Patang NCERT Class 12 Hindi Chapter 2 Question Answer

Patang NCERT Class 12 Hindi Chapter 2 Question Answer
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The Class 12 Hindi syllabus offers a diverse range of chapters, each enriching students' understanding of Hindi literature. Chapter 2, titled Patang, is a notable poem in the Hindi Aroh textbook for Class 12. This poem captures the essence of freedom and joy, making it an intriguing and thought-provoking piece for students.

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अध्याय-2: पतंग

Class 12 Patang Summary


श्री आलोक धन्वा दवारा रचित ‘पतंग’ कविता उनके काव्य-संग्रह ‘दुनिया रोज बनती है’ में संकलित है। इस कविता में कवि ने बाल-सुलभ इच्छाओं एवं उमंगों का सुंदर एवं मनोहारी चित्रण किया है। कवि ने बाल क्रियाकलापों तथा प्रकृति में आए परिवर्तन को अभिव्यक्त करने के लिए अनेक सुंदर बिंबों का समायोजन किया है। पतंग बच्चों की उमंगों का रंग-बिरंगा सपना है, जिसमें वे खो जाना चाहते हैं। आकाश में उड़ती हुई पतंग ऊँचाइयों की वे हदें हैं, जिन्हें बाल-मन छूना चाहता है और उसके पार जाना चाहता है।

कविता एक ऐसी नई दुनिया की सैर कराती है, जहाँ शरद ऋतु का चमकीला सौंदर्य है; तितलियों की रंगीन दुनिया है; दिशाओं के नगाड़े – बजते हैं, छत्तों के खतरनाक कोने से गिरने का भय है तो दूसरी ओर इसी भय पर विजय का ध्वज लहराते बच्चे हैं। ये बच्चे गिर-गिरकर

संभलते हैं तथा पृथ्वी का हर कोना इनके पास आ जाता है। वे हर बार नई पतंग को सबसे ऊँचा उड़ाने का हौसला लिए भादो के बाद शरद की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कवि के अनुसार सबसे तेज़ बौछारों के समय का अंधेरा व्यतीत हो गया है और खरगोश की आँख के समान लालिमा – से युक्त सौंदर्यमयी प्रकाशयुक्त सवेरा हो गया है। शरद अनेक झड़ियों को पार करते हुए तथा नई चमकदार साइकिल तेज गति से चलाते हुए जोरों से घंटी बजाते आ गया है। वह अपने सौंदर्य से युक्त चमकीले इशारों से पतंग उड़ाने वाले बच्चों के समूह को बुलाता है।

वह आकाश को इतना सुंदर तथा मुलायम बना देता है कि पतंग ऊपर उठ सके। पतंग जिसे दुनिया की सबसे हल्की और रंगीन वस्तु माना जाता है, वह इस असीम आकाश में उड़ सके। इस हसीन दुनिया का सबसे पहला कागज़ और बाँस की पतली कमानी आकाश में उड़ सके और इनके उड़ने : के साथ ही चारों ओर का वातावरण बच्चों की सीटियों, किलकारियों और तितलियों की मधुर ध्वनि से गूंज उठे।

कोमल बच्चे अपने जन्म से ही कपास के समान कोमलता लेकर आते हैं। ये पृथ्वी भी उनके बेचैन पाँवों के साथ घूमने लगती है। जब । ये बच्चे मकानों की छतों पर बेसुध होकर दौड़ते हैं तो छतों को नरम बना देते हैं। जब ये बच्चे झूला-झूलते हुए आते हैं तो दिशाओं के । नगाड़े बजने लगते हैं। प्राय: बच्चे छतों पर तेज गति से बेसुध होकर दौड़ते हैं तो उस समय उनके रोमांचित शरीर का संगीत ही उन्हें गिरने से बचाता है। उस समय मात्र धागे के सहारे उडते पतंगों की ऊँचाइयाँ उन्हें सहारा देकर थाम लेती हैं।

असीम आकाश में पतंगों की ऊँचाइयों के साथ-साथ ये कोमल बच्चे भी अपने रंध्रों के सहारे उड़ रहे हैं। कवि का मानना है कि अगर बच्चे छतों के खतरनाक किनारों से गिरकर बच जाते हैं तो उसके बाद वे पहले से ज्यादा निडर होकर स्वर्णिम सूर्य के सामने आते हैं। तब उनके इस साहस, धैर्य | और निडरता को देखकर यह पृथ्वी भी उनके पैरों के पास अधिक तेजी से घूमती है।


