NCERT Hindi Chota Mera Khet Class 12 Question Answer & Summary

Premium NCERT Hindi Chota Mera Khet Class 12 Question Answer & Summary
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Chota Mera Khet is an evocative chapter in the Class 12 Hindi curriculum, known for its poetic narrative and deep thematic elements. It is a part of the Hindi Aroh textbook and offers rich literary content for students to explore.

The Chota Mera Khet Class 12 Summary provides an overview of the chapter, highlighting the key themes, narrative style, and the underlying message. This summary is particularly helpful for students who need a brief recap of the chapter or for those who are beginning their study of this chapter.

In Chota Mera Khet, the poet describes the emotional and symbolic significance of a small field (khet) that he owns. The field, though small in size, holds immense value for the poet, symbolizing his connection to the land and his roots. The chapter delves into the relationship between humans and nature, exploring themes of simplicity, connection to the earth, and the intrinsic value of small yet meaningful possessions in life.

Regarding the specific question about what seed (bij) the poet had sown in his field, the poem metaphorically refers to the seeds of love, care, and connection to nature and one's roots. It's not just about the physical act of farming but also about nurturing and cherishing the smaller, yet significant, aspects of life.

The Chota Mera Khet Class 12 Question Answer and Chota Mera Khet Question Answer sections are essential for students preparing for exams. These resources typically include a range of questions and answers covering various aspects of the chapter, aiding in understanding and analysis.

For a broader understanding of the chapter within the Class 12 Hindi curriculum, the Class 12 Hindi Chapter 9 Question Answer resource is invaluable. It provides a comprehensive look at the chapter, ensuring that students have a thorough understanding of all its elements.

In summary, Chota Mera Khet in Class 12 Hindi is an important chapter that offers students an opportunity to explore themes of nature, connection, and the value of small things in life. Through resources like chapter summaries, question-answer segments, and detailed analyses, students can gain a deep understanding of this chapter, which is beneficial for their exams and overall appreciation of Hindi literature.


अध्याय-9: छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख

छोटा मेरा खेत’ कविता उमाशंकर जोशी द्वारा रचित उनके काव्य-संग्रह ‘निशीथ’ से संकलित है। प्रस्तुत कविता में कवि ने कवि-कर्म को खेती के रूप में प्रस्तुत किया है। कागज़ का चौकोर पन्ना कवि को एक चौकोर खेत के समान प्रतीत होता है। इस खेत में किसी अंधड़ अर्थात भावनात्मक आँधी के आने से किसी क्षण एक बीज बोया जाता है। यह बीज रचना, विचार और अभिव्यंजना का हो सकता है जो मूलरूप कल्पना का सहारा लेकर विकसित होता है और इस प्रक्रिया में स्वयं गल जाता है।

उससे शब्दों के अंकुर निकलते हैं और अंतत: कृति एक । पूर्ण स्वरूप ग्रहण करती है। साहित्यिक कृति से जो अलौकिक रस-धारा प्रस्फुटित होती है, वह उस क्षण में होने वाली रोपाई का परिणाम है लेकिन उससे प्रस्फुटित रस-धारा अनंतकाल तक चलने वाली कटाई से कम नहीं होती है। कवि स्पष्ट कहता है कि खेत में पैदा अन्न तो । कुछ समय पश्चात समाप्त हो सकता है, लेकिन साहित्य से जिस रस-धारा की प्राप्ति होती है, वह अनंतकाल तक समाप्त नहीं होती।

बगुलों के पंख कविता का सारांश

‘बगुलों के पंख’ कविता ‘उमाशंकर जोशी’ द्वारा रचित उनके सुप्रसिद्ध काव्य-संग्रह ‘निशीथ’ से संग्रहित है। यह प्रकृति-सौंदर्य से परिपूर्ण कविता है। इस कविता में कवि ने सौंदर्य का अपेक्षित प्रभाव उत्पन्न करने के लिए एक युक्ति का सहारा लिया है और सौंदर्य के चित्रात्मक वर्णन के साथ-साथ अपने मन पर पड़ने वाले उसके प्रभाव का भी सुंदर चित्रण किया है। कवि आकाश में छाए काले-काले बादलों में पंक्ति बनाकर उड़ते हुए सुंदर-सुंदर बगुलों के पंखों को देखता है। वे कजरारे बादलों के ऊपर तैरती संध्या की उज्ज्वल सफ़ेद काया के समान प्रतीत होते हैं। कवि का मन इस अत्यंत सुंदर तथा नयनाभिराम दृश्य को देखकर उसी में डूब जाता है। वह इस माया से अपने को बचाने की सिफारिश करता है। लेकिन वह दृश्य इतना सुंदर है कि उसकी आत्मा तक को अपने अंदर समेट लेता है। कवि उससे चाहकर भी बच नहीं पाता।


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अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ संख्या 66)

कविता के साथ

प्रश्न 1. छोटे चौकोने खेत को कागज़ का पन्ना कहने में क्या अर्थ निहित है?

