अव्यय अव्यय किसे कहते हैं ? अव्यय के भेद और उदाहरण - कक्षा 7 के लिएPDF नोट्स

Premium अव्यय अव्यय किसे कहते हैं ? अव्यय के भेद और उदाहरण - कक्षा 7 के लिएPDF नोट्स
Share this

हिंदी व्याकरण की गहराई और रोमांच में अव्यय की समझ बहुत महत्वपूर्ण है। 'अव्यय किसे कहते हैं' - यदि यह सवाल आपके मन में है, तो हमारी CBSE Class 7 Hindi Grammar Solutions के साथ आपकी यात्रा को सुगम बनाने के लिए यहाँ हम हैं। अव्यय और उनके भेदों के विस्तारित विवरण और उदाहरणों के साथ, हमारी Hindi Grammar Book Class 7th की मदद से आप अव्ययीभाव समास के 10 उदाहरण और अव्यय के विविध पहलुओं को समझने में सक्षम होंगे। हमारा लक्ष्य है आपकी 'अव्यय' ज्ञान को बढ़ाना और आपको Class 7 Hindi Grammar में अद्वितीय बनाना।

अव्यय - avyay

अव्यय किसे कहते हैं व अव्यय का अर्थ

अव्यय ऐसे शब्द क्यों कहते हैं जिन शब्दों में लिंग, कारक, वचन आदि के कारण कोई भी परिवर्तन नहीं आता हो, उन्हें अव्यय अविकारी शब्द के नाम से जाना जाता है। यह शब्द हमेशा परिवर्तित होते हैं।

अव्पयय की परिभाषा - avyay ki paribhasha

जो शब्द लिंग, वचन, कारक, पुरूष और काल के कारण नहीं बदलते, वे अव्यय कहलाते हैं|

ऐसे शब्द जिसमें लिंग, वचन, पुरुष, कारक आदि के कारण कोई विकार नहीं आता अव्यय  कहलाते हैं।

यह सदैव अपरिवर्तित, अविकारी एवं अव्यय रहते हैं। इनका मूल रूप स्थिर रहता है, वह कभी बदलता नहीं है

जैसे – इधर, किंतु, क्यों, जब, तक, इसलिए, आदि। 

avyay meaning in english

In English, the Hindi term 'अव्यय' (Avyay) is translated as 'Indeclinable'. Indeclinables are words in grammar that have a fixed form and do not change according to gender, number, or case. They include many adverbs, prepositions, conjunctions, and interjections in English. Similarly, in Hindi, 'Avyay' are words that do not change their form for ling (gender), vachan (number), or kaarak (case).

अव्यय के भेद व उदाहरण

अव्यय के प्रकार – avyay ke bhed

1.   क्रिया विशेषण

2.   सम्बन्ध बोधक

3.   समुच्चय बोधक

4.   विस्मयादि बोधक

1.   क्रिया विशेषण –

वे शब्द जो क्रिया की विशेषता प्रकट करें, उन्हें क्रिया-विशेषण कहते हैं|

इसके चार भेद हैं

1.   कालवाचक :-

जिससे क्रिया के करने या होने के समय (काल) का ज्ञान हो, वह कालवाचक क्रिया विशेषण कहलाता है|

जैसे – परसों मंगलवार हैं, आपको अभी जाना चाहिए, आजकल, कभी, प्रतिदिन, रोज, सुबह, अक्सर, रात को, चार बजे, हर साल आदि।

2.   स्थान वाचक :– जिससे क्रिया के होने या करने के स्थान का बोध हो, वह स्थानवाचक क्रिया विशेषण कहलाता है।

जैसे– यहाँ, वहाँ, इधर, उधर, नीचे, ऊपर, बाहर, भीतर, आसपास आदि।

3.   परिमाणवाचक :– जिन शब्दों से क्रिया के परिमाण या मात्रा से सम्बन्धित विशेषता का पता चलता है। परिमाणवाचक क्रिया विशेषण कहलाते है।

जैसे –

·       वह दूध बहुत पीता है।

·       वह थोड़ा ही चल सकी।

·       उतना खाओ जितना पचा सको।

4.   रीतिवाचक :– जिससे क्रिया के होने या करने के ढ़ग का पता चले, वे रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहलाते है।

जैसे –

·       शनैः शनैः जाता है।

·       सहसा बम फट गया।

·       निश्चिय पूर्वक करूँगा।

2.   सम्बन्ध बोधक –

जिस अव्यय शब्द से संज्ञा अथवा सर्वनाम का सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ प्रकट होता है, उसे सम्बन्ध बोधक अव्यय कहते है।

जैसे-

·       उसके सामने मत ठहरो।

·       पेड़ के नीचे बैठो

से पहले, के भीतर, की ओर, की तरफ, के बिना, के अलावा, के बगैर, के बदले, की जगह, के साथ, के संग, के विपरीत आदि।

3.   समुच्चय बोधक या योजक –

जो अव्यय दो शब्दों अथवा दो वाक्यों को जोड़ने का कार्य करते हैं उन्हें समुच्चय बोधक अव्यय कहते है।

जैसे– और, तथा, एवं, मगर, लेकिन, किन्तु, परन्तु, इसलिए, इस कारण, अतः, क्योंकि, ताकि, या, अथवा, चाहे आदि।

4.   विस्मयादि बोधक –

जिन अविकारी शब्दों से हर्ष, शोक, आश्चर्य घृणा, दुख, पीड़ा आदि का भाव प्रकट हो उन्हे विस्मयादि बोधक अव्यय कहते हैं|

जैसे – ओह!, हे!, वाह!, अरे!, अति सुंदर!, उफ!, हाय!, धिक्कार!, सावधान!, बहत अच्छा!, तौबा-तौबा!, अति सुन्दर आदि।


FAQS

1. अव्ययीभाव समास के 10 उदाहरण क्या हैं?

