The story or poem Kartoos included in the class 10 Hindi syllabus is designed to engage students with its themes and messages. The literature piece Kartoos typically symbolizes something powerful and impactful, which might reflect on social issues, personal empowerment, or historical contexts depending on the particular work you are referring to.
In a classroom setting, teachers would usually go through the text with students, discussing its significance and the various literary devices used. Students are often required to answer questions that not only test their understanding of the text but also encourage them to think critically about the themes presented.
For example, if Kartoos is a poem about social change, the questions might ask students to analyze the metaphors used to represent the power of change or the resistance to it. If it's a story, the questions might revolve around the plot, the characters, and the moral or message that the author is trying to convey.
The solutions to Kartoos in class 10 would include a detailed explanation of the text, including summaries, character sketches, and themes. Teachers would also provide answers to common questions that might come up in exams, ensuring that students understand not just the literal meaning of the text, but also its broader implications.
For more specific answers related to Kartoos, students can refer to their class textbooks, supplementary materials provided by their school, or additional educational resources. It is important for students to engage with the text and questions actively, as this helps them develop a deeper understanding and appreciation for Hindi literature and its nuances.
अध्याय-14: कारतूस
सारांश
यह पाठ जाँबाज़ वज़ीर अली के जिंदगी का एक अंश है। इस
नाटक में उस हिस्से को बताया गया है जब वज़ीर अली अपने दुश्मन के कैंप में जाकर
वहाँ से अपने लिए कारतूस ले जाता है और अपने बहादुरी का गुणगान अपने दुश्मनों से
करवाता है।
नाटक के पात्र - कर्नल, लेफ्टिनेंट, सिपाही, सवार (वज़ीर अली)
अंग्रेज़ सरकार के आदेशानुसार वज़ीर अली को गिरफ्तार
करने के लिए कर्नल कालिंज अपने लेफ्टिनेंट और सिपाहियों के साथ जंगल में डेरा डाले
हुए हैं। उन्हें जंगल में आये हुए हफ्ते गुजर गए हैं परन्तु वह अभी तक वजीर अली को
गिरफ्तार नही कर पाये हैं। वजीर अली के दिल में अंग्रेज़ों के प्रति नफरत की बातें
सुनकर उन्हें रॉबिनहुड की याद आ जाती है। अपने पांच महीने के शासनकाल में उसने अवध
के दरबार से अंग्रेजी हुकूमत को साफ़ कर दिया। सआदत अली आसिफउद्दौला का भाई है साथ
ही वज़ीर अली का दुश्मन भी है क्योंकि आसिफउद्दौला के यहाँ लड़के की कोई उम्मीद नहीं
थी परन्तु वज़ीर अली ने सआदत अली के सारे सपने को तोड़ दिया।
अंग्रेज़ों ने सआदत अली को अवध के तख़्त पर बैठाया क्योंकि वो अंग्रेज़ों से
मिलकर रहता है और ऐश पसंद आदमी है। इसके बदले में सआदत अली ने अंग्रेज़ों को आधी
दौलत और दस लाख रूपये नगद दिए।
लेफ्टिनेंट कहता है कि सुना है वज़ीर अली ने
अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे-ज़मा को हिन्दुस्तान पर हमला करने की दावत दी है इसपर
कर्नल ने कहा कि अफ़गानिस्तान को हमले की दावत सबसे पहले टीपू सुल्तान ने दी, फिर
वज़ीर अली ने भी उसे दिल्ली बुलाया फिर शमसुद्दौला ने भी जो नवाब बंगाल का रिश्ते
का भाई है और बहुत खतरनाक है। इस तरह पूरे हिन्दुस्तान में कंपनी के खिलाफ लहर दौड़
गयी है। यदि यह कामयाब हो गयी तो लार्ड क्लाइव ने बक्सर और प्लासी के युद्ध में जो
हासिल किया था वह लार्ड वेल्जली के हाथों खो देगी। कर्नल पूरी एक फ़ौज लिए वज़ीर अली
का पीछा जंगलों में कर रहा है परन्तु वह पकड़ में नहीं आ रहा है।
कर्नल ने वज़ीर अली द्वारा कंपनी के वकील की हत्या करने
