पर्यायवाची शब्द क्या होते हैं और उनके 100 उदाहरण - PDFNotes

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पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं और उनके उदाहरण के साथ इस गाइड में जानें। पर्यायवाची शब्द वे शब्द होते हैं जो एक ही अर्थ या सामान्य अर्थ रखते हैं, लेकिन वाक्य में उपयोग करने के लिए विभिन्न शब्दों के रूप में आ सकते हैं। इस गाइड में आप पर्यायवाची शब्दों के उदाहरण और उनके अर्थ के बारे में जान सकते हैं, जो आपको इन शब्दों के प्रयोग की समझ में मदद करेगा।

पर्यायवाची शब्द


पर्यायवाची शब्द क्या होते हैं?


‘पर्याय’ का अर्थ है - ‘समान’ तथा ‘वाची’ का अर्थ है - ‘बोले जाने वाले’ अर्थात जिन शब्दों का अर्थ एक जैसा होता है, उन्हें ‘पर्यायवाची शब्द’ कहते हैं।

इसे हम ऐसे भी कह सकते है - जिन शब्दों के अर्थ में समानता हो, उन्हें ‘पर्यायवाची शब्द’ कहते है।

समान अर्थवाले शब्दों को ‘पर्यायवाची शब्द’ या समानार्थक भी कहते है।

जैसे - सूर्य, दिनकर, दिवाकर, रवि, भास्कर, भानु, दिनेश - इन सभी शब्दों का अर्थ है ‘सूरज’।

इस प्रकार ये सभी शब्द ‘सूरज’ के पर्यायवाची शब्द कहलायेंगे।

पर्यायवाची शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या होता है

पर्यायवाची शब्द दो पदों से मिल कर बना है – पर्याय + वाची।

·       पर्याय का मतलब है - अर्थ

·       वाची का मतलब है  - बताने वाला

अतः पर्यायवाची शब्द से तात्पर्य है - अर्थ बताने वाला। पर्यायवाची शब्दों से हमें एक ही शब्द के लिए प्रयोग होने वाले अन्य शब्दों का पता चलता है। इन सभी सभी शब्दों का एक ही अर्थ होता है।

इसी प्रकार समानार्थक / समानार्थी शब्द भी दो पदों से मिलकर बना है –

समान + अर्थक / समान + अर्थी

·       समान - एक जैसे

·       अर्थक /अर्थी - अर्थ वाले

अतः समानार्थक / समानार्थी का शाब्दिक अर्थ है - एक जैसे अर्थ वाले शब्द।

पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं

पर्यायवाची शब्द की व्याकरणीय परिभाषा

·       किसी शब्द-विशेष के लिए प्रयोग किए जाने वाले समान अर्थ वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द कहते हैं।

·       जिन शब्दों के अर्थ में समानता होती हैं, उन्हें पर्यायवाची शब्द या समानार्थक शब्द कहते हैं।

पर्यायवाची शब्द की परिभाषा (सरल शब्दों में)

जिन शब्दों की ध्वनियाँ (या रूप) अलग-अलग होती हैं, लेकिन अर्थ एक जैसे होते हैं, उन्हें पर्यायवाची शब्द या समानार्थक शब्द कहा जाता है। ऐसे शब्द दिखते तो अलग-अलग हैं, लेकिन इनका मतलब एक ही होता है।


पर्यायवाची शब्दों का उपयोग कैसे करें?


पर्यायवाची शब्दों का उपयोग करने के लिए, आपको वाक्य में उपयोग करने के लिए विभिन्न शब्दों के अर्थ और प्रयोग की समझ होनी चाहिए। आप एक शब्द के लिए उसके पर्यायवाची शब्दों की सूची ढूंढ सकते हैं और उन्हें अपने वाक्य में सही संयोजन कर सकते हैं। इससे आपके वाक्यों को रंगीन और रुचिकर बनाने में मदद मिलेगी। यदि आपको पर्यायवाची शब्दों की सूची नहीं मिलती है, तो आप इंटरनेट पर विभिन्न स्रोतों का उपयोग कर सकते हैं जो आपको पर्यायवाची शब्दों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।


पर्यायवाची शब्दों के लाभ क्या हैं?


