विश्वेश्वरैया - NCERT Solutions for class 7 Hindi chapter 9 Visvesvaraya

Premium विश्वेश्वरैया - NCERT Solutions for class 7 Hindi chapter 9 Visvesvaraya
Share this

Embark on an inspirational journey as you explore the life and contributions of विश्वेश्वरैया or Visvesvaraya, an iconic figure whose remarkable legacy resonates even today. For Class 7 students studying about this visionary engineer and statesman, we provide comprehensive material to enhance their understanding. The Visvesvaraya question answer segment helps students delve deeper into his achievements and their profound impact. Drawing from NCERT Class 7 curriculum, our analysis ensures a holistic understanding of Visvesvaraya's life and work. From his groundbreaking contributions in the field of engineering to his commendable services as the Diwan of Mysore, our resources on Visvesvaraya Class 7 provide a detailed study of his invaluable contributions. Discover how Visvesvaraya's relentless pursuit of excellence and his innovative spirit laid the foundation for numerous development projects in India, inspiring generations to come.

अध्याय-9: विश्वेश्वरैया

NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 7 CHAPTER 9 HINDI

पाठ से प्रश्न (पृष्ठ संख्या 55)

--आर. के. मूर्ति (अनुवाद- सुमन जैन)

प्रश्न 1 अपने घर के बरामदे में खड़े होकर छ: वर्षीय विश्वेश्वरैया ने क्या देखा?

उत्तर- अपने घर के बरामदे में छ: वर्षीय विश्वेश्वरैया ने देखा कि बारिश के कारण वातावरण बहुत सुंदर हो गया है। पेड़ बारिश के कारण धुल गए थे। पत्तियों और टहनियों से पानी टपक रहा था। कुछ दूरी पर धान के खेत लहलहा रहे थे। गली में नाली में पानी जलप्रपात के समान घूम रहा था। उसमें इतनी शक्ति आ गई थी कि वह बहुत बड़े पत्थर को अपने साथ बहाकर ले जा रहा था। देखा जाए, प्रकृति के ये विभिन्न रूप सामूहिक रूप से प्रकृति की शक्ति का प्रदर्शन कर रहे थे। थोड़ी दूर कहीं एक गरीब स्त्री ताड़पत्र की छतरी पकड़े बारिश में खड़ी थी। वह बहुत गरीब थी। उसे देखे विश्वेश्वरैया के मन में प्रश्न उठा की लोग गरीब क्यों होते हैं। इस तरह देखते हुए उन्होंने गरीबी और प्रकृति के विषय में बहुत कुछ जानने का प्रयास किया।

प्रश्न 2 तुम्हें विश्वेश्वरैया की कौन सी बात सबसे अच्छी लगी? क्यों?

उत्तर- विश्वेश्वरैया जिज्ञासु, विचारशील, मेहनती बालक था। उसकी यह तीनों बातें हमें बहुत अच्छी लगीं। जिज्ञासा के कारण वह हर वस्तु के बारे में जानने को उत्सुक रहता था। विचारशील होने के कारण अपने आस-पास होने वाली बातों के विषय में गहराई से सोचता था। मेहनती इसलिए था कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ा परिश्रम करने से भी पीछे नहीं रहता था।

प्रश्न 3 विश्वेश्वरैया के मन में कौन-कौन से सवाल उठते थे?

उत्तर- प्रकृति तथा गरीबी के विषय में विश्वेश्वरैया के मन में सदैव विचार उठते थे। वह हवा, सूर्य और पानी की असीम शक्ति का मूल्यांकन लगता। इसके साथ ही वह गरीब लोगों की दुर्दशा देखकर परेशान रहता। वह ऐसा होने के पीछे कारण जानना चाहता था।

सवाल प्रश्न (पृष्ठ संख्या 55)

प्रश्न 1 विश्वेश्वरैया अपने मन में उठे सवालों का जवाब अपने अध्यापकों और बड़ों से जानने की कोशिश करते थे। क्या तुम अध्यापकों से पाठ्य पुस्तकों के सवालों के अतिरिक्त भी कुछ सवाल पूछते हो? कुछ सवालों को लिखो जो तुमने अपने अध्यापकों से पूछे हों।

उत्तर- हाँ हम अपने अध्यापक-अध्यापिकाओं से इस प्रकार के कई सवाल पूछते हैं। वे इस प्रकार हैं:

1.   हम स्कूल क्यों आते हैं?

