लोकगीत NCERT Solutions for class 6 chapter 12 Hindi

लोकगीत NCERT Solutions for class 6 chapter 12 Hindi
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अध्याय 12: लोकगीत - lokgeet class 6

-भगवतशरण उपाध्याय

सारांश

मनोरंजन की दुनिया में लोकगीतों का महत्त्वपूर्ण स्थान हैं। गीत संगीत के बिना हमारा मन नीरस हो जाता है। हमारी जीवन में लोकगीत और संगीत का अटूट संबंध है। लोकगीत अपनी ताजगी और लोकप्रियता से शास्त्रीय संगीत से भिन्न हैं। ये सीधे जनता का संगीत हैं। ये गाँव जनता का संगीत है। इसके लिए प्रत्येक साधना की जरुरत नहीं हैं। त्योहारों, और विशेष अवसरों पर ये गीत गाये जाते है। ये गीत बाजों, ढोलक, करताल, बाँसुरी, आदि की मदद से गाये जाते हैं।

लोकगीत कई प्रकार के होते हैं। इनका एक एक प्रकार बहुत सजीव हैं। यह इस देश का आदिवासियों का संगीत हैं। पूरे देश भर ये फैले हुए है। अलग अलग राज्यों में, अलग-अलग भाषाओँ में रग्बी रंगी फूलों की माला की तरह ये बने है। सभी लोकगीत गाँवों की बोलियों में गाये जाते हैं। चैता, कजरी, बारहमास, सावन आदि उत्तरप्रदेश और बनारस में गाये जाते हैं। बोउल, भटियाली, बंगला के लोकगीत हैं। राजस्थान में ढोलामारू, भोजपुर में बिदेशियाँ प्रसिद्ध है। एक दूसरों को जवाब के रूप में दल में बाँटके भी ये गीत गाया जा सकता है। गाने के साथ नाचना भी होता है।


 

NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 6 CHAPTER 12 HINDI

लोकगीत पाठ के प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1 निबंध में लोकगीतों के किन पक्षों की चर्चा की गई है? बिंदुओं के रूप में उन्हें लिखो।

उत्तर- प्रस्तुत निबंध में लोकगीतों का इतिहास, उनकी रचनात्मकता, जनमानस में लोकप्रियता, स्त्रियों का लोकगीतों में योगदान, उनके विभिन्न प्रकार, उनकी भाषा जैसे अनेक बिन्दुओं पर चर्चा की गई है।

प्रश्न 2 हमारे यहाँ स्त्रियों के खास गीत कौन-कौन से हैं?

उत्तर- हमारे यहाँ स्त्रियों के खास गीत सावन में गाए जाने वाले कजरी गीत, त्योहार, विवाह, जन्मोत्सव, प्रेमी-प्रेमिका को छेड़ने वाले छेड़छाड़भरे गीत, पनघट व नदियों के किनारे, खेतों में गाए जाने वाले आदि स्त्रियों के कुछ खास गीत हैं।

प्रश्न 3 निबंध के आधार पर और अपने अनुभव के आधार पर (यदि तुम्हें लोकगीत सुनने के मौके मिले हैं तो) तुम लोकगीतों की कौन-सी विशेषताएँ बता सकते हो?

उत्तर- लोकगीतों की अपनी कई विशेषताएँ हैं-

1.   लोकगीतों को सुनने से ही हमें अपने मिट्टी से जुड़ाव का अनुभव होता है।

2.   लोकगीत हमें गाँव के जीवन से परिचित करवाते हैं।

3.   इनके साथ बजाए जाने वाले वाद्य यंत्र अत्यंत सरल होते हैं।

4.   इन गीतों से मन में उत्साह और उमंग का संचार होता है।

5.   इन गीतों को गाने के लिए किसी विशेष ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती है।