पर्यायवाची शब्दों का उपयोग करने के कई लाभ हैं। पहले, यह आपके वाक्यों को विस्तृत और समृद्ध बनाता है। यह आपके वाक्यों को रंगीन और रुचिकर बनाने में मदद करता है और पाठकों की ध्यान आकर्षित करता है। दूसरे, यह आपकी भाषा को समृद्ध और सुंदर बनाता है। पर्यायवाची शब्दों का उपयोग करके आप अपनी भाषा को विस्तारित कर सकते हैं और अपने व्याख्यान को अद्यतित और रुचिकर बना सकते हैं। तीसरे, यह आपकी लेखन क्षमता को विकसित करता है। पर्यायवाची शब्दों का उपयोग करने से आपकी लेखन क्षमता में सुधार होता है और आप अपने शब्दों को सही और सुंदर ढंग से प्रयोग करना सीखते हैं। इसलिए, पर्यायवाची शब्दों का उपयोग करना आपके भाषा कौशल को बढ़ाने में मदद कर सकता है।


पर्यायवाची शब्दों के प्रयोग के नियम क्या हैं?


पर्यायवाची शब्दों के प्रयोग के नियम कई हैं। पहला नियम है कि पर्यायवाची शब्दों का उपयोग वाक्य में सही और सुंदर ढंग से किया जाना चाहिए। इसके लिए, आपको ध्यान देना चाहिए कि पर्यायवाची शब्द वाक्य के मायने और भाव को सही ढंग से प्रकट करें। दूसरा नियम है कि पर्यायवाची शब्दों का उपयोग वाक्य के संरचना में सुविधा और सुंदरता लाना चाहिए। आपको वाक्य के अंतर्गत पर्यायवाची शब्दों का उपयोग करके वाक्य को रंगीन और रुचिकर बनाना चाहिए। तीसरा नियम है कि पर्यायवाची शब्दों का उपयोग वाक्य के अर्थ को स्पष्ट करना चाहिए। आपको ध्यान देना चाहिए कि पर्यायवाची शब्द वाक्य के मायने को सही ढंग से प्रकट करें और वाक्य के अर्थ को स्पष्ट करें। इन नियमों का पालन करके आप पर्यायवाची शब्दों का सही और सुंदर ढंग से प्रयोग कर सकते हैं और अपनी भाषा कौशल को सुधार सकते हैं।



पर्यायवाची शब्दों के उदाहरण

(अ)

अतिथि :- मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहूना।

अमृत :- सुरभोग सुधा, सोम, पीयूष, अमिय, जीवनोदक ।

अग्नि :- आग, ज्वाला, दहन, धनंजय, वैश्वानर, रोहिताश्व, वायुसखा, विभावसु, हुताशन, धूमकेतु, अनल, पावक, वहनि, कृशानु, वह्नि, शिखी।

अनुपम :- अपूर्व, अतुल, अनोखा, अनूठा, अद्वितीय, अदभुत, अनन्य।

अनबन :- मतभेद, वैमनस्य, विरोध, असहमति, झगड़ा, तकरार, विवाद, बखेड़ा, टंटा।

अनमना :- उदास, अन्यमनस्क, उन्मन, विमुख, विरक्त, उदास, गतानुराग, अन्यमनस्क।

(आ)

आँख :- लोचन, अक्षि, नैन, अम्बक, नयन, नेत्र, चक्षु, दृग, विलोचन, दृष्टि, अक्षि।

आकाश :- नभ, गगन, द्यौ, तारापथ, पुष्कर, अभ्र, अम्बर, व्योम, अनन्त, आसमान, अंतरिक्ष,

आनंद :- हर्ष, सुख, आमोद, मोद, प्रसन्नता, आह्राद, प्रमोद, उल्लास।

आश्रम :- कुटी, स्तर, विहार, मठ, संघ, अखाड़ा ।

आम :- रसाल, आम्र, अतिसौरभ, मादक, अमृतफल, चूत, सहकार, च्युत (आम का पेड़)