2.   स्कूल में अनुशासन क्यों आवश्यक होता है?

3.   हम खुले में क्यों नहीं पढ़ सकते हैं?

4.   खाना खाना क्यों आवश्यक होता है?

5.   कॉपी और पुस्तक का निर्माण किस वस्तु से होता है?

अनुभव और विचार (पृष्ठ संख्या 55-56)

प्रश्न 1 तुम्हें सर्दी-गरमी के मौसम में अपने घर के आसपास क्या-क्या दिखाई देता है?

उत्तर- गरमी के मौसम में पेड़ों में आम लग जाते हैं। चारों तरफ लोग पसीने में तरबतर रहते हैं। पौधे अत्यधिक गर्मी के कारण सूख जाते हैं। जमीन की ऊपरी सतह भी तेज़ गर्मी से सूख जाती है। चारों तरफ ऐ.सी. और कूलर चल रहे होते हैं। पशु और पक्षी जहाँ भी पानी मिले वहाँ इक्ट्ठे होकर पानी पी रहे होते हैं।

सर्दी के मौसम में लोग गरम कपड़ों से ढके होते हैं। लोग धूप सेंकने छतों तथा आँगनों पर बैठे होते हैं। सुबह और शाम कोहरा छाया रहता है। जगह-जगह लोग मूंगफली खाते दिखाई दे जाते हैं। रात में लोग स्थान-स्थान पर आग जलाकर बैठे होते हैं।

प्रश्न 2 तुमने पाठ में पढ़ा कि एक बूढ़ी महिला ताड़पत्र से बनी छतरी लिए खड़ी थी। पता करो कि ताड़पत्र से और क्या-क्या बनाया जाता है?

उत्तर- पुराने समय में ताड़पत्र पर विभिन्न पुस्तकों का निर्माण होता था। भारत में कागज़ के आगमन से बहुत पहले ही ताड़पत्रों पर लिखा जाता था; जिसे पांडुलिपि कहा जाता था। आजकल ताड़पत्र से टोकरियाँ, बैग, चटाई इत्यादि बनाए जाते हैं।

प्रश्न 3 विश्वेश्वरैया ने बचपन में रामायण, महाभारत, पंचतंत्र आदि की कहानियाँ सुनी थीं। तुमने पाठ्यपुस्तक के अलावा कौन-कौन सी कहानियाँ सुनी हैं? किसी कहानी के बारे में बताओ।

उत्तर- हमने अपने दादा जी से बहुत-सी धार्मिक कहानियाँ सुनी हैं। गणेश भगवान के जन्म को लेकर कहानी बहुत अद्भुत और अच्छी थी। कहानी इस प्रकार है-

बहुत समय पहले कि बात है। भगवान शंकर शिवलोक में नहीं थे। माता पार्वती शिवलोक में अकेली थीं। वह स्नान करना चाहती थीं, परन्तु स्वयं को अकेला जान थोड़ी चिंतित थीं। शिवलोक में कोई नहीं था। अत: उन्होंने शिव लोक की रक्षा के लिए उबटन से एक बालक बनाया और अपनी शक्ति से उसमें प्राण फूंक दिए। उन्होंने इस बालक का नाम गणेश रखा। उन्होंने गणेश को अपनी शक्तियाँ प्रदान की और कहा कि वह स्नानघर में जा रही हैं। उनकी आज्ञा के बिना कोई भी शिवलोक में प्रवेश न कर पाए। माता की अनुपस्थिति में गणेश शिवलोक की रक्षा करने लगे। इसी समय भगवान शिव राक्षसों का नाश करके शिवलोक आ रहे थे। परन्तु बालक गणेश ने उन्हें शिवलोक में जाने से मना कर दिया। अपने ही घर में प्रवेश करने से रोके जाने के कारण शिव बड़े आश्चर्यचकित हुए। बालक को उन्होंने बहुत प्रकार से समझाया परन्तु वह टस से मस न हुआ। स्थिति ऐसी बन गई की शिव का क्रोध सातवें आसमान पर था। उन्होंने एक झटके पर गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया। पुत्र की करुण पुकार सुनकर माता पार्वती तुरंत बाहर आ गईं। अपने पुत्र की दुर्दशा देखकर उनके क्रोध की सीमा नहीं रही। वह नाना-प्रकार से विलाप करने लगीं। धरती-आकाश काँप गया। माता पार्वती को शांत करने के उद्धेश्य से शिव भगवान ने अपने गणों को किसी जीवित प्राणी का सर लाने को कहा। परन्तु उन्होंने ऐसे प्राणी का सर लाना को कहा जो उत्तर दिशा की ओर मुख करके सोया हो।सारी पृथ्वी में उन्हें एक हाथी का बच्चा ही मिला। बस गण उस हाथी को ले आए। भगवान शंकर ने उस हाथी का सर गणेश जी के सर पर जोड़ दिया। वह अब पुन: जीवित हो गए थे। सभी देवी-देवताओं ने नाना प्रकार के अस्त्र-शस्त्र और वरदान दिए। भगवान शंकर ने आर्शीवाद दिया कि किसी भी मंगल कार्य को आरंभ करने से पूर्व उनकी पुजा करना अनिवार्य होगा।

