Saathi Haath Badhana Question Answer

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अध्याय 5: साथी हाथ बढ़ाना कविता - saathi haath badhana class 6th

साथी हाथ बढ़ाना कविता सारांश

प्रस्तुत गीत साहिर लुधियानवी द्वारा लिखा गया है। यह गीत ‘नया दौर’ फिल्म के लिए लिखा गया था। यह गीत आजादी के कुछ समय बाद लिखा गया था। यह गीत सभी को मिलजुलकर काम करने की प्रेरणा देता है। इस गीत के द्वारा कवि ने बताने का प्रयास किया है कि जब भी हम मनुष्य ने मिलजुलकर काम किया है तब उसने हर मुश्किल को आसानी से पार किया है। परिश्रमी मनुष्य जब मिलकर कार्य करते हैं तो समंदर में भी राह निकल आती और पर्वत को भी पार किया जा सकता है। कवि के अनुसार सुख-दुःख का चक्र जीवन में हमेशा आता रहता है। हमें हर परिस्थिति में हमेशा अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहना चाहिए। दुनिया में हर बड़ा चीज़ छोटे-छोटे चीजों से मिलकर ही बना है।

साथी हाथ बढ़ाना कविता भावार्थ

साथी हाथ बढाना

एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना

साथी हाथ बढाना।

हम मेहनत वालों ने जब भी, मिलकर कदम बढ़ाया

सागर ने रस्ता छोडा, परबत ने सीस झुकाया

फ़ौलादी हैं सीने अपने, फ़ौलादी हैं बाँहें

हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें

साथी हाथ बढ़ाना

नए शब्द/कठिन शब्द

साथी- साथ देने वाला

हाथ बढ़ाना- मदद करना

बोझ- भारी वस्तु

मेहनतवाले- परिश्रमी

कदम बढ़ाना- आगे चलना

परबत- पर्वत

सीस- सिर

फ़ौलादी- लोहे की तरह मजबूत

सीना- छाती

चट्टान- बड़े पत्थर

पैदा कर दें राहें- रास्ता निकाल दें

भावार्थ- प्रस्तुत पंक्तियों के द्वारा कवि ने लोगों को साथ मिलकर काम करने को प्रेरित किया है। गीत की इन पंक्तियों में कवि बताते है कि अकेला व्यक्ति अगर कुछ पाने का प्रयास करे तो थक जाता है परंतु अगर सब मिल-जुलकर के कार्य करे तो बड़े से बड़े लक्ष्य तक आसानी से पहुँच सकते हैं। इसलिए कवि चाहते हैं कि भारत निर्माण में सभी हिस्सेदार बने। कवि कहते हैं कि मेहनती लोगों ने जब भी मिलजुलकर काम किया है सागर और पर्वतों को भी पार कर दिया है। कवि कहते हैं हमारी बाहें और सीने फौलाद के बने हैं, बस जरुरत है तो सबको साथ मिलकर काम करने की जरुरत है।

मेहनत अपनी लेख की रेखा, मेहनत से क्या डरना

कल गैरों की खातिर की, अब अपनी खातिर करना

अपना दुःख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक

अपनी मंजिल सच की मंजिल, अपना रास्ता नेक

साथी हाथ बढ़ाना

नए शब्द/कठिन शब्द

लेख की रेखा- भाग्य की रेखा

गैरों- परायों

खातिर- के लिए

मंजिल- लक्ष्य

नेक- भलाई

भावार्थ- कवि प्रेरणा देते हुए कहता है कि मेहनत ही हमारी नियति है। अत: इससे क्या डरना। अभी तक दूसरों के लिए परिश्रम करते थे अब परिश्रम करने की बारी अपने लिए आई है। यहाँ पर कवि का तात्पर्य लोगों को याद दिलाने से है कि कल तक गैरों (अंग्रेजों) के लिए काम किया अब अपने लिए अर्थात् आजाद भारत के निर्माण के काम करना है।

साथ ही कवि ने सुख-दुःख को लोगों का साथी बताया है क्योंकि यह तो एक क्रम की तरह जीवन में चलता ही रहता है। अत: अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहना चाहिए।