उत्तर- कवि ने छोटे चौकाने खेत को कागज का पन्ना कहा है। इससे कवि बताना चाहता है कि कवि-कर्म तथा खेती में बहुत समानता है। जिस प्रकार छोटा खेत चौकोर होता है, उसी प्रकार कागज़ का पन्ना भी चौकोर होता है। जिस प्रकार खेत में बीज, जल, रसायन डालते हैं और उसमें अंकुर, फूल, फल आदि उगते हैं, उसी प्रकार कागज के पन्ने पर कवि अपने भाव के बीज बोता है तथा उसे कल्पना, भाषा आदि के जरिये रचना के रूप में फसल मिलती है। फसल एक निश्चित समय के बाद काट ली जाती है, परंतु कृति से हमेशा रस मिलता है।

प्रश्न 2. रचना के संदर्भ में अंधड़ और बीज क्या हैं?

उत्तर- रचना के संदर्भ में अंधड़ का अभिप्राय है कि जब भावों की आँधी आती है तो वह शब्दों का रूप लेकर कागज़ पर जन्म लेने लगती है। वास्तव में भाव ही कविता रचने का पहला चरण है। ‘बीज’ से कवि का आशय है कि जब भाव आँधी रूप में आते हैं तो कविता रचने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। यह बीज वास्तव में विचार और अभिव्यक्ति का रूप होता है। यही कविता रचने का मूल मंत्र हैं।

प्रश्न 3. रस को अक्षयपात्र से कवि ने रचनाकर्म की किन विशेषताओं की ओर इंगित किया है?

उत्तर- कवि ने रचना कर्म की निम्नलिखित विशेषताओं की ओर इशारा किया है-

     i.        रचना कर्म का अक्षय पात्र कभी खाली नहीं होता।

   ii.        यह जितना बाँटा जाता है, उतना ही भरता जाता है।

 iii.        यह चिरकाल तक आनंद देता है।

प्रश्न 4. व्याख्या करें

     i.        शब्द के अंकुर फूटे,

पल्लव-पुष्पों से नमित हुआ विशेष।

   ii.        रोपाई क्षण की,

कटाई अनंतता की

लुटते रहने से जरा भी नहीं कम होती।

उत्तर- कविता कहता है कि जब शब्द रूपी अंकुर फूटे तो नए पत्तों के निकलने से पौधा झुक गया अर्थात् नए फूल पत्तों के खिलने के कारण भावना रूपी अमृत पत्र झुक गया।

कवि कहता है कि बीज रोपन में बहुत कम समय लगता है, लेकिन बीज रोपने और कविता लिखने में बहुत फर्क होता है। खेत में बोया गया बीज कुछ समय बाद खत्म हो जाता है, लेकिन कविता रूपी फ़सल की कटाई चिरकाल तक चलती रहती है। वह बँटते रहते हुए खत्म नहीं होती।

कविता के आसपास

प्रश्न 1. शब्दों के माध्यम से जब कवि दृश्यों, चित्रों, ध्वनि-योजना अथवा रूप-रस-गंध को हमारे ऐंद्रिक अनुभवों में साकार कर देता है तो बिंब का निर्माण होता है। इस आधार पर प्रस्तुत कविता से बिंब की खोज करें।

उत्तर- इस कविता में कई तरह के बिंबों का निर्माण हुआ है जो निम्नलिखित हैं-

चाक्षुप्त बिंब-

·       छोटा मेरा खेत चौकोना,

·       कागज का एक पन्ना,

·       कोई अंधड़ कहीं से आया।

·       शब्द के अंकुर फूटे,

·       पल्लव-पुष्पों से नमित,

·       झूमने लगे फल।

·       नभ में पाँती-बँधे बगुलों की पाँखें,

·       तैरती साँझ की सतेज श्वेत काया।

·       कजरारे बादलों की छाई नभ छाया।

आस्वाद बिंब-

·       कल्पना के रसायनों को पी बीज गया नि:शेष।

·       अमृत धाराएँ फूटतीं।

प्रश्न 2. जहाँ उपमेय में उपमान का अरोप हो, रूपक कहलाता है। इस कविता में से रूपक का चुनाव करें।

उत्तर-

·       भावों रूपी आँधी

·       विचार रूपी बीज

·       शब्द रूपी अंकुर

·       कल्पना रूपी रसायन

·       कागज़ रूपी खेत

·       कटाई रूपी अनंतता

·       क्षण रूपी बुआई।

कला की बात

प्रश्न 1. बगुलों के पंख कविता को पढ़ने पर आपके मन में कैसे चित्र उभरते हैं? उनकी किसी भी अन्य कला माध्यम में अभिव्यक्ति करें।

उत्तर- विद्यार्थी स्वयं करें।

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