प्रश्न 4 तुम्हारे मन में भी अनेक सवाल उठे होंगे जिनके जवाब तुम्हें नहीं मिले। ऐसे ही कुछ सवालों की सूची बनाओ।

उत्तर- मेरे मन में उठने वाले प्रश्न इस प्रकार है-

1.   क्या मनुष्य कभी अंतरिक्ष में बिना अंतरिक्ष सूट पहने जा पाएगा?

2.   क्या देवी-देवताओं का अस्तित्व कभी था?

3.   क्या मनुष्य पानी का निर्माण कर सकता है?

4.   क्या अंतरिक्ष मानवों का अस्तित्व सच में है?

5.   हम बड़े होते हैं परन्तु हम ही इस बात से अनजान क्यों होते हैं?

प्रश्न 5 तुम्हारे विचार से गरीबी के क्या कारण हैं?

उत्तर- अशिक्षा गरीबी का सबसे बड़ा कारण है। एक अशिक्षित व्यक्ति को धनोपार्जन के अच्छे साधन नहीं मिलते है। अशिक्षित होने के कारण वह मजदूरी या छोटी-मोटी नौकरी करता है। उससे इतना कम धन प्राप्त होता है कि वह अपना पेट ही भर पाए। उन्हें अच्छा जीवन स्तर मिल नहीं पाता और वह गरीब बने रहते हैं।

वाक्य बनाओ (पृष्ठ संख्या 56)

प्रश्न 1

a.   हरे-भरे

b.   उमड़-घुमड़

c.   एक-दूसरे

d.   धीरे-धीरे

e.   टप-टप

f.    फटी-पुरानी

उत्तर-

a.   हरे-भरे– हरे-भरे वन मनुष्य के लिए लाभकारी होते हैं।

b.   उमड़-घुमड़– बादल उमड़-घुमड़ कर आसमान में छा गए।

c.   एक-दूसरे– माँ और मैं एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते हैं।

d.   धीरे-धीरे– रेलगाड़ी धीरे-धीरे रुकने लगी।

e.   टप-टप– स्नानघर से टप-टप की आवाज़ आ रही है।

f.    फटी-पुरानी– एक छोटी बच्ची फटी-पुरानी फ्रॉक पहने खड़ी थी।

प्रश्नवाचक वाक्य (पृष्ठ संख्या 56)

प्रश्न 1 ज्ञान असीमित है।

उत्तर- क्या ज्ञान असीमित होता है?

प्रश्न 2 आकाश में अँधेरा छाया हुआ था।

उत्तर- क्या आकाश में अँधेरा छाया हुआ है?

प्रश्न 3 गड्ढे और नालियाँ पानी से भर गईं।

उत्तर- क्या गड्ढे और नालियाँ पानी से भर गईं हैं?

प्रश्न 4 उसने एक जल-प्रपात का रुप धारण कर लिया।

उत्तर- क्या उसने एक जल-प्रपात का रुप धारण कर लिया है।

प्रश्न 5 राष्ट्रीयता की चिंगारी जल उठी थी।

उत्तर- क्या राष्ट्रीयता की चिंगारी जल उठी थी।

प्रश्न 6 मैं काफी धन कमा लूँगा।

उत्तर- क्या मैं काफी धन कमा लूँगा।

  • Tags :
  • विश्वेश्वरैया

You may like these also

© 2024 Witknowlearn - All Rights Reserved.