एक से एक मिले तो कतरा, बन जाता है दरिया

एक से एक मिले तो ज़र्रा, बन जाता है सेहरा ज़र्रा

एक से एक मिले तो राई, बन सकती है पर्वत

एक से एक मिले तो इंसाँ, बस में कर ले किस्मत

साथी हाथ बढ़ाना

नए शब्द/कठिन शब्द

दरिया- नदी

ज़र्रा- कण

सेहरा- रेगिस्तान

राई- सरसों

भावार्थ- प्रस्तुत पंक्तियों में कवि एकता की ताकत को स्पष्ट करते हुए बताते हैं कि एक-एक बूंद मिलकर दरिया ब जाता है। छोटे-छोटे जर्रा से मिलकर सेहरा बन जाते हैं। छोटे राई के दाने मिलकर पर्वत बना देने की क्षमता रखते हैं। उसी प्रकार यदि प्रत्येक व्यक्ति एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करें तो भाग्य को भी पलट कर रख सकते हैं।


 

NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 6 CHAPTER 5 HINDI

साथी हाथ बढ़ाना कविता के प्रश्न उत्तर - sathi hath badhana class 6 question answer

प्रश्न 1 इस गीत की किन पंक्तियों को तुम अपने आसपास की ज़िंदगी में घटते हुए देख सकते हो?

उत्तर- साथी हाथ बढाना

एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना

साथी हाथ बढाना।

हम मेहनत वालों ने जब भी, मिलकर कदम बढाया

सागर ने रस्ता छोडा, परबत ने सीस झुकाया

फौलादी हैं सीने अपने, फौलादी हैं बाँहें

हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें

उपर्युक्त पंक्तियों को हम अपने आसपास के श्रमिक वर्ग की ज़िंदगी में घटते हुए देख सकते हैं। गीत की इन पंक्तियों में कवि बताते है कि अकेला व्यक्ति अगर कुछ पाने का प्रयास करे तो थक जाता है परंतु अगर सब मिल-जुलकर के कार्य करे तो बड़े से बड़े लक्ष्य तक आसानी से पहुँच सकते हैं।

प्रश्न 2 सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया’-साहिर ने ऐसा क्यों कहा है? लिखो।

उत्तर- ‘सागर ने रस्ता छोडा, परबत ने सीस झुकाया’- इन पंक्तियों द्वारा साहिर जी ने मनुष्य के साहस और हिम्मत को दर्शाया हैं। यदि मेहनत करने वाले मिलकर कदम बढ़ाते हैं तो समुद्र भी उनके लिए रास्ता छोड़ देता है, पर्वत भी उनके समक्ष झुक जाते हैं अर्थात् आने वाली बाधाएँ स्वयं ही टल जाती हैं। इसी हिम्मत के कारण मनुष्य पर्वत को काटकर मार्ग बना पाया, सागर में पुलों का निर्माण कर पाया, चाँद तक पहुँच गया।

प्रश्न 3 गीत में सीने और बाँह को फ़ौलादी क्यों कहा गया है?

उत्तर- मजबूत इच्छाशक्ति के लिए मजबूत सीना आवश्यक है और इन कार्यों को पूरा करने के लिए मजबूत हाथ आवश्यक है। इसलिए कवि ने इस गीत में मजदूर के सीने और बाँह को फ़ौलादी कहा है।

गीत से आगे प्रश्न (पृष्ठ संख्या 44-45)

प्रश्न 1 अपने आसपास तुम किसे 'साथी' मानते हो और क्यों? इससे मिलते-जुलते कुछ और शब्द खोजकर लिखो।

उत्तर-  हमारे माता-पिता, भाई-बहन, मित्र, सहपाठी, शिक्षक, पड़ोसी-ये सभी हमारे साथी हैं क्योंकि ये सब हमें किसी न किसी रूप में सहयोग करते हैं। साथी से मिलते-जुलते शब्द हैं-सहायक, सखा, संगी, सहचर, शुभचिंतक, मित्र, मीत आदि।

प्रश्न 2 ‘अपना दुख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक' 'कक्षा, मोहल्ले और गाँव/ शहर के किस-किस तरह के साथियों के बीच तुम्हें इस वाक्य की सच्चाई महसूस होती है और कैसे?

