विशेषण की परिभाषा, प्रकार और विशेषण के उदाहरण कक्षा 8


विशेषण एक भाषा का महत्वपूर्ण भाग है जो शब्दों को विवरण देता है। इस गाइड में, आप विशेषण के प्रकार और उदाहरणों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

विशेषण - visheshan shabd

विशेषण की परिभाषा


·       विशेषण वे शब्द होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। ये शब्द वाक्य में संज्ञा के साथ लगकर संज्ञा की विशेषता बताते हैं।

·       विशेषण विकारी शब्द होते हैं एवं इन्हें सार्थक शब्दों के आठ भेड़ों में से एक माना जाता है।

·       बड़ा, काला, लम्बा, दयालु, भारी, सुंदर, कायर, टेढ़ा - मेढ़ा, एक, दो, वीर पुरुष, गोरा, अच्छा, बुरा, मीठा, खट्टा आदि विशेषण शब्दों के कुछ उदाहरण हैं।

विशेषण की परिभाषा

जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता (गुण, सं ख्या, मात्रा या परिमाण आदि) बताते हैं विशेषण कहलाते हैं |

जैसे - बड़ा, काला, लंबा, दयालु, भारी, सुन्दर, अच्छा, गन्दा, बुरा, एक, दो आदि।

·       वहां चार लड़के बैठे थे।

·       अध्यापक के हाथ में लंबी छड़ी है

·       वह घर जा रहा था।

·       गीता सुंदर लड़की है


विशेष्य

जिन संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताई जाए वे विशेष्य कहलाते हैं।

जैसे - मोहन सुंदर लड़का है


प्रविशेषण

विशेषण शब्द की भी विशेषता बतलाने वाले शब्द ‘प्रविशेषण’ कहलाते हैं।

 visheshan ke udaharan जैसे - राधा बहुत सुंदर लड़की है।

इस वाक्य में सुंदर (विशेषण) की विशेषता बहुत शब्द के द्वारा बताई जा रही है। इसलिए बहुत प्रविशेषण शब्द है।


विशेषण के भेद 


हिन्दी व्याकरण में विशेषण के मुख्यतः 5 भेद या प्रकार होते हैं|

·       गुणवाचक

·       परिमाणवाचक

·       संख्यावाचक

·       सार्वनामिक

1.   गुणवाचक :- जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम के गुण या दोष का बोध हो, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं। ये विशेषण भाव, रंग, दशा, आकार, समय, स्थान, काल आदि से सम्बन्धित होते है।

जैसे - अच्छा, बुरा, सफेद, काला, रोगी, मोटा, पतला, लम्बा, चौड़ा, नया, पुराना, ऊँचा, मीठा, चीनी, नीचा, प्रातःकालीन

आदि।

·       गुणवाचक विशेषणों में ‘सा’ सादृश्यवाचक पद जोड़कर गुणों को कम भी किया जाता है।

जैसे - लाल-सा, बड़ा-सा, छोटी-सी, ऊँची-सी आदि।

·       कभी-कभी गुणवाचक विशेषणों के विशेष्य वाक्य लुप्त हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में संज्ञा का काम भी विशेषण ही करता है।

जैसे - बड़ों का आदर करना चाहिए।

        दीनों पर दया करनी चाहिए।

·       गुणवाचक विशेषण में विशेष्य के साथ कैसा/ कैसी लगाकर प्रश्न करने पर विशेषण पता किया जाता है।

2.   परिमाणवाचक :- जिन विशेषण शब्दों से किसी वस्तु के परिमाण, मात्रा, माप या तोल का बोध हो वे परिमाणवाचक विशेषण कहलाते है |

इसके दो भेद हैं।

            I.   निश्चित परिमाणवाचक :- दस क्विटल, तीन किलो, डेढ़ मीटर।

          II.   अनिश्चित परिमाणवाचक :- थोड़ा, इतना, कुछ, ज्यादा, बहुत, अधिक, कम, तनिक, थोड़ा, इतना, जितना, ढेर सारा।

3.   संख्यावाचक :- जिस विशेषण द्वारा किसी संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध हो, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।

जैसे - बीस दिन, दस किताब, सात भैंस आदि। यहाँ पर बीस, दस तथा सात - संख्यावाचक विशेषण हैं। इसके दो भेद हैं -

            I.   निश्चित संख्यावाचक :- दो, तीन, ढाई, पहला, दूसरा, इकहरा, दुहरा, तीनो, चारों, दर्जन, जोड़ा, प्रत्येक।

          II.  अनिश्चित संख्यावाचक :- कई, कुछ, काफी, बहुत।

4.   सार्वनामिक :- पुरुषवाचक और निजवाचक सर्वनाम (मैं, तू, वह) के अतिरिक्त अन्य सर्वनाम जब किसी संज्ञा के पहले आते हैं, तब वे संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे - यह घोड़ा अच्छा है।, वह नौकर नहीं आया। यहाँ घोड़ा और नौकर संज्ञाओं के पहले विशेषण के रूप में ‘यह’ और ‘वह’ सर्वनाम आये हैं। अतः ये सार्वनामिक विशेषण हैं।