आंसू :- नेत्रजल, नयनजल, चक्षुजल, अश्रु।

आत्मा :- जीव, देव, चैतन्य, चेतनतत्तव, अंतःकरण।

(इ)

इंसाफ :- न्याय, फैसला, अद्ल।

इजाजत :- स्वीकृति, मंजूरी, अनुमति।

इज्जत :- मान, प्रतिष्ठा, आदर, आबरू।

इनाम :- पुरस्कार, पारितोषिक, पारितोषित करना, बख्शीश।

इकट्ठा :- समवेत, संयुक्त, समन्वित, एकत्र, संचित, संकलित, संग्रहीत।

(ई)

ईश्वर :- परमपिता, परमात्मा, प्रभु, ईश, जगदीश, भगवान, परमेश्वर, जगदीश्वर, विधाता।

ईख :- गन्ना, ऊख, इक्षु।

ईप्सा :- इच्छा, ख्वाहिश, कामना, अभिलाषा।

ईमानदारी :- सच्चा, सत्यपरायण, नेकनीयत, यथार्थता, सत्यता, निश्छलता, दयानतदारी

ईर्ष्या :- विद्वेष, जलन, कुढ़न, ढाह।

ईसा :- यीशु, ईसामसीह, मसीहा।

(उ)

उपवन :- बाग़, बगीचा, उद्यान, वाटिका, पुष्पोद्यान, फुलवारी, पुष्पवाटिका, गुलिस्तान, चमन

उक्ति :- कथन, वचन, सूक्ति।

उग्र :- प्रचण्ड, उत्कट, तेज, महादेव, तीव्र, विकट।

उचित :- ठीक, मुनासिब, वाज़िब, समुचित, युक्तिसंगत, न्यायसंगत, तर्कसंगत, योग्य।

उच्छृंखल :- उद्दंड, अक्खड़, आवारा, अंडबंड, निरकुंश, मनमर्जी, स्वेच्छाचारी।

उजड्ड :- अशिष्ट, असभ्य, गँवार, जंगली, देहाती, उद्दंड, निरकुंश।

उजला :- उज्ज्वल, श्वेत, सफ़ेद, धवल।

उजाड :- जंगल, बियावान, वन।

उजाला :- प्रकाश, रोशनी, दीप्ति, द्योत, प्रभा, विभा, आलोक, तेज, ओज, चाँदनी।

(ऊ)

ऊँचा :- तुंग, उच्च, बुलंद, उर्ध्व, उत्ताल, उन्नत, ऊपर, शीर्षस्थ, उच्च कोटि का, बढ़िया।

ऊँचाई :- बुलंदी, उठान, उच्चता, तुंगता, बुलन्दी।

ऊँचा करना :- उन्नत करना, उत्थित करना, ऊपर उठाना।

ऊँट :- करभ, उष्ट्र, लंबोष्ठ, साँड़िया।

ऊखल :- ओखली, उलूखल, कूँडी।

ऊसर :- अनुपजाऊ, बंजर, अनुर्वर, वंध्या, भूमि।

(ऋ)

ऋक्ष :- भालू, रीछ, भीलूक, भल्लाट, भल्लूक।

ऋक्षेश :- चंद्रमा, चंदा, चाँद, शशि, राकेश, कलाधर, निशानाथ।

ऋण :- कर्ज, कर्जा, उधार, उधारी।

ऋणी :- कर्जदार, देनदार।

ऋतु :- रुत, मौसम, मासिक धर्म, रज:स्राव।

ऋतुराज :- बहार, मधुमास, वसंत, ऋतुपति, मधुऋतु।

ऋषभ :- वृष, वृषभ, बैल, पुंगव, बलीवर्द, गोनाथ।

(ए)

एकतंत्र :- राजतंत्र, एकछत्र, तानाशाही, अधिनायकतंत्र।

एकदंत :- गणेश, गजानन, विनायक, लंबोदर, विघ्नेश, वक्रतुंड।

एतबार :- विश्वास, यकीन, भरोसा।

एषणा :- इच्छा, आकांक्षा, कामना, अभिलाषा, हसरत।

एहसान :- कृपा, अनुग्रह, उपकार।

एक करना :- एकीकरण करना, सम्मिलित करना, मिलाना, जोड़ना, संघटित करना, संगठन बनाना।

(ऐ)

