Upsarg ki paribhasha unke bhed aur udharan class 9

उपसर्ग

यह दो शब्दों (उप+सर्ग) के योग से बनता है। ’उप’ का अर्थ ’समीप’, ’निकट’ या ’पास में’ है। ’सर्ग’ का अर्थ है सृष्टि करना।

’उपसर्ग’ का अर्थ है पास में बैठकर दूसरा नया अर्थ वाला शब्द बनाना। ’हार’ के पहले ’प्र’ उपसर्ग लगा दिया गया, तो एक नया शब्द ’प्रहार’ बन गया, जिसका नया अर्थ हुआ ’मारना’।

आसान अर्थ : उपसर्ग उप +सर्ग के योग से बना है यह एक संयोग का पद है। उप का मतलब है सहायक या समीप का और सर्ग का मतलब है:- भाग या अंग

अतः उपसर्ग का मतलब हुआ “सहायक या समीप का अंग या भाग”

उपसर्ग शब्दांश होते है अर्थात यह शब्दो का अंग होते है। वह शब्दांश जो शब्दो के आगे जुड़ कर उसके अर्थ मे परिवर्तन कर देते है या अर्थ मे विशेषता ला देते है अथवा अन्य शब्द बना देते है वह उपसर्ग कहलाते है।

उपसर्गों का स्वतंत्र अस्तित्व न होते हुए भी वे अन्य शब्दों के साथ मिलकर उनके एक विशेष अर्थ का बोध कराते हैं। उपसर्ग शब्द के पहले आते हैं।

जैसे – ’अन’ उपसर्ग ’बन’ शब्द के पहले रख देने से एक शब्द ’अनबन’ बनता है, जिसका विशेष अर्थ ’मनमुटाव’ है। कुछ उपसर्गों के योग से शब्दों के मूल अर्थ में परिवर्तन नहीं होता, बल्कि तेजी आती है।

जैसे – ’भ्रमण’ शब्द के पहले ’परि’ उपसर्ग लगाने से अर्थ में अंतर न होकर तेजी आई। कभी-कभी उपसर्गों के प्रयोग से शब्द का बिल्कुल उलटा अर्थ निकलता है।

उपसर्ग किसी शब्द के आरम्भ मे जुड़ कर अर्थवान हो जाते है जैसे अ उपसर्ग नहीं का अर्थ देता है

जैसे :

·       अ+ भाव = अभाव

·       अ+थाह   = अथाह

इसी प्रकार नि उपसर्ग

नि + डर = निडर

जैसे :-

·       अ + सुंदर = असुंदर (यहां अर्थ बदल गया है )

·       अति +सुंदर =अतिसुन्दर (यहां शब्द मे विशेषता आई है )

इसी तरह हम अन्य उदाहरण देखेंगे

·       आ+हार  = आहार (नया शब्द बना है )

·       प्रति+हार  = प्रतिहार (नया शब्द बना है

·       प्र+हार  = प्रहार (नया शब्द बना है )

·       अति+अल्प  = अत्यल्प

·       अधि + अक्ष = अध्यक्ष

उपसर्गों के प्रयोग से शब्दों की तीन स्थितियाँ होती हैं –

·       शब्द के अर्थ में एक नई विशेषता आती है,

·       शब्द के अर्थ में प्रतिकूलता उत्पन्न होती है,

·       शब्द के अर्थ में कोई विशेष अंतर नहीं आता।

यहाँ ’उपसर्ग’ और ’शब्द’ का अंतर समझ लेना चाहिए। शब्द अक्षरों का एक समूह है, जो अपने में स्वतंत्र है, अपना अर्थ रखता है और वाक्यों में स्वतंत्रतापूर्वक प्रयुक्त होता है।

लेकिन, उपसर्ग अक्षरों का समूह होते हुए भी स्वतंत्र नहीं है और न स्वतंत्ररूप से उसका प्रयोग ही होता है। जब तक किसी शब्द के साथ उपसर्ग की संगति नहीं बैठती, तब तक उपसर्ग अर्थवान् नहीं होता।

