/ कि/ यदि/ तो/ नकि/ या/ ताकि

b.   मुनिया ने सपना देखा _____ वह चंद्रमा पर बैठी है।

बल्कि/ इसलिए/ परंतु/ कि/ यदि/ तो/ नकि/ या/ ताकि

c.   छुट्टियों में हम सब ___ दुर्गापुर जाएँगे _____ जालंधर।

बल्कि/ इसलिए/ परंतु/ कि/ यदि/ तो/ नकि/ या/ ताकि

d.   सब्ज़ी कटवा कर रखना _______ घर आते ही मैं खाना बना लूँ।

बल्कि/ इसलिए/ परंतु/ कि/ यदि/ तो/ नकि/ या/ ताकि

e.   ______ मुझे पता होता कि शमीम बुरा मान जाएगा ______ मैं यह बात न कहता।

बल्कि/ इसलिए/ परंतु/ कि/ यदि/ तो/ नकि/ या/ ताकि

f.    इस वर्ष फसल अच्छी नहीं हुई है ______ अनाज महँगा है।

बल्कि/ इसलिए/ परंतु/ कि/ यदि/ तो/ नकि/ या/ ताकि

g.   विमल जर्मन सीख रहा है ______ फ्रेंच।

उत्तर-

a.   कृष्णन फ़िल्म देखना चाहता है परन्तु मैं मेले में जाना चाहती हूँ।

रीमा शरारती नहीं बल्कि शांत बालिका है

b.   मुनिया ने सपना देखा कि वह चंद्रमा पर बैठी है।

रोहन दुर्घटना में घायल हो गया इसलिए विवाह समारोह में सम्मिलित नहीं हो पाया।

c.   सिनेमा जाओ परन्तु अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद।

d.   सब्ज़ी कटवा कर रखना ताकि घर आते ही मैं खाना बना लूँ।

किसी ने सच ही कहा है कि झूठ के पाँव नहीं होते हैं।

e.   यदि मुझे पता होता कि शमीम बुरा मान जाएगा तो मैं यह बात न कहता।

यदि समय रहते बड़े भाई ने मेरी सहायता नहीं की होती तो आज मैं सफल न होता।

f.    इस वर्ष फसल अच्छी नहीं हुई है इसलिए अनाज महँगा है।

राम प्रदर्शनी में तुम जाना चाहते हो या मैं रोहन को भेज दूँ।

g.   विमल जर्मन सीख रहा है या फ्रेंच।

पढ़ाई पर ध्यान दो ताकि अच्छे अंक ला सको।


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