ऐंठ :- कड़, दंभ, हेकड़ी, ठसक।

ऐबी :- बुरा, खोटा, दुष्ट, अवगुण, गलती, त्रुटि, खामी, खराबी, कमी, अवगुण।

ऐयार :- धूर्त, मक्कार, चालाक।

ऐहिक :- सांसारिक, लौकिक, दुनियावी।

ऐक्य :- एकत्व, एका, एकता, मेल।

ऐश्वर्य :- धन-सम्पत्ति, विभूति, वैभव, समृद्धि, सम्पन्नता, ऋद्धि-सिद्धि।

(ओ)

ओज :- तेज, शक्ति, बल, चमक, कांति, दीप्ति, वीर्य।

ओजस्वी :- बलवान, बलशाली, बलिष्ठ, पराक्रमी, जोरावर, ताकतवर, शक्तिशाली।

ओंठ :- ओष्ठ, अधर, लब, रदनच्छद, होठ।

ओला :- हिमगुलिका, उपल, करका, बिनौरी, तुहिन, जलमूर्तिका, हिमोपल।

(औ)

औचक :- अचानक, यकायक, सहसा।

औरत :- स्त्री, जोरू, घरनी, महिला, मानवी, तिरिया, नारी, वनिता, घरवाली।

औचित्य :- उपयुक्तता, तर्कसंगति, तर्कसंगतता।

औलाद :- संतान, संतति, आसऔलाद, बाल-बच्चे।

औषधालय :- चिकित्सालय, दवाखाना, अस्पताल, हस्पताल, चिकित्सा भवन, शफाखाना।

(क)

कमल :- नलिन, अरविन्द, उत्पल, अम्भोज, तामरस, पुष्कर, महोत्पल, वनज, कंज।

किरण :- गभस्ति, रश्मि, अंशु, अर्चि, गो, कर, मयूख, मरीचि, ज्योति, प्रभा।

कामदेव :- मदन, मनोज, अनंग, आत्मभू, कंदर्प, दर्पक, पंचशर, मनसिज, काम, रतिपति।

(ख)

खाना :- भोज्य सामग्री, खाद्यय वस्तु, आहार, भोजन।

खग :- पक्षी, द्विज, विहग, नभचर, अण्डज, शकुनि, पखेरू।

खंभा :- स्तूप, स्तम्भ, खंभ।

खद्योत :- जुगनू, सोनकिरवा, पटबिजना, भगजोगिनी।

खर :- गधा, गर्दभ, खोता, रासभ, वैशाखनंदन।

खरगोश :- शशक, शशा, खरहा।

(ग)

गणेश :- विनायक, गजानन, गौरीनंदन, मूषकवाहन, गजवदन, विघ्रनाशक, भवानीनन्दन।

गंगा :- देवनदी, मंदाकिनी, भगीरथी, विश्नुपगा, देवपगा, ध्रुवनंदा, सुरसरिता, देवनदी।

गज :- हाथी, हस्ती, मतंग, कूम्भा, मदकल।

गाय :- गौ, धेनु, सुरभि, भद्रा, दोग्धी, रोहिणी।

गृह :- घर, सदन, गेह, भवन, धाम, निकेतन, निवास, आगार, आलय, आवास, मंदिर।

गर्मी :- ताप, ग्रीष्म, ऊष्मा, गरमी, निदाघ।

(घ)

घट :- घड़ा, कलश, कुम्भ, निप।

घर :- आलय, आवास, गेह, गृह, निकेतन, निलय, निवास, भवन, वास, वास-स्थान, शाला, सदन।

घटना :- हादसा, वारदात, वाक्या।

घना :- घन, सघन, घनीभूत, घनघोर, गझिन, घनिष्ठ, गहरा, अविरल।

घपला :- गड़बड़ी, गोलमाल, घोटाला।

घमंड :- दंभ, दर्प, गर्व, गरूर, गुमान, अभिमान, अहंकार।

(च)