6.   ये सरल और सहज गीत होते हैं।

7.   इनके रचनाकार स्त्री और पुरुष दोनों होते हैं।

प्रश्न 4 पर सारे देश के…… अपने-अपने विद्यापति हैं’ इस वाक्य का क्या अर्थ है? पाठ पढ़कर मालूम करो और लिखो।

उत्तर- कवि विद्यापति बड़े प्रसिद्ध कवि हैं आज भी विद्यापति के गीत पूरब में हमें सुनने के लिए मिलते हैं। परन्तु यहाँ पर कवि के कहने का तात्पर्य यह है कि अपने-अपने इलाके में जो लोग इस प्रकार के लोकगीतों की रचना करते हैं वे विद्यापति हैं।

अनुमान और कल्पना प्रश्न (पृष्ठ संख्या 102)

प्रश्न 1 क्या लोकगीत और नृत्य सिर्फ़ गाँवों या कबीलों में ही पाए जाते हैं? शहरों के कौन से लोकगीत हो सकते हैं? इस पर विचार कर लिखो।

उत्तर- लोकगीत और लोक नृत्य गाँवों या कबीलों में ही प्रसिद्ध हैं क्योंकि शहरी जीवन अति व्यस्त होता है। शहर में जगह की भी कमी पाई जाती है परन्तु कुछ खास अवसरों जैसे विवाह, त्योहार, धार्मिक अनुष्ठान आदि पर यहाँ पर भी लोग अपने-अपने गाँवों से लोक कलाकार और लोक नर्तकों को बुलाते हैं।

प्रश्न 2 'जीवन जहाँ इठला-इठलाकर लहराता है, वहाँ भला आनंद के स्रोतों की कमी हो सकती है? उद्दाम जीवन के ही वहाँ के अनंत संख्यक गाने प्रतीक हैं। क्या तुम इस बात से सहमत हो? 'बिदेसिया' नामक लोकगीत से कोई कैसे आनंद प्राप्त कर सकता है और वे कौन लोग हो सकते हैं जो इसे गाते-सुनते हैं? इसके बारे में जानकारी प्राप्त करके कक्षा में सबको बताओ।

उत्तर- हाँ, मैं इस बात से सहमत हूँ। लोकगीत गाँवों की उन्मुक्त जीवन चर्चा के ही प्रतीक हैं। बिदेसिया नामक लोकगीत से सहज ही आनंद प्राप्त किया जा सकता है। इसमें रसिक प्रेमी-प्रेमिकाओं और परदेशी प्रिय की बात रहती है। इनसे करुण और विरह रस प्रवाहित होता है। ये गीत सीधे हृदय को छूते हैं और सुनने वालों को विशेष आनंद की अनुभूति प्रदान करते हैं। भोजपुरी-भाषी क्षेत्रों में इन्हें खूब गाया जाता है।

भाषा की बात प्रश्न (पृष्ठ संख्या 102-103)

प्रश्न 1 ‘लोक’ शब्द में कुछ जोड़कर जितने शब्द तुम्हें सूझें, उनकी सूची बनाओ। इन शब्दों को ध्यान से देखो और समझो कि उनमें अर्थ की दृष्टि से क्या समानता है। इन शब्दों से वाक्य भी बनाओ। जैसे- लोककला।

उत्तर-

लोकप्रिय

-

मुंबई सिनेमाजगत से जुड़ी हस्तियों के लिए लोकप्रिय है।

लोकमंच

-

लोकमंच कलाकारों को अपनी कला दिखाने के लिए उपयुक्त माध्यम है।

लोकवाद्य

-

लोकवाद्यों की महत्ता अब कम होती जा रही है।

लोकहित

-

नेताओं को लोकहितों को ध्यान में रखकर योजनाएँ बनानी चाहिए

लोकतंत्र

-

भारत के अलावा भी कई अन्य देशों में लोकतंत्र है

प्रश्न 2 बारहमासा’ गीत में साल के बारह महीनों का वर्णन होता है। नीचे विभिन्न अंकों से जुड़े कुछ शब्द दिए गए हैं। इन्हें पढ़ो और अनुमान लगाओ कि इनका क्या अर्थ है और वह अर्थ क्यों है। इस सूची में तुम अपने मन से सोचकर भी कुछ शब्द जोड़ सकते हो-

