हिंदी अनौपचारिक और औपचारिक पत्र लेखन उदहारण के साथ कक्षा 7

पत्र लेखन भाषा की एक विशेष कला है जो व्यक्तिगत और व्यावसायिक संवाद की महत्ता बढ़ाती है। हमारे पत्र लेखन हिंदी आलेख में, आपको औपचारिक और अनौपचारिक पत्र लेखन के मार्गदर्शिका, उदाहरण और पत्र लेखन की परिभाषा प्राप्त होंगी। हमने इसे संगठित तरीके से विभाजित किया है, जिसमें पत्र लेखन हिंदी pdf डाउनलोड लिंक भी शामिल है, जो आपकी Hindi letter writing क्षमता को मजबूत करेगा। विशेष रूप से, class 7 Hindi grammar और Hindi grammar worksheets जैसे कीवर्ड का उपयोग करके, हमने यह सुनिश्चित किया है कि हमारे सामग्री CBSE और अन्य बोर्ड की मानकों के अनुरूप हो। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर विद्यार्थी पत्र लेखन के महत्व को समझ सके और इसे कुशलतापूर्वक अपनाए।

पत्र लेखन - Hindi letter writing 

पत्र लेखन की परिभाषा

पत्र लेखन का अर्थ - कागज के माध्यम से समाचारो का आदान प्रदान करना ही पत्र लेखन कहलाता है। प्राचीन समय में पत्र लेखन का प्रचलन बहुत अधिक था, फिर चाहे पत्र औपचारिक हो या अनौपचारिक दोनों ही स्तिथी में कागज में लिखे जाने वाले पत्रों का उपयोग किया जाता था।

परन्तु आज समय की आधुनिकता के साथ साथ सभी चीज़ो का आधुनिकरण हो रहा है। अब लोग अनौपचारिक पत्रों के लिए मोबाइल, टेलीफ़ोन, टेलीग्राम आदि का इस्तेमाल करने लगे है, लेकिन आज भी औपचारिक पत्र तो कागज के माध्यम से ही पहुंचाए जा रहे है। इसलिए आइये पत्र लेखन क्या है?, पत्र लेखन किसे कहते हैं इसे विस्तार में समझते है।

पत्र लेखन का इतिहास

पत्र लेखन की विधा बहुत ही पुरानी है। परंतु यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि पत्र लेखन का प्रारंभ कब हुआ कहां से हुआ और कैसे हुआ? किसने पहली बार पहली बार पत्र, कब कैसे और क्यों लिखा?

इन कठिन प्रश्नों का उत्तर आज तक इतिहास में कहीं भी देखने को नहीं मिला फिर भी इतना कह सकते हैं कि जब से हमारा मानव जीवन आरंभ हुआ है और हमने लिखना सीखा है तब से ही पत्र लेखन प्रारंभ हो गया था।

पत्र लेखन से क्या अभिप्राय है

आज हमारे इतिहास के माध्यम से पता चलता है कि भाषा वैज्ञानिकों का कहना है कि अपने मन की बात को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए हम जिस लिपि का प्रयोग करते थे वह चित्र लिपि होती थी। आज हम भली भांति जानते हैं कि किसी भी तरह के लेखन का इतिहास चित्रलिपि से ही प्रारंभ होता है।चित्र लिपि के अंतर्गत किसी अन्य लिपियों का भी विकास हुआ है जो निम्न है- सूत्र लिपि,प्रतीकात्मक लिपि, भाग मूलक, ध्वनिमुलक लिपि। चित्र लिपि एवं भाव मूलक लिपि के प्राचीन प्रमाण आज भी हमारे इतिहास में उपलब्ध है परंतु यह अत्यधिक प्राचीन नहीं है लेकिन स्पष्ट है कि विभिन्न खोजकर्ताओं की खोज से लेखन का प्रारंभ चित्र लिपि एवं भाग लिपि से ही हुआ है।

हम सभी इस जानते हैं कि पत्र लेखन एक सबसे महत्वपूर्ण एवं उपयोगी कला में से है और हम यह भी जानते हैं कि पत्र के उपयोग के बिना हमारे कार्य भी पूर्ण नहीं होते। हम दूर बैठे हुए संबंधी, मित्र को अपने मन की बात पत्र के द्वारा ही लिखकर पहुंचाते हैं। आधुनिक पत्र लेखन अर्थात पत्राचार शिष्टाचार का एक मुलक बन गया है। साहित्य के प्रमुख क्षेत्रों में आज पत्र लेखन भी पत्र साहित्य का रूप धारण किए हुए है।अब हम सभी देखते हैं कि पत्र लेखन ना केवल संप्रेषण अपितु प्रभावशाली कला सुंदर रूप बन गया है।