का किस्सा सुनाते हुए कहा कि हमने वज़ीर अली को पद से हटाकर तीन लाख रूपए सालना
देकर बनारस भेज दिया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने उसे कलकत्ता बुलाया। वज़ीर अली
बनारस में रह रहे कंपनी के वकील के पास जाकर पूछा कि उसे कलकत्ता क्यों बुलाया
जाता है इसपर वकील ने उसे बुरा-भला कह दिया, जिस कारण वज़ीर अली ने वकील को खंजर से
मार दिया। उसके बाद वह अपने कुछ साथियों के साथ आजमगढ़ भाग गया वहां के शासन ने
उनलोगों को सुरक्षित घागरा पहुँचा दिया अब वे इन्हीं जंगलों में कई साल से भटक रहे
हैं। लेफ्टिनेंट द्वारा पूछे जाने पर कर्नल ने वज़ीर अली की स्कीम बताते हुए कहता
है कि वे किसी तरह नेपाल पहुँचना चाहते हैं। अफ़गानी हमले का इंतज़ार करें
ताक़त बढ़ाएँ। वह सआदत अली को उसके पद से हटाकर खुद कब्ज़ा करे और अंग्रेज़ों
को हिन्दुस्तान से निकाल दे। लेफ्टिनेंट अपनी शंका जताते हुए कहता है कि हो सकता
है की वे लोग नेपाल पहुँच गए हों जिसपर कर्नल उसे भरोसा दिलाते हुए बताता है कि
अंग्रेजी और सआदत अली की फौजें बड़ी सख्ती से उनका पीछा कर रही हैं और उन्हें पता
है की वह इन्हीं जंगलों में है।
तभी एक सिपाही आकर कर्नल को बताता है कि दूर से धूल उड़ती दिखाई दे रही है
लगता है कोई काफिला चला आ रहा हो। कर्नल सभी को मुस्तैद रहने का आदेश देता है।
लेफ्टिनेंट और कर्नल देखते हैं की केवल एक ही आदमी है। कर्नल सिपाहियों से उसपर
नजर रखने को कहता है। घुड़सवार उनकी और आकर रुक जाता है और इज़ाज़त लेकर कर्नल से
मिलने अंदर जाता है और एकांत की माँग करता है जिसपर कर्नल सिपाही और लेफ्टिनेंट को
बाहर भेज देते हैं। वह कर्नल से कहता है कि वज़ीर अली को पकड़ना कठिन और कारतूस की
माँग करता है। कर्नल उसे कारतूस दे देता है। जब वह कारतूस लेकर जाने लगता है तो
कर्नल उससे उसका नाम पूछता है। वह अपना नाम वज़ीर अली बताता है और कारतूस देने के
कारण उसकी जान बख्शने की बात कहता है। उसके चले जाने के बाद लेफ्टिनेंट जब पूछता
है कि कौन था तब कर्नल एक जाँबाज़ सिपाही बतलाता है।
NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 10 HINDI SPARSH CHAPTER 14
मौखिक प्रश्न (पृष्ठ संख्या 133)
प्रश्न 1 निम्नलिखित
प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
a. कर्नल कालिंज का खेमा जंगल
में क्यों लगा हुआ था?
b. वज़ीर अली से सिपाही क्यों
तंग आ चुके थे?
c. कर्नल ने सवार पर नज़र
रखने के लिए क्यों कहा?
d. सवार ने क्यों कहा कि
वज़ीर अली की गिरफ़्तारी बहुत मुश्किल है?
उत्तर-
a.
कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में वज़ीर अली की गिरफ़्तारी के लिए लगा हुआ था। कर्नल
कालिंज को यह लग रहा थी कि वज़ीर अली अवश्य ही जंगल में कहीं-न-कहीं छिपा होगा।
बरसों से वह कर्नल की पूरी फौज की आँखों में धूल झोंक रहा था। यद्यपि वह इन्हीं
जंगलों में घूम रहा था।
b.
सिपाही वज़ीर अली से तंग आ चुके थे। क्योंकि हफ़्ते से डेरा डालने और उसे
ढूँढ़ने के बाबजूद भी वज़ीर अली पकड़ा नहीं जा रहा था। वे जंगल में रहते-रहते
परेशान हो चुके थे।
c.
कर्नल ने लेफ्टीनेंट को सवार पर नज़र रखने के लिए इसलिए कहा, ताकि वह यह देख
सके कि सवार किस दिशा की तरफ जा रहा है और उसकी गतिविधियों की जाँच हो सके।
d.
सवार ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि सवार स्वयं वज़ीर अली था। वह एक जाँबाज़
सिपाही था जिसे अंग्रेज़ अधिकारी साधारण सवार समझ रहे थे। कर्नल के साथ पूरी फौज़
थी फिर भी सवार ने ऐसा कहा क्योंकि उसे कर्नल के खेमे में कोई भी पहचान नहीं पाया
था।
लिखित प्रश्न (पृष्ठ संख्या 133-134)
प्रश्न 1 निम्नलिखित
प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
a. वज़ीर अली के अफ़साने
सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी?
b. सआदत अली कौन था? उसने
वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा?
c. सआदत अली को अवध के तख्त
पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था?
d. कंपनी के वकील का कत्ल
करने के बाद वजीर अली ने अपनी हिफ़ाज़त कैसे की?
e. सवार के जाने के बाद कर्नल
क्यों हक्का-बक्का रह गया?