अव्ययीभाव समास के 10 उदाहरण निम्नलिखित हैं: प्रताप, प्रतिपक्ष, प्रतिदिन, प्रतिवर्ष, प्रतिजन, प्रतिशत, प्रतिसूत, अन्यथा, यथाक्रम, यथास्थिति।

2. अव्यय के भेद व उदाहरण क्या हैं?

अव्यय के भेद और उदाहरण निम्नलिखित हैं: निपात (जैसे तो, ही), सम्बन्ध सूचक (जैसे का, की, के), पुर्वसर्ग (जैसे प्र, अप), उपसर्ग (जैसे सं, वि)।

3. अव्ययीभाव समास के 50 उदाहरण क्या हैं?

यहां अव्ययीभाव समास के 50 उदाहरण दिए गए हैं:

  1. प्रतिदिन
  2. प्रतिवर्ष
  3. प्रतिमास
  4. प्रतिसप्ताह
  5. यथेच्छ
  6. यथास्थिति
  7. यथाक्रम
  8. यथाशास्त्र
  9. यथाविधि
  10. यथासंख्य
  11. अन्यथा
  12. सर्वथा
  13. एकदा
  14. द्विगुण
  15. त्रिगुण
  16. चतुर्गुण
  17. पञ्चगुण
  18. षड्गुण
  19. सप्तगुण
  20. अष्टगुण
  21. नवगुण
  22. दशगुण
  23. एकरात्रि
  24. द्विरात्रि
  25. त्रिरात्रि
  26. चतुर्रात्रि
  27. पञ्चरात्रि
  28. षड्रात्रि
  29. सप्तरात्रि
  30. अष्टरात्रि
  31. नवरात्रि
  32. दशरात्रि
  33. दिग्विजय
  34. अक्षय
  35. अविनय
  36. अविधेय
  37. अविकल
  38. अविचल
  39. अविकार
  40. अविनाश
  41. अपराजित
  42. अव्यय
  43. अपराह्ण
  44. अनुकूल
  45. अविश्राम
  46. अनिवार्य
  47. अनुकरण
  48. अनुप्राण
  49. अनुपम
  50. अनुशासन

4. अव्यय चे प्रकार क्या हैं?

अव्यय चार प्रकार के होते हैं: निपात, सम्बन्ध सूचक, पुर्वसर्ग, उपसर्ग।

5. अव्यय प्रकार मराठी में क्या हैं?

मराठी व्याकरण में अव्यय के प्रकार हैं: संयोजनात्मक (Conjunctive), विस्मयादिबोधक (Interjective), पूर्वप्रत्यय (Prefixes), निपात (Particles)।

6. अव्ययीभाव समास मराठी उदाहरणे क्या हैं?

मराठी व्याकरण में अव्ययीभाव समास के उदाहरण हैं: अप्रतिम (अ+प्रतिम), असाधारण (अ+साधारण), असंख्य (अ+संख्य)।

7. अव्यय के उदाहरण क्या हैं?

अव्यय के उदाहरण हैं: और, पर, यदि, तो, कि, का, की, के।

8. अव्यय in Sanskrit क्या होते हैं?

संस्कृत में अव्यय वे शब्द होते हैं जो लिंग, वचन, कारक, काल आदि के अनुसार अपना रूप नहीं बदलते हैं। जैसे 'च', 'वा', 'हि', 'तु', 'तथा' आदि।

9. अव्यय in English grammar क्या होते हैं?

अंग्रेजी व्याकरण में अव्यय 'Indeclinables' कहलाते हैं। ये वे शब्द होते हैं जो लिंग, संख्या या किसी अन्य विभक्ति के अनुसार अपना रूप नहीं बदलते। जैसे 'and', 'but', 'or', 'not', 'very' आदि।

10. अव्यय के भेद क्या हैं?

अव्यय के चार भेद होते हैं: निपात, सम्बन्ध सूचक, पुर्वसर्ग, उपसर्ग।

11. अव्यय के प्रकार क्या हैं?

अव्यय के प्रकार हैं: निपात, सम्बन्ध सूचक, पुर्वसर्ग, उपसर्ग।

12. अव्ययीभाव समास की परिभाषा क्या है?

जब समास के पहले पद की प्रधानता होती है और वह अव्यय हो, ऐसे समास को अव्ययीभाव समास कहते हैं। इसमें दोनों पदों का अर्थ मिलकर एक नया अर्थ निर्माण करता है।


  • Tags :
  • अव्यय

You may like these also

© 2024 Witknowlearn - All Rights Reserved.