चिराग :- दीया, दीपक, दीप, शमा।

चेला :- शागिर्द, शिष्य, विद्यार्थी।

चेहरा :- शक्ल, आनन, मुख, मुखड़ा।

चोरी :- स्तेय, चौर्य, मोष, प्रमोष।

चौकन्ना :- सचेत, सजग, सावधान, जागरूक, चौकस।

चौकीदार :- प्रहरी, पहरेदार, रखवाला।

(छ)

छतरी :- छत्र, छाता, छत्ता।

छली :- छलिया, कपटी, धोखेबाज।

छवि :- शोभा, सौंदर्य, कान्ति, प्रभा।

छानबीन :- जाँच, पूछताछ, खोज, अन्वेषण, शोध, गवेषण।

छँटनी :- कटौती, छँटाई, काट-छाँट।

(ज)

जल :- मेघपुष्प, अमृत, सलिल, वारि, नीर, तोय, अम्बु, उदक, पानी, जीवन, पय, पेय।

जहर :- गरल, कालकूट, माहुर, विष ।

जगत :- संसार, विश्व, जग, जगती, भव, दुनिया, लोक, भुवन।

जंगल :- विपिन, कानन, वन, अरण्य, गहन, कांतार, बीहड़, विटप।

जेवर :- गहना, अलंकार, भूषण, आभरण, मंडल।

ज्योति :- आभा, छवि, द्युति, दीप्ति, प्रभा, भा, रुचि, रोचि।

(झ)

झरना :- उत्स, स्रोत, प्रपात, निर्झर, प्रस्त्रवण।

झण्डा :- ध्वजा, पताका, केतु।

झंझा :- अंधड़, आँधी, बवंडर, झंझावत, तूफान।

झाँसा :- दगा, धोखा, फरेब, ठगी।

झींगुर :- घुरघुरा, झिल्ली, जंजीरा, झिल्लिका।

झंझट :- झमेला, बखेड़ा, पचड़ा, प्रपंच, कलह, झगड़ा-झंझट, बवंडर, बवाल।

झगड़ा :- कलह, तकरार, कहासुनी, वैमत्य, मतभेद, खटपटा, टंटा, लड़ाई, विवाद, विरोध, संघर्ष।

(ट)

टंकार :- टंकोर, ध्वनि, झनकार।

टकराना :- टक्कर खाना, भिड़ना, चोट खाना, लड़ जाना, ठोकर खाना।

टका :- सिक्का, रुपया, धन, द्रव्य।

टक्कर :- ठोकर, मुठभेड़, भिडंत, समाघात, धक्का, संघर्ष, बराबरी, सामना, घाटा, हानि।

टपकना :- चूना, झरना, रिसना, स्रावित होना।

टहलना :- सैर-सपाटा, घूमना, भ्रमण करना, चलना, फिरना।

(ठ)

ठंडा :- शीतल, सर्द, शांत, गम्भीर, सुस्त, मंद, धीमा, उदासीन, भावहीन।

ठगना :- छलना, धोखा देना, चकमा देना, भुलावा, लूटना, लूट लेना, चूना लगाना, ऐंठना।

ठगी :- कपट, मायाजाल, छल, बेईमानी, धोखेबाजी, उचक्कापन, जालासाजी।

ठसक :- नखर, चोंचला, मान, अभिमान, शान, गर्व, घमंड।

ठहरना :- रुकना, थमना, टिकना, विराम, स्थित होना, प्रतीक्षा करना, इंतजार करना।

ठाट :- तड़क-भड़क, शोभा, सजावट, आयोजन, तैयारी, व्यवस्था, प्रबंध, झुंड, दल, समूह।

ठिकाना :- स्थान, जगह, अड्डा, आयोजन, प्रबंध, व्यवस्था।

(ड)

डकारना :- डकार लेना, गरजना, दहाड़ना।

डगमगाना :- डावाँडोल होना, अस्थिर होना, काँपना, हिलना, लड़खड़ाना, थरथराना, विचलित होना।