जैसे - यह विद्यालय, वह बालक, वह खिलाड़ी आदि ।

सार्वनामिक विशेषण के भेद

व्युत्पत्ति के अनुसार सार्वनामिक विशेषण के भी दो भेद है-

·       मौलिक सार्वनामिक विशेषण

·       यौगिक सार्वनामिक विशेषण

            I.   मौलिक सार्वनामिक विशेषण :- जो सर्वनाम बिना रूपान्तर के संज्ञा के पहले आता हैं उसे मौलिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

जैसे –

·       वह लड़का,

·       यह कार,

·       कोई नौकर,

·       कुछ काम इत्यादि।

             II.   यौगिक सार्वनामिक विशेषण :- जो मूल सर्वनामों में प्रत्यय लगाने से बनते हैं।

जैसे –

कैसा घर, उतना काम, ऐसा आदमी, जैसा देश इत्यादि।

विशेष्य और विशेषण में संबंध

ऊपर आपने विशेषण और विशेष्य के बारे में पढ़ा, अब इन दोनों के संबंधों पर बात करेंगे।

“वाक्य में विशेषण का प्रयोग दो प्रकार से होता है- कभी विशेषण विशेष्य के पहले आता है और कभी विशेष्य के बाद।” इस प्रकार प्रयोग की दृष्टि से विशेषण के दो भेद हैं-

·       विशेष्य - विशेषण

·       विधेय - विशेषण

1.   विशेष्य विशेषण :- जो विशेषण विशेष्य के पहले आये, वह विशेष्य - विशेष होता हैं।

जैसे –

·       मुकेश चंचल बालक है।,

·       संगीता सुंदर लड़की है।

इन वाक्यों में चंचल और सुंदर क्रमशः बालक और लड़की के विशेषण हैं, जो संज्ञाओं (विशेष्य) के पहले आये हैं।

2.   विधेय विशेषण :- जो विशेषण विशेष्य और क्रिया के बीच आये, वहाँ विधेय - विशेषण होता हैं।

जैसे –

·       मेरा कुत्ता लाल हैं।,

·       मेरा लड़का आलसी है।

इन वाक्यों में लाल और आलसी ऐसे विशेषण हैं, जो क्रमशः कुत्ता (संज्ञा) और है (क्रिया) तथा लड़का (संज्ञा) और है (क्रिया) के बीच आये हैं।


महत्वपूर्ण

विशेषण के लिंग, वचन आदि विशेष्य के लिंग, वचन आदि के अनुसार होते हैं।

जैसे –

·       अच्छे लड़के पढ़ते हैं।,

·       नताशा भली लड़की है।,

·       रामू गंदा लड़का है। आदि

यदि एक ही विशेषण के अनेक विशेष्य हों तो विशेषण के लिंग और वचन समीप वाले विशेष्य के लिंग, वचन  के अनुसार होंगे,

जैसे –

·       नये पुरुष और नारियाँ,

·       नयी धोती और कुरता। आदि


विशेषण के उदाहरण क्या हैं?

विशेषण शब्दों को विवरण देने के लिए उपयोग किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, एक लाल गुलाबी फूल, एक बड़ा घर, एक सुंदर लड़की, एक तेज दौड़ने वाला कुत्ता आदि। इन सभी शब्दों में विशेषण होते हैं जो उनके विवरण को बताते हैं।

विशेषण का अर्थ क्या है?

विशेषण एक शब्द है जो नाम, संज्ञा या विशेषण के विवरण को बताता है। यह शब्द वाक्य में उपयोग किया जाता है ताकि वाक्य का अर्थ स्पष्ट हो सके। विशेषण शब्दों का उपयोग वस्तुओं, लोगों, स्थानों और विषयों के विवरण को बताने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, विशेषण शब्दों का उपयोग वाक्य को अधिक समझदार बनाने के लिए भी किया जाता है।

FAQs

  1. प्रविशेषण क्या है?

    प्रविशेषण वे शब्द होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम के प्रकार, आकार, रंग, गुण, संख्या, थान, समय आदि की विशेषता बताते हैं। उदाहरण के लिए, "लाल गुलाब", "पांच लोग", "अच्छा इंसान"।


  2. प्रविशेषण के कितने प्रकार होते हैं?

    प्रविशेषण के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं: गुणवाचक, परिमाणवाचक, और संख्यावाचक।


  3. गुणवाचक प्रविशेषण क्या होता है?

    गुणवाचक प्रविशेषण वह होता है जो संज्ञा या सर्वनाम के गुण या विशेषता को बताता है। जैसे - "सुंदर लड़की", "मीठा आम"।


  4. परिमाणवाचक प्रविशेषण क्या होता है?

    परिमाणवाचक प्रविशेषण वह होता है जो संज्ञा के परिमाण की जानकारी देता है। जैसे - "एक किलो चीनी", "दो गिलास पानी"।


  5. संख्यावाचक प्रविशेषण क्या होता है?

    संख्यावाचक प्रविशेषण वह होता है जो संज्ञा या सर्वनाम की संख्या की जानकारी देता है। जैसे - "दो कुत्ते", "चार किताबें"।


  6. क्या प्रविशेषण के बिना वाक्य बन सकता है?

    हाँ, प्रविशेषण के बिना भी वाक्य बनाया जा सकता है। प्रविशेषण सिर्फ संज्ञा या सर्वनाम के विशेषताओं की और अधिक जानकारी प्रदान करते हैं।






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