उत्तर-
a.
वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिन हुड की याद आ जाती थी, क्योंकि
उनको जंगल में डेरा डाले हफ़्तों हो गए थे, फिर भी वज़ीर अली भूत की तरह हाथ ही
नहीं लगता था। इसी प्रकार रॉबिन हुड भी जंगलों में घूमता रहता था, पर किसी के भी
हाथ नहीं लगता था।
b.
सआदत अली अवध के नवाब आसिफउद्दौला का भाई और वज़ीर अली को चाचा था। आसिफ अली
को जब तक संतान न थी तब तक सआदत अली के अवध का नवाब बनने की पूरी संभावना थी लेकिन
वज़ीर अली के पैदा होते ही उसका सपना टूट गया उसे अपनी नवाबी खतरे में लगने लगी।
अतः उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत समझा।
c.
सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का विशेष मकसद था। दोस्त
होने के कारण उसे उसपर पूर्ण विश्वास था कि स्वयं तो वह ऐशो-आराम का जीवन बिताएगा
ही, साथ ही उन्हें भी अर्थात् कर्नल को भी दौलत तथा संपत्ति देकर मालामाल कर देगा
और उनकी जरूरतों के अनुसार हर तरह की मदद करेगा।
d.
वज़ीर अली को उसके पद से हटाने के बाद अंग्रेज़ों ने उसे बनारस भेज दिया और
तीन लाख रुपया सालाना वज़ीफा तय कर दिया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने वज़ीर अली
को कलकत्ता बुलाया। वज़ीर अली इस बुलावे से चिढ़कर कंपनी के वकील के पास गया जो
बनारस में ही रहता था। वकील ने वजीर अली की शिकायत की कोई परवाह नहीं की, उल्टा
उसे बुरा-भला सुना दिया। वज़ीर अली को गुस्सा आ गया और उसने खंजर निकालकर वकील का
कत्ल कर दिया। इसके बाद वज़ीर अली अपने सैनिकों के साथ आज़मगढ़ की ओर भाग गया।
वहाँ के बादशाह ने उन लोगों को अपनी हिफाज़त में घाघरा तक पहुँचा दिया। तब से वह
जंगलों में छिपकर अपनी शक्ति बढ़ाने लगा।
e.
सवार के जाने के बाद कर्नल हक्का-बक्का इसलिए रह गया, क्योंकि जिस वज़ीर अली
को पकड़ने के लिए वह जंगल में लावलश्कर के साथ लंबे समय से डेरा डाले हुए था, वही
वज़ीर अली ऐसा वेश बदलकर आया कि कर्नल को उसके किसी भी हाव-भाव से नहीं पता चला कि
वह वज़ीर अली है। इसके अतिरिक्त उसने बड़ी ही होशियारी से अपना परिचय देकर कर्नल
से कारतूस लेकर उसकी जान भी बख्श दी और देखते-ही-देखते घोड़े पर सवार होकर चला
गया। कर्नल केवल घोड़ों की टापों का शोर ही सुनता रह गया।
प्रश्न 2 निम्नलिखित
प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
a. लेफ्टीनेंट को ऐसा क्यों
लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है?
b. वज़ीर अली ने कंपनी के
वकील का कत्ल क्यों किया?
c. सवार ने कर्नल से कारतूस
कैसे हासिल किए?
d. वज़ीर अली एक जाँबाज़
सिपाही था, कैसे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
a.
देश में अलग-अलग अनेक स्थानों पर राजा एवं नवाब कंपनी का विरोध कर रहे थे।
जब लेफ़्टीनेंट ने देखा कि वज़ीर अली, टीपू सुल्तान तथा बंगाल के नवाब शमसुद्दौला
ने बाहरी देशों जैसे अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे-ज़मा को हिंदुस्तान पर हमला करने
की दावत दे दी है, तो उसे ऐसा लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर
दौड़ गई है अर्थात् हिंदुस्तान में चारों ओर से कंपनी के खिलाफ युद्ध की तैयारियाँ
शुरू हो गई हैं।
b.