डफला :- डफ, चंग, खंजरी।

डब्बा :- डिब्बा, ढक्कनदार, बर्तन, केस, कम्पार्टमेन्ट।

डरना :- भयभीत होना, त्रास पाना, आतंकित होना, भय खाना, त्रस्त होना।

डरपोक :- भीरु, भयभीत, त्रस्त, कायर, कापुरुष, आतंकित करना।

(ढ)

ढब :- ढंग, रीति, तरीका, ढर्रा।

ढाँचा :- पंजर, ठठरी।

ढीला-ढाला :- शिथिलता, आलसी, सुस्ती, अतत्परता।

ढिंढोरा :- मुनादी, ढँढोरा, डुगडुगी, डौंड़ी।

ढिग :- समीप, निकट, पास, आसन्न।

(त)

तालाब :- सरोवर, जलाशय, सर, पुष्कर, ह्रद, पद्याकर , पोखरा, जलवान, सरसी, तड़ाग।

तोता :- सुग्गा, शुक, सुआ, कीर, रक्ततुण्ड, दाड़िमप्रिय।

तरुवर :- वृक्ष, पेड़, द्रुम, तरु, विटप, रूंख, पादप।

तलवार :- असि, कृपाण, करवाल, खड्ग, शमशीर चन्द्रहास।

तरकस :- तूण, तूणीर, त्रोण, निषंग, इषुधी।

(थ)

थोड़ा :- अल्प, न्यून, जरा, कम।

थाती :- जमापूँजी, धरोहर, अमानत।

थाक :- ढेर, समूह।

थप्पड़ :- तमाचा, झापड़।

थकान :- थकावट, श्रांति, थकन, परिश्रांति, क्लांति।

थल :- स्थान, स्थल, भूमि, धरती, जमीन, जगह।

(द)

दूध :- दुग्ध, दोहज, पीयूष, क्षीर, पय, गौरस, स्तन्य।

दास :- नौकर, चाकर, सेवक, परिचारक, अनुचर, भृत्य, किंकर।

दासी :- परिचारिका, अनुचरी, बाँदी, नौकरानी।

देवता :- सुर, देव, अमर, वसु, आदित्य, निर्जर, त्रिदश, गीर्वाण, अदितिनंदन, अमर्त्य, अस्वप्न।

(ध)

धन :- दौलत, संपत्ति, सम्पदा, वित्त।

धरती :- धरा, धरती, वसुधा, ज़मीन, पृथ्वी, भू, भूमि, धरणी, वसुंधरा, अचला, मही।

धंधा :- आजीविका, उद्योग, कामधंधा, व्यवसाय।

धनंजय :- अर्जुन, सव्यसाची, पार्थ, गुड़ाकेश, बृहन्नला।

धनु :- धनुष, पिनाक, शरासन, कोदंड, कमान, धनुही।

(न)

नदी :- तनूजा, सरित, शौवालिनी, स्रोतस्विनी, आपगा, निम्रगा, कूलंकषा, तटिनी, सरि, सारंग, जयमाला, तरंगिणी, दरिया, निर्झरिणी।

नौका :- नाव, तरिणी, जलयान, जलपात्र, तरी, बेड़ा, डोंगी, तरी, पतंग।

नाग :- विषधर, भुजंग, अहि, उरग, काकोदर, फणीश, सारंग, व्याल, सर्प, साँप।

नर्क :- यमलोक, यमपुर, नरक, यमालय।

(प)

पुत्र :- बेटा, लड़का, आत्मज, सुत, वत्स, तनुज, तनय, नंदन।

पुत्री :- बेटी, आत्मजा, तनूजा, दुहिता, नन्दिनी, लड़की, सुता, तनया।

पृथ्वी :- धरा, धरती, भू, धरित्री, धरणी, अवनि, मेदिनी, मही, वसुंधरा, वसुधा, जमीन, भूमि।

पुष्प :- फूल, सुमन, कुसुम, मंजरी, प्रसून, पुहुप।

पानी :- जल, नीर, सलिल, अंबु, अंभ, उदक, तोय, जीवन, वारि, पय, अमृत, मेघपुष्प, सारंग।