इकतारा, सरपंच, चारपाई, सप्तर्षि, अठन्नी, तिराहा, दोपहर, छमाही नवरात्र।

उत्तर-

इकतारा

-

एक तार से बजने वाला वाद्य

इकतारा

-

पंचों का प्रमुख

चारपाई

-

चार पैरों वाली

सप्तर्षि

-

सात ऋषियों का समूह

अठन्नी

-

पचास पैसे का सिक्का

तिराहा

-

तीन रास्ते जहाँ मिलते हो

दोपहर

-

जब दिन के दो पहर मिलते हो

छमाही

-

छः महीने में होनेवाला

नवरात्र

-

नौ रातों का समूह

प्रश्न 3 को, में, से आदि वाक्य में संज्ञा का दूसरे शब्दों के साथ संबंध दर्शाते हैं। पिछले पाठ (झाँसी की रानी) में तुमने का के बारे में जाना। नीचे ‘मंजरी जोशी’ की पुस्तक ‘भारतीय संगीत की परंपरा’ से भारत के एक लोकवाद्य का वर्णन दिया गया है। इसे पढ़ो और रिक्त स्थानों में उचित शब्द लिखो-

तुरही भारत के कई प्रांतों में प्रचलित है। यह दिखने ______ अंग्रेज़ी के एस या सी अक्षर ______ तरह होती है। भारत ______ विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे ______ बना यह वाद्य अलग-अलग नामों ______ जाना जाता है। धातु की नली ______ घुमाकर एस ______ आकार इस तरह दिया जाता है कि उसका एक सिरा संकरा रहे और दूसरा सिरा घंटीनुमा चौड़ा रहे। फ़ूँक मारने ______ एक छोटी नली अलग ______ जोड़ी जाती है। राजस्थान ______ इसे बर्गू कहते हैं। उत्तर प्रदेश ______ यह तूरी मध्य प्रदेश और गुजरात ______ रणसिंघा और हिमाचल प्रदेश ______ नरसिंघा ______ नाम से जानी जाती है। राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंघी भी कहते हैं।

उत्तर- तुरही भारत के कई प्रांतों में प्रचलित है। यह दिखने में अंग्रेजी के एस या सी अक्षर की तरह होती है। भारत के विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे से बना यह वाद्य अलग-अलग नामों से जाना जाता है। धातु की नली को घुमाकर एस का आकार इस तरह दिया जाता है कि उसका एक सिरा संकरा रहे और दूसरा सिरा घंटीनुमा चौड़ा रहे। फूँक मारने पर एक छोटी नली अलग से जोड़ी जाती है। राजस्थान में इसे बर्गू कहते हैं। उत्तर प्रदेश में यह तूरी मध्यप्रदेश और गुजरात में रणसिंघा और हिमाचलप्रदेश में नरसिंघा के नाम से जानी जाती है। राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंघी भी कहते हैं।

भारत के मानचित्र में प्रश्न (पृष्ठ संख्या 103)

प्रश्न 1 भारत के नक्शे में पाठ में चर्चित राज्यों के लोकगीत और नृत्य दिखाओ।

उत्तर-

राज्य

लोकगीत

नृत्य

बुंदेलखंड

आल्हा

मोनिया नृत्य

बिहार

कजरी/ बिदेसिया/ चैता/सावन

जट-जटिन

पंजाब

माहिया

झूमर गिछा

गुजरात

------

गरबा

पहाड़ी इलाके

पहाड़ी गीत

समूह नृत्य

बंगाल

बाउल/भतियाली

छाऊ

उत्तर प्रदेश

चैता/कजरी/बारहमासा

चरकुला

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