उत्तर- कुछ बातों के संबंध में हम अपने साथियों से जुड़े होते हैं। इन मामलों में हमारी सोच एक होती है और हमारे सुख-दुख की अनुभूति भी एक होती है। उदाहरण के लिए पानी-बिजली की कमी, ट्रैफिक जैसी रोजमर्रा की मुश्किलों से जब हमारा सामना होता है तो हमें लगता है जैसे हमारा दुख एक है। वहीं दूसरी ओर विद्यालय के लिए पदक जीतना, कक्षा में अच्छे अंक लाना और बड़े होकर कुछ बनने की चाह से पता चलता है कि हमारा सुख भी एक ही है।

प्रश्न 3 इस गीत को तुम किस माहौल में गुनगुना सकते हो?

उत्तर- इस गीत को स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या किसी संगठन की स्थापना के अवसर पर गा सकते हैं। खेल के मैदान में भी यह गीत खिलाड़ियों में जोश पैदा कर सकता है। वैसे तो यह गीत कभी-भी गुनगुनाया जा सकता है, पर विशेषकर जब सहयोग और संगठन की शक्ति बतानी हो तब यह गीत महत्व रखता है।

प्रश्न 4 एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना'

1.   तुम अपने घर में इस बात का ध्यान कैसे रख सकते हो?

2.   पापा के काम और माँ के काम क्या-क्या हैं?

3.   क्या वे एक-दूसरे का हाथ बँटाते हैं?

उत्तर-

1.   अपने घर के छोटे-बड़े कामों में माता-पिता का हाथ बँटा कर हम इस बात का ध्यान रख सकते हैं।

2.   पापा और माँ को बहुत से काम करने होते हैं। जहाँ एक ओर पापा कार्यालय जाते हैं और घर के लिए आवश्यक बाहरी कामों का ध्यान रखते हैं वहीं माँ घर की सफाई, खाना बनाना, कपड़े धोना, हम सबों को पढ़ाना, खरीदारी करना और कई छोटे-बड़े कामों की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेती है।

3.   हाँ, वे इन कामों से एक-दूसरे का हाथ बँटाते हैं।

प्रश्न 5 यदि तुमने 'नया दौर' फिल्म देखी है तो बताओ कि यह गीत फिल्म में कहानी के किस मोड़ पर आता है? यदि तुमने फिल्म नहीं देखी है तो फिल्म देखो और बताओ।

उत्तर- नया दौर' फिल्म में जब कच्ची सड़क को पक्का करने के लिए सब मिल जुल कर काम करते हैं तब यह गीत आता है। यह गीत उनके सहयोग, उत्साह और जोश को प्रदर्शित करता है।

कहावतों की दुनिया प्रश्न (पृष्ठ संख्या 45)

प्रश्न 1 अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।

एक और एक मिल कर ग्यारह होते हैं।

a.   ऊपर लिखी कहावतों का अर्थ गीत की किन पंक्तियों से मिलता-जुलता है?

b.   इन दोनों कहावतों का अर्थ कहावत-कोश में देखकर समझो और वाक्य के संदर्भ में उनका प्रयोग करो।

उत्तर-

a.   एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।

एक से मिले तो कतरा, बन जाता जाता है दरिया

एक से एक मिले तो ज़र्रा, बन जाता है सेहरा

एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत

एक से एक मिले तो इंसाँ, बस में कर ले किस्मत।

b.   अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता- भले ही तुम बलवान और बहादुर हो, पर अकेले दुश्मनों का सामना नहीं कर सकते। तुम्हें पता है कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता।

एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं- अगर हम मिलकर युद्ध करें तो हमारी विजय निश्चित है। आखिर एक और एक ग्यारह होते हैं।

प्रश्न 2 नीचे हाथ से संबंधित कुछ मुहावरे दिए गए हैं। इनके अर्थ समझो और प्रत्येक मुहावरे से वाक्य बनाओ

a.   हाथ को हाथ न सूझना

b.   हाथ साफ़ करना

c.   हाथ-पैर फूलना

d.   हाथों-हाथ लेना

e.   हाथ लगना

उत्तर-

a.   हाथ को हाथ न सूझना

वाक्य में प्रयोग- बिजली चली जाने के बाद इतना अँधेरा हो गया कि हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था।

b.   हाथ साफ़ करना

वाक्य में प्रयोग- मौका मिलते ही चोर ने गहनों पर अपना हाथ साफ़ कर दिया।

c.   हाथ-पैर फूलना

वाक्य में प्रयोग- पुलिस को देख कर चोर के हाथ-पैर फूल गए।

d.   हाथों-हाथ लेना

वाक्य में प्रयोग- नई किताब के बाज़ार में आते ही सबने उसे हाथों-हाथ लिया।

e.   हाथ लगना

वाक्य में प्रयोग- तुम नहीं जान सकते कि कितने इंतजार के बाद यह इनामी राशि मेरे हाथ लगी है।