परिवार :- कुटुंब, कुनबा, खानदान, घराना।

परिवर्तन :- बदलाव, हेरफेर, तबदीली, फेरबदल।

(फ)

फल :- फलम, बीजकोश।

फ़ख :- गौरव, नाज, गर्व, अभिमान।

फजर :- भोर, सवेरा, प्रभात, सहर, सकार।

फतह :- सफलता, विजय, जीत, जफर।

फरमान :- हुक्म, राजादेश, राजाज्ञा।

फलक :- आसमान, आकाश, गगन, नभ, व्योम।

फसल :- शस्य, पैदावार, उपज, खिरमन, कृषि- उत्पाद।

(ब)

बाण :- सर, तीर, सायक, विशिख, आशुग, इषु, शिलीमुख, नाराच।

बिजली :- घनप्रिया, इन्द्र्वज्र, चंचला, सौदामनी, चपला, बीजुरी, क्षणप्रभा।

ब्रह्मा :- विधि, विधाता, स्वयंभू, प्रजापति, आत्मभू, लोकेश, पितामह, चतुरानन, विरंचि।

बहुत :- अनेक, अतीव, अति, बहुल, भूरि, बहु, प्रचुर, अपरिमित, प्रभूत, अपार।

बादल :- मेघ, घन, जलधर, जलद, वारिद, नीरद, सारंग, पयोद, पयोधर।

(भ)

भौंरा :- अलि, मधुव्रत, शिलीमुख, मधुप, मधुकर, द्विरेप, षट्पद, भृंग, भ्रमर।

भोजन :- खाना, भोज्य सामग्री, खाद्यय वस्तु, आहार।

भय :- भीति, डर, विभीषिका।

भाई :- तात, अनुज, अग्रज, भ्राता, भ्रातृ।

भंवरा :- भौंरा, भ्रमर, मधुकर, मधुप, मिलिंद, अलि, अलिंद, भृंग।

भक्त :- आराधक, अर्चक, पुजारी, उपासक, पूजक।

(म)

मछली :- मीन, मत्स्य, झख, झष, जलजीवन, शफरी, मकर।

महादेव :- शम्भु, ईश, पशुपति, शिव, महेश्र्वर, शंकर, चन्द्रशेखर, भव, भूतेश।

मेघ :- घन, जलधर, वारिद, बादल, नीरद, वारिधर, पयोद, अम्बुद, पयोधर।

मुनि :- यती, अवधूत, संन्यासी, वैरागी, तापस, सन्त, भिक्षु, महात्मा, साधु, मुक्तपुरुष।

मित्र :- सखा, सहचर, स्नेही, स्वजन, सुहृदय, साथी, दोस्त।

मोर :- केक, कलापी, नीलकंठ, शिखावल, सारंग, ध्वजी, शिखी, मयूर, नर्तकप्रिय।

(य)

यम :- सूर्यपुत्र, जीवितेश, श्राद्धदेव, कृतांत, अन्तक, धर्मराज, दण्डधर, कीनाश, यमराज।

यमुना :- कालिन्दी, सूर्यसुता, रवितनया, तरणि-तनूजा, तरणिजा, अर्कजा, भानुजा।

यंत्रणा :- व्यथा, तकलीफ, वेदना, यातना, पीड़ा।

यकीन :- भरोसा, ऐतबार, आस्था, विश्वास।

यज्ञोपवीत :- जनेऊ, उपवीत, ब्रह्मसूत्र।

यतीम :- बेसहारा, अनाथ, माँ-बापविहीन।

यशस्वी :- मशहूर, विख्यात, नामवर, कीर्तिवान, ख्यातिवान।

(र)

रात्रि :- निशा, क्षया, रैन, रात, यामिनी, रजनी, त्रियामा, क्षणदा, शर्वरी, तमस्विनी।