 

NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 12 HINDI CHAPTER 2

अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ संख्या 13-14)

कविता के साथ

प्रश्न 1 सबसे तेज़ बौछारें गयीं, भादो गया’ के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है, उसका वर्णन अपने शब्दों में करें।

उत्तर- प्रकृति में परिवर्तन निरंतर होता रहता है। जब तेज़ बौछारें अर्थात् बरसात का मौसम चला गया, भादों के महीने की गरमी भी चली गई। इसके बाद आश्विन का महीना शुरू हो जाता है। इस महीने में प्रकृति में अनेक परिर्वन आते हैं –

·       सुबह के सूरज की लालिमा बढ़ जाती है। सुबह के सूरज की लाली खरगोश की आँखों जैसी दिखती है।

·       शरद ऋतु का आगमन हो जाता है। गरमी समाप्त हो जाती है।

·       प्रकृति खिली-खिली दिखाई देती है।

·       आसमान नीला व साफ़ दिखाई देता है।

·       फूलों पर तितलियाँ मँडराती दिखाई देती हैं।

सभी लोग खुले मौसम में आनंदित हो रहे हैं।

प्रश्न 2 सोचकर बताएँ कि पतंग के लिए सबसे हलकी और रंगीन चीज़, सबसे पतला कागज़, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग क्यों किया है?

उत्तर- कवि ने पतंग के लिए अनेक विशेषणों का प्रयोग किया है। पतंग का निर्माण रंगीन कागज़ से होता है। इंद्रधनुष के समान यह अनेक रंगों की होती है। इसका कागज़ इतना पतला होता है कि बूंद लगते ही फट जाता है। यह बाँस की पतली कमानी से बनती है। कवि इनके माध्यम से बाल सुलभ चेष्टाओं का अंकन करता है। पतंग भी बालमन की तरह कल्पनाशील, कोमल व हलकी होती है।

प्रश्न 3 बिंब स्पष्ट करें –

सबसे तेज़ बौछारें गयीं भादो गया

सवेरा हुआ।

खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा

शरद आया पुलों को पार करते हुए।

अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए

घंटी बजाते हुए ज़ोर-जोर से

चमकीले इशारों से बुलाते हुए और

आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए

कि पतंग ऊपर उठ सके।

उत्तर- कवि ने इस कविता में दृश्य बिंब का सार्थक व स्वाभाविक प्रयोग किया है। उन्होंने बच्चों के भावानुरूप बिंब का प्रयोग किया है। पाठक भी कवि की संवेदनाओं को शीघ्र ग्रहण कर लेता है। इस अंश के निम्नलिखित बिंब हैं –

·       तेज बौछारें – गतिशील दृश्य बिंब

·       सवेरा हुआ – स्थिर दृश्य बिंब

·       खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा – स्थिर दृश्य बिंब

·       पुलों को पार करते हुए – गतिशील दृश्य बिंब

·       अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए – गतिशील दृश्य बिंब

·       घंटी बजाते हुए जोर – जोर से – श्रव्य बिंब

·       चमकीले इशारों से बुलाते हुए – गतिशील दृश्य बिंब

·       आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए – स्पर्श दृश्य बिंब

·       पतंग ऊपर हठ सके – गतिशील दृश्य बिंब

प्रश्न 4 जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास – कपास के बारे में सोचें कि कपास से बच्चों का क्या संबंध बन सकता है?

उत्तर- कपास से बच्चों को गहरा संबंध है। दोनों में काफ़ी समानताएँ हैं। कपास जैसे सफ़ेद होती है, वैसे ही बच्चे भी सफ़ेद अर्थात् गोरे होते हैं। कपास की तरह ही बच्चे भी कोमल और मुलायम होते हैं। कपास के रेशे की तरह ही उनकी भावनाएँ। होती हैं। वास्तव में बच्चों की कोमल भावनाओं का और उनकी मासूमियत का प्रतीक है।

प्रश्न 5 पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं – बच्चों का उड़ान से कैसा संबंध बनता है?

