बाज और साँप NCERT Solutions for class 8 Hindi chapter 17 Vasant

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NCERT Solutions for class 8 Hindi Chapter 17 बाज और साँप | baaz aur saanp class 8 solution

Baaz aur saanp class 8 chapter summary

समुद्र के किनारे स्थित एक ऊँचे पर्वत की , एक अँधेरी गुफा में एक साँप रहता था। धूप में चमकती , झिलमिलाती उस समुद्र की तूफानी लहरें दिन भर उस पर्वत की चट्टानों से टकराती रहती थीं। उसी पर्वत की एक घाटी में एक नदी भी बहती थी जो अंतत: समुद्र में आकर मिल जाती थी।

साँप अपनी गुफा में आराम से बैठकर समुद्र की लहरों की आवाज़ और नदी के शोरगुल को चुपचाप शांति से सुनता रहता था। वह अपनी जिंदगी से पूरी तरह संतुष्ट था। वह अक्सर सोचता था कि वह उस गुफा का मालिक है और अपनी उस गुफा में वह बहुत अधिक सुरक्षित और सुखी है।

लेकिन एक दिन , अचानक एक बाज घायल अवस्था में उसकी गुफा में गिर पड़ा जिसने उसकी जिंदगी को कुछ क्षण के लिए बदल दिया।

पहले तो साँप अपनी गुफा में बाज को देख कर डर गया लेकिन जब उसे लगा कि बाज मरणासन्न अवस्था में है तो वह धीरे-धीरे सरकते हुए उसके पास गया। पास जाने पर बाज ने सांप को बताया कि उसका जीवन अब समाप्त होने वाला है लेकिन उसे अपने मरने का कोई दुख नहीं है क्योंकि उसने अपने जीवन के हर पल को भरपूर जिया हैं।

दूर-दूर तक खूब लम्बी उड़ानें भरी हैं। स्वतंत्रता पूर्वक आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से छुआ है ।

बाज की साहसिक बातें सुनकर सांप , बाज से कहता है कि आसमान की ऊँचाइयों में क्या रखा है ? वह तो जमीन में रहते हुए भी सुरक्षित , प्रसन्न व सुखी हैं और अपनी इस गुफा में बेहद खुश हैं। बाज ने गुफा के अंदर चारों ओर एक नजर दौड़ाई और गुफा से आने वाली दुर्गंध को महसूस किया जो उसे बिल्कुल पसंद नहीं आई।

फिर बाज ने साँप से कहा कि आकाश में उड़ना बेहद आनन्ददायक होता है। इसीलिए वो एक अंतिम बार फिर से आकाश में उड़ना चाहता है। साँप , बाज को अपनी अंतिम इच्छा पूरी करने के लिये उत्साहित करने लगा और फिर बाज ने अपनी पूरी हिम्मत व साहस बटोर कर एक बार उड़ने की कोशिश की।

किंतु उसके टूटे हुए पंखों में इतनी शक्ति नहीं थी कि वो उसके घायल शरीर का बोझ सँभाल सकें इसीलिए वह सीधे समुद्र में जा गिरा और थोड़ी देर बहता हुआ समुद्र की लहरों में गायब हो गया। साँप , बाज का ऐसा हाल देखकर हैरान हो गया और उसने मन ही मन सोचा कि आसमान में उड़ने में ऐसा क्या आनंद आता है कि बाज ने अपने प्राण तक गँवा दिए।

अब साँप के मन में भी आकाश में उड़ने की इच्छा जागती है और वह भी उड़ने की कोशिश करता हैं। चूंकि सांप का शरीर प्रकृति ने उड़ने के हिसाब से नहीं बनाया है। इसीलिये जैसे ही वह उड़ने के लिये अपने शरीर को हवा में उछालता है तो औंधे मुंह ज़मीन पर आ गिरता है लेकिन किसी तरह से बच जाता है।

अब सांप सोचता हैं कि उड़ने में कोई आनंद नहीं है। सारे पक्षी मूर्ख होते हैं। असली सुख तो धरती में ही हैं। ये पक्षी तो व्यर्थ में ही आकाश की ऊँचाइयों को नापना चाहते थे लेकिन अब मैं कभी- भी उड़ने की कोशिश नहीं करूंगा। आराम से सुरक्षित जमीन पर रहूंगा।

अभी सांप अपनी गुफा में बैठा यही बातें सोच ही रहा था कि तभी उसके कानों में सुंदर गीतों की मधुर ध्वनि सुनाई पड़ी। इस समंदर में इतने मधुर स्वर में कौन गा रहा है ? यही देखने के लिए सांप अपनी गुफा से बाहर आया तो देखा कि समुद्र की लहरें उस बाज की प्रशंशा में मधुर गीत गा रही थी जिसने बिना हार माने , बिना हिम्मत गँवाये , आकाश में उड़ने की चाहत में अपने प्राणों की बाजी लगा दी।