वज़ीर अली को अंग्रेज़ों ने रहने के लिए बनारस भिजवा दिया था और उसे तीन लाख
रुपया सलाना वजीफा देना तय किया था। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने वज़ीर अली को
कलकत्ता बुलवाया। वज़ीर अली वहाँ जाना नहीं चाहता था। कंपनी का वकील भी बनारस में
रहता था। इसलिए वह गवर्नर की शिकायत लेकर कंपनी के वकील के पास गया। शिकायत पर
ध्यान न देकर वकील ने वज़ीर अली को भला-बुरा सुना दिया। इससे वज़ीर अली के
स्वाभिमान को गहरा धक्का लगा। दूसरा वज़ीर अली कंपनी सरकार से नफ़रत करता था। इन
दोनों कारणों के जुड़ जाने से वज़ीर अली ने वकील का कत्ल कर दिया।
c.
सवार, जो कि स्वयं वज़ीर अली था, ने कर्नल से अपनी जाँबाजी और सूझ-बूझ से
उसके खेमे में घुसकर, उसकी । जान बख्शकरे, कारतूस हासिल किए अर्थात् कर्नल और उसकी
फ़ौज से बिना डरे वज़ीर अली ने कर्नल को उसकी औकात दिखाने के लिए उसी से कारतूस
हासिल कर लिए।
d.
वज़ीर अली सचमुच एक जाँबाज सिपाही था। वह बहुत हिम्मती और साहसी था। उसे
अपना लक्ष्य पाने के लिए जान की बाजी लगानी आती थी। जब उससे अवध की नवाबी ले ली गई
तो उसने अंग्रेज़ों के विरुद्ध संघर्ष करना शुरू कर दिया। उसने गवर्नर जनरल के
सामने पेश होने को अपना अपमान माना और पेश होने से साफ मना कर दिया। गुस्से में
आकर उसने कंपनी के वकील की हत्या कर डाली। यह हत्या शेर की माँद में जाकर शेर को
ललकारने जैसी थी। इसके बाद वह आज़मगढ़ और गोरखपुर के जंगलों में भटकता रहा। वहाँ
भी निडर होकर अंग्रेज़ों के कैंप में घुस गया था। उसे अपनी जान की भी परवाह नहीं
थी। उसके जाँबाज़ सिपाही होने का परिचय उस घटना से मिलता है जब वह अंग्रेज़ों के
कैंप में घुसकर कारतूस लेने में सफल हो जाता है तथा कर्नल उसे देखता रह जाता है।
इन घटनाओं से पता चलता है कि वह सचमुच जाँबाज़ आदमी था।
प्रश्न 3 निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
a.
मुट्ठीभर आदमी और ये दमखम।
b.
गर्द तो ऐसे उड़ रही है जैसे कि पूरा एक काफ़िला चला आ रहा हो मगर मुझे तो
एक ही सवार नजर आता है।
उत्तर-
a.
इसका आशय है कि वज़ीर अली के पास मुट्ठी भर आदमी थे, अर्थात् बहुत कम
आदमियों की सहायता या साथ था, फिर भी इतनी शक्ति और दृढ़ता का परिचय देना कमाल की
बात थी। सालों से जंगल में रहने पर भी स्वयं कर्नल, उनकी सेना का बड़ा समूह; जो बहु-संख्या
में युद्ध-सामग्री से लैस था, मिलकर भी उसे पकड़ नहीं पाए थे। उसकी अदम्य शक्ति और
दृढ़ता को जीत नहीं पाए थे। वह हर काम इतनी सावधानी तथा होशियारी से करता था कि
मुट्ठी भर आदमियों ने ही कर्नल के इतने बड़े सेना समूह की नाक में दम कर दिया था।
b.
यह कथन अंग्रेज़ों की फौज़ के लेफ़्टीनेंट का है। वज़ीर अली अकेला ही पूरे
काफ़िले के समान था। वह तूफान की तरह शक्तिशाली और गतिशील था। उसके घोड़े की टापों
से उड़ने वाली धूल ऐसा आभास देती थी मानो पूरी फौज़ चली आ रही है। इस वाक्य से आने
वाले सवार के व्यक्तित्व की महानता की झलक मिलती है जो अकेले होते हुए भी अकेला
नहीं दिखता। यह सवार वज़ीर अली था जिसका पता किसी को न चला।
भाषा अध्ययन प्रश्न (पृष्ठ संख्या 134-135)
प्रश्न 1 निम्नलिखित शब्दों का एक-एक पर्याय लिखिए-
खिलाफ़, पाक, उम्मीद, हासिल, कामयाब, वजीफ़ा, नफ़रत, हमला, इंतेज़ार, मुमकिन
उत्तर- विरुद्ध, पवित्र, आशा, प्राप्त, सफल, छात्रवृत्ति, घृणा, आक्रमण,
प्रतीक्षा, संभव
प्रश्न 2 निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
a.