भाषा की बात प्रश्न (पृष्ठ संख्या 45-46)

प्रश्न 1 हाथ और हस्त एक ही शब्द के दो रूप हैं। नीचे दिए शब्दों में हस्त और हाथ छिपे हैं। शब्दों को पढ़कर बताओ कि हाथों का इनमें क्या काम है

हाथघड़ी

हथौड़ा

हस्तशिल्प

हस्तक्षेप

निहत्था

हथकंडा

हस्ताक्षर

हथकरघा

उत्तर- हाथघड़ी- हाथघड़ी हाथ की कलाई पर पहनी जाती है।

हथौड़ा- हथौड़ा एक ऐसा लोहे का औजार है जिसे हाथ से पकड़ कर चलाया जाता है।

हस्तशिल्प- हस्तशिल्प में शिल्पकारी का काम हाथ से ही होता है।

हस्तक्षेप- हस्तक्षेप का अर्थ है किसी कार्य में दखल देना। इसमें हाथ का कोई कार्य नहीं है।

निहत्था- निहत्था उस व्यक्ति को कहते हैं, जिसके हाथ में कोई हथियार न हो।

हथकंडा- हथकंडा किसी कार्य को पूरा करने के लिए अनुचित तरीका अपनाने को कहते हैं। इसमें भी हाथ का कोई कार्य नहीं है।

हस्ताक्षर- हस्ताक्षर करते हुए हाथ से अपना नाम लिखकर सहमति व्यक्त की जाती है।

हथकरघा- हथकरघा में हाथों से किए जाने वाले लघु एवं घरेलू उद्योग धंधे शामिल हैं। जैसे-करघा पर कपड़ा बुनना आदि।

प्रश्न 2 इस गीत में परबत, सीस, रस्ता, इंसाँ जैसे शब्दों के प्रयोग हुए हैं। इन शब्दों के प्रचलित रूप लिखो।

उत्तर- परबत - पर्वत

सीस - शीश, सिर

रस्ता - रास्ता

इंसाँ - इंसान

प्रश्न 3 'कल गैरों की खातिर की, आज अपनी खातिर करना'

इस वाक्य को गीतकार इस प्रकार कहना चाहता है

(तुमने) कल गैरों की खातिर (मेहनत) की, आज (तुम) अपनी खातिर करना। इस वाक्य में 'तुम' कर्ता है जो गीत की पंक्ति में छंद बनाए रखने के लिए हटा दिया गया है। उपर्युक्त पंक्ति में रेखांकित शब्द 'अपनी' का प्रयोग कर्ता 'तुम' के लिए हो रहा है, इसलिए यह सर्वनाम है। ऐसे सर्वनाम जो अपने आप के बारे में बताएँ निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। (निज का अर्थ ‘अपना' होता है।) निजवाचक सर्वनाम के तीन प्रकार होते हैं जो नीचे दिए वाक्यों में रेखांकित हैं-

1.   मैं अपने आप (या आप) घर चली जाऊँगी।

2.   बब्बन अपना काम खुद करता है।

3.   सुधा ने अपने लिए कुछ नहीं खरीदा।

अब तुम भी निजवाचक सर्वनाम के निम्नलिखित रूपों का वाक्यों में प्रयोग करो

अपने को

अपने से

अपना

अपने पर

अपने लिए

आपस में

उत्तर- अपने को-हमें अपने को कमजोर नहीं मानना चाहिए।

अपने पर तुम अपने पर भरोसा रखो।

अपने से-तुम्हें अपने से काम करना सीखना चाहिए।

अपने लिए हमें अपने लिए कुछ वक्त निकालना चाहिए।

अपना भारत हमारा अपना देश है।

आपस में भारतवासी को आपस में मिलजुल कर रहना चाहिए।

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