गीत गाते हुए समुद्र की लहरें कह रहीं थी कि “उनका यह सुंदर गीत उन सभी बहादुर व हिम्मती लोगों को समर्पित है जो अपने लक्ष्य व अपनी स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए अपने प्राणों की परवाह भी नहीं करते हैं और इस दुनिया में वही व्यक्ति चतुर है जो अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर , आने वाले हर खतरे का बहादुरी से सामना करे और अपनी जिंदगी को पूरी आजादी के साथ भरपूर जिए”।

यहां पर लेखक समुद्र की लहरों के माध्यम से सभी को यह संदेश देना चाहते हैं कि लगातार और बार-बार प्रयास करने से ही सफलता मिलती है। भले ही आपको शुरुवात में असफलता का सामना क्यों ना करना पड़े लेकिन आप तब तक प्रयास करते रहें जब तक आप अपने लक्ष्य को प्राप्त नही कर लेते।

उसके बाद समुद्र की लहरें बाज से कहती हैं कि ” ओ निडर बाज !! शत्रुओं से लड़ते हुए तुमने अपना कीमती रक्त बहाया है पर वह समय दूर नहीं है , जब तुम्हारे खून की एक-एक बूँद जिंदगी के अँधेरे में प्रकाश फैलाएगी और साहसी व बहादुर लोगों के दिलों में स्वतंत्रता प्राप्ति का जज्बा पैदा करेगी।

बाज , तुम मर कर भी अमर हो और जब भी इस दुनिया में वीरता के गीत गाए जाएंगे , तुम्हारा नाम उन गीतों में श्रद्धा के साथ लिया जाएगा”।

और अंत में लहरें कहती हैं कि “हमारा गीत जिंदगी के उन दीवानों के लिए है जो मृत्यु से नहीं डरते”।

बाज़ की बहादुरी व कुर्बानी के आगे समुद्र की लहरें भी नतमस्तक थी। लेखक की ये पंक्तियों स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए लोगों के दिलों में प्रेम व साहस पैदा करती हैं।


 

NCERT SOLUTIONS

बाज और साँप question answer

शीर्षक और नायक प्रश्न (पृष्ठ संख्या 116)

प्रश्न 1 लेखक ने इस कहानी का शीर्षक कहानी के दो पात्रों के आधार पर रखा है। लेखक ने बाज और साँप को ही क्यों चुना? आपस में चर्चा कीजिए।

उत्तर- इस कहानी के द्वारा लेखक ने जिंदगी में कुछ नया करने वालों और जिंदगी को एक चुनौती माने वालों तथा जिंदगी में अपने भाग्य को ही सबकुछ मानने वालों की तुलना की है। एक ओर जहाँ सॉप अपनी गुफा में खुश है और उसको ही अपने जीवन की बड़ी उपलब्धि मानता है वहीं दूसरी ओर बाज है जो आसमान की उँचाइयों को लगातार छूना चाहता है। इसीलिए लेखक ने बाज और सापॅ को चुना।

कहानी से प्रश्न (पृष्ठ संख्या 117)

प्रश्न 1 घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, "मुझे कोई शिकायत नहीं है।" विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर- बाज ने अपने जीवन में आसमान की उँचाइयों को छुआ। जीवन को भरपूर जिया और अब जीवन के आखरी पड़ाव में घायल होने के बाद भी वह अपने जीवन से पूर्णत: संतुष्ट है। इसीलिए उसने कहा कि मुझे कोई शिकायत नहीं है।

प्रश्न 2 बाज जिंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था?

उत्तर- वह घायल होने के बाद भी इसलिए उड़ना चाहता था क्योंकि वह अपने जीवन का एक पल भी नष्ट नहीं करना चाहता था और अंतिम समय में एक बार फिर आकाश की उँचाइयों को छूना चाहता था।

प्रश्न 3 साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर उसने उड़ने की कोशिश क्यों की?

उत्तर- सॉप अपने आप को पूर्ण और संतुष्ट मानता था और उासमान में उडना मुखतापूर्ण मानता था फिर भी बाज के कहने पर उसने आसमान में उड़ने की कोशिश की और नीचे आ गिरा वह मरते-मरते बचा। उसे लगा कि बाज तो मूर्ख था मैं तो उसकी बातों में आकर मरते-मरते बचा हूँ।

प्रश्न 4 बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था?