आँखों में धूल झोंकना,
b.
कूट-कूटकर भरना,
c.
काम तमाम कर देना,
d.
जान बख्श देना,
e.
हक्का-बक्का रह जाना।
उत्तर
मुहावरा – वाक्य प्रयोग
a.
आँखों में धूल झोंकना – तात्याँटोपे अंग्रेजों की आँखों में धूल झोककर रानी
लक्ष्मीबाई की मदद करते रहे।
b.
कूट-कूटकर भरना – चंद्रशेखर में देशभक्ति और देशप्रेम की भावना कूट-कूटकर
भरी थी।
c.
काम तमाम कर देना – पठानकोट में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों का काम तमाम कर
दिया।
d.
जान बख्श देना – मुहम्मद गोरी को बंदी बनाने के बाद भी पृथ्वीराज चौहान ने
उसकी जान बख्श दी।
e.
हक्का-बक्का रह जाना – पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों का पक्ष लेते देख विश्व
के कई राष्ट्र हक्के-बक्के रह गए।
प्रश्न 3 कारक वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ संबंध बताता
है। निम्नलिखित वाक्यों में कारकों को रेखांकित कर उनके नाम लिखिए-
a.
जंगल की जिंदगी बड़ी खतरनाक होती है।
b.
कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई।
c.
वज़ीर को उसके पद से हटा दिया गया।
d.
फ़ौज के लिए कारतूस की आवश्यकता थी।
e.
सिपाही घोड़े पर सवार था।
उत्तर-
a.
संबंध कारक
b.
संबंध कारक, अधिकरण कारक
c.
कर्म कारक, अपादान कारक
d.
संप्रदान कारक, संबंध कारक
e.
अधिकरण कारक
प्रश्न 4 क्रिया का लिंग और वचन सामान्यतः कर्ता और कर्म के लिंग और वचन के
अनुसार निर्धारित होता है। वाक्य में कर्ता और कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के
अनुसार जब क्रिया के लिंग, वचन आदि में परिवर्तन होता है तो उसे अन्विति कहते हैं।
क्रिया के लिंग, वचन में परिवर्तन तभी होता है जब कर्ता या कर्म परसर्ग रहित
हों;
जैसे- सवार कारतूस माँग रहा था। (कर्ता के कारण)
सवार ने कारतूस माँगे। (कर्म के कारण)
कर्नल ने वज़ीर अली को नहीं पहचाना। (यहाँ क्रिया, कर्ता और कर्म किसी के भी
कारण प्रभावित नहीं है)
अतः कर्ता और कर्म के परसर्ग सहित होने पर क्रिया कर्ता और कर्म से किसी के
भी लिंग और वचन से प्रभावित नहीं होती और वह एकवचन पुल्लिंग में ही प्रयुक्त होती
है। नीचे दिए गए वाक्यों में ‘ने’ लगाकर उन्हें दुबारा लिखिए-
a.
घोड़ा पानी पी रहा था।
b.
बच्चे दशहरे का मेला देखने गए।
c.
रॉबिनहुड गरीबों की मदद करता था।
d.
देशभर के लोग उसकी प्रशंसा कर रहे थे।
उत्तर-
a.
घोड़े ने पानी पीना जारी रखा।
b.
बच्चों ने दशहरे का मेला देखने के लिए प्रस्थान किया।
c.
रॉबिन हुड ने गरीबों की मदद की।
d.
देशभर के लोगों ने उसकी प्रशंसा की।
प्रश्न 5 निम्नलिखित वाक्यों में उचित विराम-चिह्न लगाइए-
a.
कर्नल ने कहा सिपाहियों इस पर नजर रखो ये किस तरफ़ जा रहा है।
b.
सवार ने पूछा आपने इस मकाम पर क्यों खेमा डाला है इतने लाव लश्कर की क्या
जरूरत है।
c.
खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे बातें कर रहे थे चाँदनी छिटकी हुई थी और बाहर
सिपाही पहरा दे रहे थे एक व्यक्ति कह रहा था दुश्मन कभी भी हमला कर सकता है।
उत्तर-
a.
कर्नल ने कहा “सिपाहियों इस पर नज़र रखो। ये किस तरफ़ जा रहा है?”
b.
सवार ने पूछा, “आपने इस मकाम पर क्यों खेमा डाला है? इतने लाव-लश्कर की क्या
जरूरत है?
खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे बातें कर रहे थे। चाँदनी छिटकी हुई थी और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे। एक व्यक्ति कह रहा था, “दुश्मन कभी भी हमला कर सकता है।