रात :- रात्रि, रैन, रजनी, निशा, यामिनी, तमी, निशि, यामा, विभावरी।

राजा :- नृपति, भूपति, नरपति, नृप, महीप, राव, सम्राट, भूप, भूपाल, नरेश।

रवि :- सूरज, दिनकर, प्रभाकर, दिवाकर, सविता, भानु, दिनेश, अंशुमाली, सूर्य।

रामचन्द्र :- अवधेश, सीतापति, राघव, रघुपति, रघुवर, रघुनाथ, रघुराज, रघुवीर।

रावण :- दशानन, लंकेश, लंकापति, दशशीश, दशकंध, दैत्येन्द्र।

रक्त :- खून, लहू, रुधिर, शोणित, लोहित।

(ल)

लक्ष्मी :- चंचला, कमला, पद्मा, रमा, हरिप्रिया, श्री, इंदिरा, पद्ममा, सिन्धुसुता, कमलासना।

लड़का :- बालक, शिशु, सुत, किशोर, कुमार।

लड़की :- बालिका, कुमारी, सुता, किशोरी, बाला, कन्या।

लक्ष्मण :- लखन, शेषावतार, सौमित्र, रामानुज, शेष।

लता :- बल्लरी, बल्ली, लतिका, बेली।

लंघन :- उपवास, व्रत, रोजा, निराहार।

(व)

वृक्ष :- तरू, अगम, पेड़, पादप, विटप, गाछ, दरख्त, शाखी, विटप, द्रुम।

विवाह :- शादी, गठबंधन, परिणय, व्याह, पाणिग्रहण।

वायु :- हवा, पवन, समीर, अनिल, वात, मारुत।

वसन :- अम्बर, वस्त्र, परिधान, पट, चीर।

विधवा :- अनाथा, पतिहीना।

विष :- ज़हर, हलाहल, गरल, कालकूट।

विश्व :- जगत, जग, भव, संसार, लोक, दुनिया।

वारिश :- वर्षण, वृष्टि, वर्षा, पावस, बरसात।

(श)

शेर :- हरि, मृगराज, व्याघ्र, मृगेन्द्र, केहरि, केशरी, वनराज, सिंह, शार्दूल, हरि, मृगराज।

शिव :- भोलेनाथ, शम्भू, त्रिलोचन, महादेव, नीलकंठ, शंकर।

शत्रु :- रिपु, दुश्मन, अमित्र, वैरी, प्रतिपक्षी, अरि, विपक्षी, अराति।

शिक्षक :- गुरु, अध्यापक, आचार्य, उपाध्याय।

शेषनाग :- अहि, नाग, भुजंग, व्याल, उरग, पन्नग, फणीश, सारंग।

(ष)

षंजन :- आर्लिगन, मिलन।

षंडाली :- तालाब, ताल।

षड्यंत्र :- साजिश, कुचक्र, कूट-योजना।

षडानन :- षटमुख, कार्तिकेय, षाण्मातुर।

(स)

समुद्र :- सागर, पयोधि, उदधि, पारावार, नदीश, नीरनिधि, अर्णव, पयोनिधि, अब्धि, वारीश, जलधाम, नीरधि, जलधि, सिंधु, रत्नाकर, वारिधि।

समूह :- दल, झुंड, समुदाय, टोली, जत्था, मण्डली, वृंद, गण, पुंज, संघ, समुच्चय।

सुमन :- कुसुम, मंजरी, प्रसून, पुष्प, फूल ।

सीता :- वैदेही, जानकी, भूमिजा, जनकतनया, जनकनन्दिनी, रामप्रिया।

सर्प :- साँप, अहि, भुजंग, ब्याल, फणी, पत्रग, नाग, विषधर, उरग, पवनासन।

(ह)

हंगामा :- कोलाहल, अशांति, शोरगुल, हल्ला, शोर 2. उत्पात, उपद्रव, हुड़दंग।

हँसमुख :- आनंदित, उल्लसित, मगन, प्रसन्नचित्त, खुशमिजाज।

हँसी :- मुस्कान, मुस्कारहट, ठहाका, खिलखिलाहट, मजाक, दिल्लगी, खिल्ली।

हत्या :- वध, हिंसा, कत्ल, खून।

हत्यारा :- हिंसक, खूनी, जीवघाती, कातिल, घातक।


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