पत्रों के प्रकार

पत्र लेखन के मुख्यतः दो प्रकार होते है।

·       औपचारिक पत्र लेखन

·       अनौपचारिक पत्र लेखन -

हम पत्र तो लिखना जानते है लेकिन यह समझना थोड़ा मुश्किल हो जाता है कि आखिर पत्र औपचारिक है या अनोपचारिक। बस यही समस्या का समाधान करने के लिए आज हम इन दोनों प्रकारो को विस्तार से समझेंगे।

औपचारिक पत्र लेखन

ऐसे पत्र जिसे किसी सरकारी, अर्धसरकारी विभाग अथवा व्यवसायिक क्षेत्रों में लिखा जाता है उन पत्रों को औपचारिक पत्र कहा जाता है। औपचारीक पत्रों को लिखते समय बहुत ही सावधानी बरतनी पड़ती है क्योकि इस तरह के पत्रों की भाषा शैली भी औपचारिक ही होती है। ये निश्यित स्वरुप के सांचे में ढले हुए होते है। इन पत्रों के अंतर्गत शिकायत पत्र,निमंत्रण पत्र, सुझाव पत्र आते है।

औपचारिक पत्र लेखन कला को सरलता से सीखने के लिए आपको यह जानना बहुत आवश्यक है

आपके निर्देशानुसार, नीचे एक औपचारिक पत्र लिखा गया है: औपचारिक पत्र  example

मननीय प्रधानाचार्य,

सर्वोदय विद्यालय, दिल्ली, 110006

दिनांक: 24 जुलाई, 2023

विषय: स्कूल पुस्तकालय में नई पुस्तकों की आवश्यकता को लेकर

मान्यवर,

मैं, अजय कुमार, कक्षा ७वीं का छात्र, आपका ध्यान स्कूल पुस्तकालय में नई पुस्तकों की आवश्यकता की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। हाल ही में, हमारे स्कूल पुस्तकालय में पुरानी और अप्रचलित पुस्तकें ही उपलब्ध हैं और नई पुस्तकों की कमी महसूस हो रही है।

आधुनिक पुस्तकों का उपलब्धता हमारे ज्ञान को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान करेगा और हमारी पढ़ाई को और अधिक रोचक और प्रभावी बनाएगा।

मैं विश्वास दिलाता हूं कि आप इस मामले को गंभीरता से लेंगे और स्कूल पुस्तकालय में नई पुस्तकों की आपूर्ति करवाने का प्रयास करेंगे। आपकी इस कड़ी में विद्यार्थियों की शिक्षा के प्रति समर्पण की सराहना की जाएगी।

धन्यवाद।

आपका विश्वासू,

अजय कुमार

कक्षा ७वीं रोल नंबर: 15


अनौपचारीक पत्र लेखन

ऐसे पत्र जिन्हे लिखते समय सोच विचार करने की आवश्यकता हो बल्कि अपनी सरल भाषा शैली का प्रयोग किया जाए उसे अनौपचारिक पत्र कहा जाता है। अनौपचारिक पत्र सबंध परक होते है ये पत्र परिवार, रिश्तेदार अथवा मित्र को लिखे जाते है। अनौपचारिक पत्रों का विषय हमेशा घरेलु एवं व्यक्तिगत होता है इसीलिए इन पत्रों को व्यक्तिगत पत्र भी कहा जाता है। 

अनौपचारीक पत्र example and format

प्रिय अर्जुन,

कैसे हो तुम? मुझे उम्मीद है कि तुम ठीक होगे और अपनी पढ़ाई में मन लगाकर अच्छे अंक लाने के लिए कठिनाई से काम कर रहे होगे।

यहाँ सब कुछ ठीक चल रहा है। मैंने अभी हाल ही में एक नई किताब खरीदी है, "हैरी पॉटर और मृत्यु के तोहफे"। यह किताब बहुत ही रोचक है और मैं जैसे ही इसे पढ़ता हूं, मैं एक नए जगत में चला जाता हूं। जैसे ही तुम यहाँ आओगे, मैं तुम्हें यह किताब दूंगा।

मुझे याद है, तुमने बताया था कि तुम्हें खेलना बहुत पसंद है। तुमने अभी तक कौन से नए खेल सीखे हैं, मुझे जरूर बताना।

मेरी तरफ से माँ और पापा को प्रणाम देना। अगली छुट्टियों में मैं तुमसे मिलने ज़रूर आऊंगा।

ख़ैर, अभी के लिए यही। ज़रूर जवाब देना।

आपका मित्र, राम

पत्र लेखन की विशेषताएं

पत्र लेखन की जितनी विशेषताएं लिखी जाए उतनी ही कम है क्योकि पत्र लेखन एक कला है। और किसी भी कला की विशेषताए कभी काम नहीं होती।