संस्कृत में शब्दों के पहले लगने वाले कुछ निश्चित शब्दांशों को ही उपसर्ग कहते हैं और शेष को अव्यय। हिंदी में इस तरह का कोई अंतर नहीं है। हिंदी भाषा में ’उपसर्ग’ की योजना व्यापक अर्थ में हुई है।

उपसर्गों की संख्या

हिंदी में जो उपसर्ग मिलते हैं, वे संस्कृत, हिंदी और उर्दू भाषा के हैं। इन भाषाओं से प्राप्त उपसर्गों की संख्या इस तरह निश्चित की गई है:

·       संस्कृत उपसर्ग – 19

·       हिंदी उपसर्ग – 10

·       उर्दू उपसर्ग – 12

इनमें से प्रत्येक इस प्रकार है –

संस्कृत-हिंदी उपसर्ग

उपसर्ग
अर्थ
शब्दरूप
अति
अधिक, ऊपर, उस पार
अतिकाल, अतिरिक्त, अतिशय, अत्यंत
अधि
श्रेष्ठ, ऊपर, सामीप्य
अधिकरण, अधिकार, अधिराज, अध्यात्म
अनु
क्रम, पश्चात्, समानता
अनुशासन, अनुकरण, अनुवाद, अनुचर
अप
लघुता, हीनता, अभाव, विरुद्ध
अपमान, अपशब्द, अपहरण, अपराध
अभि
सामीप्य, आधिक्य, ओर, इच्छा प्रकट करना
अभिभावक, अभियान, अभिशाप, अभिप्राय
अव
हीनता, अनादर, पतन
अवगत, अवलोकन, अवनत, अवस्था, अवसान

सीमा, और, समेत, कमी, विपरीत
आरक्त, आगमन, आकाश, आकर्षण, आजन्म
उत्+उद्
ऊपर, उत्कर्ष
उत्तम, उत्कण्ठा, उत्कर्ष, उत्पन्न, उन्नति, उद्देश्य
उप
निकटता, सदृश, गौण, सहायक, हीनता
उपकार, उपकूल, उपनिवेश, उपदेश, उपस्थिति
दुर-दुस्
बुरा, कठिन, दुष्ट, हीन
दुरवस्था, दुर्दशा, दुर्लभ, दुर्जन, दुर्लंध्य, दुर्दमनीय, दुराचार
नि
भीतर, नीचे, अतिरिक्त
निदर्शन, निकृष्ट, निपात, नियुक्त, निवास
निर्-निस्
बाहर, निषेध, रहित
निदर्शन, निकृष्ट, निपात, नियुक्त, निवास
परा
उलटा, अनादर, नाश
पराजय, पराक्रम, पराभव, परामर्श, पराभूत इत्यादि।
परि
आसपास, चारों ओर, पूर्ण, अतिशय, त्याग
परिक्रमा, परिजन, परिणाम, परिधि
प्र
अधिक, आगे, ऊपर, यश
प्रकाश, प्रख्यात, प्रचार, प्रबल, प्रभु
प्रति
विरोध, बराबरी, प्रत्येक, परिवर्तन
प्रतिक्षण, प्रतिध्वनि, प्रतिनिधि, प्रतिकार
वि
भिन्नता, हीनता, असमानता, विशेषता
विकास, विज्ञान, विदेश, विधवा, विवाद


उर्दू-उपसर्ग (अरबी-फारसी)

उपसर्ग
अर्थ
शब्दरूप
अल
निश्चित
अलबत्ता, अलगरज इत्यादि
कम
हीन, थोङा
कमउम्र, कमखयाल, कमसिन इत्यादि
खुश
श्रेष्ठता के अर्थ में
खुशबू, खुशदिल, खुशकिस्मत, खुशहाल, खुशखबरी इत्यादि।
गैर
निषेध
गैरहाजिर, गैरवाजिब, गैरकानूनी,गैरसरकारी 
दर
में
दरकार, दरमियान इत्यादि।


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