उत्तर- बाज के लिए लिए लहरों ने गीत इसलिए गाया क्योंकि उसने अपने जीवन के आखरी क्षणों में भी पूरा उत्साह दिखाया था।

प्रश्न 5 घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा?

उत्तर- सॉप और बाज दोनों ही परम शत्रु होते हैं बाज सापॅ को देखते ही खा जाता है। धायल बाज को देखकर सॉप इसलिए मुस्कुराया क्योंकि अब वह उसके लिए नुकसानदायक नहीं था।

कहानी से आगे प्रश्न (पृष्ठ संख्या 117)

प्रश्न 1 कहानी में से वे पंक्तियाँ चुनकर लिखिए जिनसे स्वतंत्रता की प्रेरणा मिलती हो।

उत्तर- बाज में एक नयी आशा जग उठी। वह दूने उत्साह से अपने घायल शरीर को घसीटता हुआ चट्टान के किनारे तक खींच लाया। खुले आकाश को देखकर उसकी आँखें चमक उठीं। उसने एक गहरी, लंबी साँस ली और अपने पंख फैलाकर हवा में कूद पड़ा।

प्रश्न 2 लहरों का गीत सुनने के बाद साँप ने क्या सोचा होगा? क्या उसने फिर से उड़ने की कोशिश की होगी? अपनी कल्पना से आगे की कहानी पूरी कीजिए।

उत्तर- लहरों का गीत सुनकर सॉप ने सोचा होगा कि बाज की बहादुरी से प्रसन्न होकर लहरों ने उसके लिए गीत गया है। मुझे भी कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे कि मेरे लिए भी गीत गाए जाएं। उसने उड़ने की कोशिश नहीं की होगी क्योंकि वह उसके लिए संभव नहीं है उसने अपने अनुसार अन्य कार्य को करने की योजना बनाई होगी।

प्रश्न 3 क्या पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा या स्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव होता ही नहीं? विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर- पक्षियों का उड़ते समय आनंद की अनुभूति होती होगी क्योंकि वह तो उनके लिए स्वाभाविक कार्य है लेकिन यदि स्वभाविक कार्य भी उत्साह से किया जाए तो वह आनन्ददायक होता ही है।

प्रश्न 4 मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा की है। आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन साधनों से पूरी करता है।

उत्तर- मानव ने पक्षियों को उड़ते देखकर उनकी तरह ही उड़ने की इच्छा जाग्रत की होगी। तभी तो उसने अपनी इस इच्छा की पूर्ति के लिए हवाई जहाज का आविष्कार किया और उसी के द्वारा वह अपनी उड़ने की इच्छा की पूर्ति करने लगा।

अनुमान और कल्पना प्रश्न (पृष्ठ संख्या 117)

प्रश्न 1 यदि इस कहानी के पात्र बाज और साँप न होकर कोई और होते तब कहानी कैसी होती? अपनी कल्पना से लिखिए।

उत्तर- कहानी में बाज और सॉप न होकर कोई अन्य पात्र होता तो कहानी उतनी प्रभावी नहीं होती क्योंकि इनके माध्यम से लेखक ने मानसिक सोच में अंन्तर दिखाया है जो कि बाज और सॉप के द्वारा ही संभव है।

भाषा की बात प्रश्न (पृष्ठ संख्या 118)

प्रश्न 1 कहानी में से अपनी पसंद के पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

उत्तर-

1.   भॉप लेना– भारतीय फौज ने दुश्मन के इरादों को पहले ही भॉप लिया।

2.   हिम्मत बाँधना– सॉप ने घायल बाज की हिम्मत बॅधाई।

3.   अंतिम सॉस लेना– घायल बाज अपनी अंतिम सॉसें लेने लगा।

4.   प्राण हथेली पर रखना– सेना के जवान अपने प्राण हथेली पर लेकर चलते हैं।

5.   मन में आशा जागना– सॉप के बार-बार कहने पर बाज के मन में भी आशा जाग गई।

प्रश्न 2 'आरामदेह' शब्द में 'देह' प्रत्यय है। यहाँ ‘देह' 'देनेवाला' के अर्थ में प्रयुक्त है। देनेवाला के अर्थ में 'द', 'प्रद', 'दाता', 'दाई' आदि का प्रयोग भी होता है, जैस–सुखद, सुखदाता, सुखदाई, सुखप्रद। उपर्युक्त समानार्थी प्रत्ययों को लेकर दो-दो शब्द बनाइए।

उत्तर-

प्रत्यय

शब्द

प्रद

हानिप्रद, लाभप्रद

दाता

अन्नदाता, प्राणदाता

दाई

सुखदाई, दुखदाई

दुखद, सुखद

 

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