·       क्रमबद्धता पर ध्यान दिया जाता है।

·       भाषा की संछिप्तता होती है।

·       भाषा स्पष्ट एवं प्रचलित शब्दों से परिपूर्ण होती है।

·       प्रभावपूर्ण शैली का प्रयोग किया जाता है।

·       पत्रों का लेखन उद्देश्यपूर्ण होता है।

·       पाठक की हर जिज्ञासाओं का समाधान मिलता है।

पत्र लेखन करते समय हमें किन बातो को ध्यान में रखना चाहिए

आइये अब हम यहाँ जानेंगे की पत्र लेखन करते समय हम ऐसी कोन - कोन सी बात को ध्यान में रखे जिससे हमारे द्वारा लिखे गए पत्र में कोई गलती हो और पढ़ने वाले को भी पत्र का सार समाझ जाये।

·       सर्वप्रथम हमे जिस विषय में पत्र लिखना है उसका विषय स्पष्ट होना चाहिए।

·       पत्र की भाषा शैली आदरयुक्त सरल तथा मधुर होनी चाहिए।

·       काम शब्दों का प्रयोग कर उसे अधिक समझाने की युक्ति आनी चाहिए।

·       पत्र का प्रारंभिक भाग में पत्र लेखक का नाम,प्राप्तकर्ता का नाम,पता,दिनांक लिखने का ध्यान रखना अति आवश्यक है।

·       पत्र के अंतिम चरण में पहुंचने पर पत्र का सार स्पष्ट रूप से समाझ आना आवश्यक है।

पत्र लेखन करते समय लेखक को निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है जैसे कि आकार, भाषा, क्रम, शिष्टता, कागज, लिखावट।

आकार - बच्चों का आकार हमेशा छोटा अर्थात संछिप्त होना चाहिए। क्योंकि संक्षिप्त लिखावट वाले पत्र अच्छे पत्र के श्रेणी में आते हैं।

भाषा - पत्र लेखन करते समय भाषा एकदम सरल और भावपूर्ण होनी चाहिए ताकि पाठक को करते समय किसी तरह का मन में कोई भी संदेश ना रहे छोटे वाक्यों को लिए हुए विराम चिन्ह का ध्यान रखते हुए लिखा गया पत्र भाषा शैली में चार चांद लगा देता है।

क्रम - किसी भी लेखन को लिखते समय हम उसके क्रम का ध्यान रखते हैं उसी तरह पत्रिका लेखन करते समय क्रम का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक होता है क्रम में बंधी हुई चीजें समझने में आसान होती हैं एवं पाठक को पत्र पढ़ने में उत्साह की अनुभूति होती है। पत्र लेखन करते समय क्रम का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है।

शिष्टता - अच्छे पत्र की विशेषताएं होती है कि वहसिंबू पत्र लेखन व्यक्ति की अभिव्यक्ति को प्रदर्शित करता है उसके चरित्र को दर्शाता है इसीलिए पत्र में लेखन में शिष्टता होना आवश्यक है।

काग़ज़ - पत्र लेखन के लिए सर्वप्रथम हमारे पास अच्छे गुणवत्ता वाले कागज का होना अनिवार्य है।

लिखावट - लेखन करता की लिखावट से स्पष्ट होता है कि पत्र कैसा है लिखावट के अनुरूप ही अच्छे पत्र की श्रेणी वर्गीकृत किया जाता है।

FAQs

  1. 1. पत्र लेखन क्या होता है?

    पत्र लेखन एक प्रकार की लिखित संचार प्रणाली है जिसमें व्यक्ति अपने विचारों, भावनाओं, सूचनाओं आदि को दूसरे व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए लिखता है।


  2. 2. पत्र लेखन हिंदी के प्रकार कौन कौन से होते हैं?

    पत्र लेखन हिंदी में दो प्रकार के होते हैं - औपचारिक पत्र (Formal Letter) और अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)।


  3. 3. औपचारिक पत्र और अनौपचारिक पत्र में क्या अंतर होता है?

    औपचारिक पत्र संगठनों, विभागों, या अधिकारियों के नाम लिखे जाते हैं। इन्हें आधिकारिक तौर पर लिखा और प्रस्तुत किया जाता है। अनौपचारिक पत्र दोस्तों, परिवार के सदस्यों, या ज्ञात-परिचितों के नाम लिखे जाते हैं और इन्हें अधिक व्यक्तिगत और मितव्ययी भाषा में लिखा जाता है।


  4. 4. पत्र लेखन हिंदी pdf कहाँ से डाउनलोड किया जा सकता है?

    विभिन्न ऑनलाइन सामग्री साझा करने वाली वेबसाइटों से पत्र लेखन हिंदी pdf को डाउनलोड किया जा सकता है।


  5. 5. क्या class 7 Hindi grammar में पत्र लेखन शामिल होता है?

    हां, CBSE और अधिकांश राज्य बोर्ड class 7 Hindi grammar में पत्र लेखन को शामिल करते हैं।


  6. 6. हिंदी grammar worksheets में पत्र लेखन कैसे शामिल होता है?

    हिंदी grammar worksheets में पत्र लेखन के विभिन्न उदाहरण, अभ्यास, और प्रश्नोत्तरी शामिल होते हैं। ये छात्रों को उनकी लिखित क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

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