Hum Dharti Ke Lal NCERT Class 7 Hindi Chapter 10 - PDF Question and Answer

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Dive into the poignant world of हम धरती के लाल or Hum Dharti Ke Lal, a beautiful poem that inspires pride and a sense of belonging in every Indian heart. This masterpiece is part of the NCERT Class 7 Hindi curriculum, serving as a medium to instill patriotism in young minds. With our extensive Hum Dharti Ke Lal question answer section, students can dive deeper into the poem's essence and extract the underlying message. The phrase देश हमारा धरती अपनी हम धरती के लाल encapsulates the poem's theme of love for one's motherland. For students delving into Hum Dharti Ke Lal Class 7, we provide in-depth analysis and comprehensive guides, making learning a joyful journey. Our resources cover Class 7 Ch 10 Hindi and the CBSE Class 7 Hindi curriculum in detail, making the poem's study more accessible. For those searching for Hindi worksheets, we offer tailored materials to enhance understanding and encourage active learning. Explore the beauty of हम धरती के लाल and feel the love for your motherland grow within you.

अध्याय-10: हम धरती के लाल

NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 7 CHAPTER 10 DURVA 

कविता से प्रश्न (पृष्ठ संख्या 58)

-शील

प्रश्न 1 नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़कर उत्तर दो।

“नया संसार बसाएँगे, नया इंसान बनाएँगे।”

तुम्हारे विचार से नया संसार बसाने और नया इंसान बनाने की ज़रूरत है या नहीं? कारण भी बताओ।

उत्तर- हमारे विचार से नया संसार बसाने और नया इंसान बनाने की आवश्यकता नहीं है। संसार, इंसान से बनता है। अतः बदलाव की आवश्यकता है, तो वह केवल इंसान में है। यदि इंसान में सुधार हो जाता है, तो संसार अपने आप नया हो जाएगा। यदि हम नया संसार बनाते हैं या नया इंसान बनाते हैं, तो इसमें इस बात की गारण्टी नहीं है कि उसमें समस्याएँ, असमानाताएँ नहीं आएगीं। इसलिए इस बात को भुलाकर हमें स्वयं में बदलाव करने की आवश्यकता है।

प्रश्न 2 नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़कर उत्तर दो।

“रोज त्योहार मनाएँगे।”

तुम्हारे विचार से क्या रोज़ त्योहार मनाना उचित है? क्यों?

उत्तर-

हमारे विचार से रोज़ त्योहार मनाना उचित नहीं है। इसके बहुत से कारण हैं। वे इस प्रकार हैं-

1.   रोज़ त्योहार मनाने से मनुष्य इन्हीं में उलझा रहेगा और अन्य कार्य नहीं कर पायेगा।

2.   लोगों पर इससे आर्थिक दबाव बन जाएगा।

3.   जीवन में उमंग शेष नहीं रहेगी। त्योहार जीवन में बदलाव लाते हैं और यदि रोज़ ही त्योहार होंगे, तो उमंग के लिए स्थान ही नहीं बचेगा।

4.   लोगों का समय नष्ट होगा। त्योहारों की तैयारी महीनों पहले से आरंभ हो जाती है। यदि त्योहार रोज़ होगें, तो लोगों को उसकी तैयारी में समय देना पड़ेगा। इससे लोगों का बहुत समय नष्ट होगा।

5.   सबसे बड़ी और मुख्य बात त्योहारों का महत्व कम हो जाएगा।

प्रश्न 3 नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़कर उत्तर दो।

“सौ सौ स्वर्ग उतर आएँगे, सूरज सोना बरसाएँगे। दूध पूत के लिए बदल देगें तारों की चाल” क्या ऊपर लिखी बातें संभव हो सकती हैं? कारण भी पता करो?

उत्तर- कवि की ये बात संभव हो सकती हैं। यदि मनुष्य मेहनत करे। मेहनत से ही वह धरती पर सौ-सौ स्वर्ग उतार सकता है। कवि के अनुसार यदि सभी मनुष्य एक साथ मेहनत करें, तो पृथ्वी का हर स्थान लहलहा उठेगा। उसकी सुंदरता इतनी अनुपम होगी कि मानो चारों और स्वर्ग उतर आएँ हों। इस तरह हमारे द्वारा की गई मेहनत आने वाली पीढ़ियों के भाग्य को बदलकर रख देगी और वे हमेशा फलते-फूलते हुए इस पृथ्वी पर रहेगें।।

प्रश्न 4 नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़कर उत्तर दो।

कवि ‘हम धरती के लाल’ ही क्यों कहना चाहते हैं?