उत्तर- जिस तरह पतंग ऊपर और ऊपर उड़ती जाती है, ठीक उसी तरह बच्चों की आशाएँ भी बढ़ती जाती हैं। पतंगों के साथ साथ उनकी भावनाएँ भी उड़ती जाती हैं अर्थात् उनके मन में नई-नई इच्छाएँ और उमंगें आती हैं। वे भी आसमान की अनंत ऊँचाई तक पहुँच जाना चाहते हैं ताकि अपनी हर इच्छा पूरी कर सकें।

प्रश्न 6 निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़ कर प्रश्नों का उत्तर दीजिए।

     i.        छतों को भी नरम बनाते हुए

दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए ।

   ii.        अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से

और बच जाते हैं तब तो

और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं।

·       दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का क्या तात्पर्य है?

·       जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए क्या आपको छत कठोर लगती है ?

·       खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के बाद आप दुनिया की चुनौतियों के सामने स्वयं को कैसा महसूस करते हैं?

उत्तर-

·       दिशाओं को मृदंग की तरह बेजाने का तात्पर्य है कि जब बच्चे ऊँची पतंगें उड़ाते हैं तो वे दिशाओं तक जाती लगती है। तब ऐसा प्रतीत होता है मानो बच्चों की किलकारियों से दिशाएँ मृदंग बजा रही हैं।

·       जब पतंग सामने हो तो छत कठोर नहीं लगती क्योंकि पैरों में अनजानी थिरकन भर जाती है। छत पर दौड़ते हुए। ऐसा लगता है मानो हम किसी मुलायम घास पर दौड़ रहे हों।

·       यदि जीवन में खतरनाक परिस्थितियों का सामना कर लिया हो तो दुनिया की चुनौतियों का सामना करने में कोई कठिनाई नहीं होती। मुझे बहुत सहजता महसूस होती है। खतरनाक परिस्थितियों के आगे दुनिया की चुनौतियाँ स्वयं ही छोटी पड़ जाती है।

कविता के आसपास

प्रश्न 1 आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को देखकर आपके मन में कैसे खयाल आते हैं? लिखिए।

उत्तर- आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को देखकर मन खुशी से भर जाता है। मन करता है कि जीवन में भी इतने ही रंग होने चाहिए ताकि जीवन को सहजता से जिया जा सके। सारी इच्छाएँ पूरी हों। जिस प्रकार पतंग अधिक से अधिक ऊँची उड़ती है, वैसे ही मैं भी जीवन में ऊँचा मुकाम हासिल करना चाहता हूँ।

प्रश्न 2 ‘रोमांचित शरीर का संगीत’ का जीवन के लय से क्या संबंध है?

उत्तर- यदि शरीर रोमांचित है अर्थात् उसमें खुशियाँ भरी हैं तो आनंद रूपी संगीत बजता रहता है। यही आनंद जीवन को नई दिशा देता है। जीवन रूपी लय अपने आप ही सफलता प्राप्त कर लेती है।

प्रश्न 3 ‘महज़ एक धागे के सहारे, पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ’ उन्हें ( बच्चों को ) कैसे थाम लेती हैं? चर्चा करें।

उत्तर- बच्चे जब छतों के किनारों से गिरने वाले होते हैं तो पतंग की डोर उन्हें गिरने से बचा लेती है। बच्चों को डोर से भी उतना प्यार होता है जितना की पतंग से। वे पतंग को उड़ते हुए देखते हैं। साथ ही यह भी देखते हैं कि चक्के में डोर कितनी है। इन पतंगों की ऊँचाइयों से बच्चे संभल जाते हैं।

आपकी कविता

प्रश्न 1 हिंदी साहित्य के विभिन्न कालों में तुलसी, जायसी, मतिराम, विजदेव, मैथिलीशरण गुप्त आदि कवियों ने भी शरद ऋतु का सुंदर वर्णन किया है। आप उन्हें तलाश कर कक्षा में सुनाएँ और चर्चा करें कि पतंग कविता में शरद ऋतु वर्णन उनसे किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर- विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2 आपके जीवन में शरद ऋतु क्या मायने रखती है?

उत्तर- जीवन में प्रत्येक ऋतु का अपना महत्त्व है। समय के अनुसार सभी ऋतुएँ आती हैं और जाती हैं। इनमें से शरद ऋतु का अपना अलग ही महत्त्व है। इस ऋतु में प्रकृति नई-नई लगने लगती है। हर कोई इस प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद लेना चाहता है।


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