कवि हम धरती के लाल इसलिए कहना चाहता है ताकि वह मनुष्य का संबंध धरती से व्यक्त कर सके। एक संतान का कर्तव्य होता है कि वह अपने माता-पिता के लिए कुछ करे। जब हम धरती को माँ मानने लगते हैं या कहने लगते हैं, तो उससे भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं। यह भावनात्मक संबंध हमें याद दिलाता कि हमें अपनी माँ के लिए कुछ करना है।

वाक्य बनाओ प्रश्न (पृष्ठ संख्या 55)

प्रश्न 1 ‘सुख-स्वप्नों के स्वर गूँजेंगे।’ इसमें ‘स’ अक्षर बार-बार आया है। तुम भी नीचे लिखे वर्णों से वाक्य बनाओ। ध्यान रखो कि उस वर्ण से शुरू होने वाले तीन शब्द तुम्हारे वाक्य में हों।

a.   क ___________

b.   त ___________

c.   द ___________

उत्तर-

a.   कागज़ की कश्ती चलती छन-छन।

b.   तीन तमगें तान कर चलते लाला जी।

c.   दान देना दानवीर कर्ण का कार्य था।

शब्द सज्जा (पृष्ठ संख्या 55-56)

प्रश्न 1 ‘हम नया भूगोल बनाएँगे।’

ऊपर लिखी पंक्ति में ‘भूगोल’ शब्द की जगह और कौन-कौन से शब्द आ सकते हैं? नीचे दिए गए बॉक्स में से छाँटो और कुछ शब्द स्वयं सोचकर लिखो।

संसार, कल्पना, इंसान, पौधा, चेतना, जमाना, दुनिया, इतिहास

उत्तर- संसार, इंसान, दुनिया, इतिहास, विश्व, राष्ट्र

प्रश्न 2 नीचे लिखे शब्दों को तुम्हारे घर की भाषा में क्या कहते हैं?

देश…………………….

जनता………………….

धरती………………….

त्योहार…………………..

दूध…………………

इंसान…………………

उत्तर-

देश- देश

जनता-जौनता

धरती- पृथ्वी

त्योहार- उत्सव

दूध- दुध

इंसान- मानुष

सोचो और बताओ (पृष्ठ संख्या 56)

प्रश्न 1 कवि एक नया संसार बसाना चाहता है जहाँ मानव की मेहनत पूजी जाए, जहाँ जनता में एकता हो, जहाँ सब समान हों, जहाँ सभी सुखी हों। तुम्हें अपने संसार में ऊपर लिखी बातें नज़र आती हैं या नहीं? इन बातों के होने या न होने का क्या कारण है?

उत्तर- ‘हाँ’ मुझे अपने संसार में ये बातें नज़र आती हैं। हमारे संसार में मानव की मेहनत पूजी जाती है। तभी तो आज वही लोग शिखर पर विद्यमान है, जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर असंभव को संभव कर दिखाया है। हमारे संसार में जनता के बीच एकता विद्यमान है। यदि ऐसा नहीं होता, तो अभी तक मानव सभ्यता समाप्त हो चूकी होती। ये बातें भी सच हैं कि यहाँ सबको समान रूप से देखा जाता है और यहाँ सब सुखी हैं। यदि ऐसा नहीं होता तो सारा संसार आपस में जुड़ा नहीं होता। आज सारे देश एक दूसरे के साथ व्यापारिक संबंध बनाए हुए हैं व सारे एक दूसरे की संस्कृति और सभ्यताओं के विषय में जानने को इच्छुक हैं। ये सब प्रमाण है हमारे संसार के अच्छे होने के।

प्रश्न 2 तुम भी अपने संसार के बारे में कल्पनाएँ ज़रूर करते होंगे। अपने सपनों की दुनिया के बारे में बताओ।

उत्तर-‘हाँ’ मैं भी अपने सपनों के संसार के बारे में कल्पनाएँ करती हूँ। परन्तु मेरे सपनों की दुनिया बिलकुल अलग है। मेरे सपनों का संसार प्रदूषण मुक्त और प्रकृति के सौंदर्य से भरपूर है। लोगों के घर इमारतों में नहीं होगें बल्कि पेड़ों पर बने छोटे-छोटे घर होगें। हम प्रकृति के बीच में रहकर पढ़ाई करेंगे और जीवन का आनंद उठाएँगे।

कैसे (पृष्ठ संख्या 56)

प्रश्न 1 बताओ तुम ये काम कैसे करोगे? शिक्षक से भी सहायता लो।

a.   समय को रहा दिखाना

b.   जनता को एक करना

c.   तारों की चाल बदल देना

d.   नया भूगोल बनाना

e.   नया इंसान बनाना

उत्तर-

a.   अपने हर कार्य का समय निर्धारित करेंगे। कार्य को नियत समय से पूरा करने का प्रयास करेंगे। बचे समय का भी सही उपयोग करेंगे। इस तरह हम समय को राह दिखा सकेंगे क्योंकि तब समय हमारे अनुसार चलेगा।

b.   लोगों को प्रेम तथा भाईचारे का पाठ पढ़ाएँगे और आपसी कलह समाप्त करके उन्हें एक कर देंगे।

c.   इतना परिश्रम करेंगे कि भाग्य को भी अपने हाथों चलने पर विवश कर देंगे। अपने परिश्रम से हम अपना भाग्य स्वयं बनाएँगे।

d.   अपने परिश्रम से ऐसा संसार बनाएंगे, जो हमारे अनुसार बना हुआ होगा।

e.   अपने अंदर की कमियों को समाप्त करके ऐसा इंसान बनेंगे, जो दुनिया के लिए मिसाल होगा

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  • हम धरती के लाल

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