Sabse Khatarnak Question Answer

The poem Sabse Khatarnak in Class 11 Hindi is a powerful exploration of what constitutes the greatest danger in life. This compelling piece captures the attention of students, urging them to reflect on the depth and breadth of societal and personal challenges.

In this poem, the poet vividly describes that the greatest risk is not the theft of one's hard work or the demolition of dreams, but rather the act of delaying the chance to truly live. It is a striking message, particularly relevant to students in their formative years.

Questions and answers related to Sabse Khatarnak in the Class 11 Hindi curriculum often push students to dive deeper into the poem's thematic concerns and its implications for society. The explanation or vyakhya of the poem aids students in grasping the nuanced commentary the poet makes on life and social structures.

At WitKnowLearn, the goal is to make such impactful poetry understandable for students. The resources for Class 11 Hindi are designed to provide clear and insightful explanations and responses to questions about Sabse Khatarnak, ensuring students are not just exam-ready but also cognizant of the power of literature to reflect and critique life's realities.

Education, as we see it, should equip students with the ability to comprehend and assess the world they inhabit, and poems like Sabse Khatarnak are pivotal for such an enlightened understanding.

अध्याय-7: सबसे खतरनाक

सारांश


मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती

पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती

गद्दारी-लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती

बैठे-बिठाए पकड़ जाना-बुरा तो हैं

सहमी-सी चुप में जकड़ जाना-बुरा तो है

पर सबसे खतरनाक नहीं होता

 

कपट के शर में

सही होते हुए भी दब जाना-बुरा तो है

किसी जुगनू की ली में पढ़ना-बुरा तो है

मुट्टियाँ भींचकर बस वक्त निकाल लेना-बुरा तो हैं

सबसे खतरनाक नहीं होता

अर्थ - कवि यहाँ उन स्थितियों का वर्णन करता है जो मानव को दुख तो देती हैं, परंतु सबसे खतरनाक नहीं होतीं। वह बताता है कि किसी की मेहनत की कमाई को लूटने की स्थिति सबसे खतरनाक नहीं है, क्योंकि उसे फिर पाया जा सकता है। पुलिस की मार पड़ना भी इतनी खतरनाक नहीं है। किसी के साथ गद्दारी करना अथवा लोभवश रिश्वत देना भी खतरनाक है, परंतु अन्य बातों जितना नहीं। वह कहता है कि किसी दोष के बिना पुलिस द्वारा पकड़े जाने से बुरा लगता है तथा अन्याय को डरकर चुपचाप सहन करना भी बुरी बात है, परंतु यह सबसे खतरनाक स्थिति नहीं है। छल-कपट के महौल में सच्ची बातें छिप जाती हैं, कोई जुगनू की लौ में पढ़ता है अर्थात् साधनहीनता में गुजारा करता है, विवशतावश अन्याय को सहन कर समय गुजार देना आदि बुरी तो है, परंतु सबसे खतरनाक नहीं है। कई बातें ऐसी हैं जो बहुत खतरनाक हैं और उनके परिणाम दूरगामी होते हैं।

सबसे खतरनाक वह आँख होती है

जो सब कुछ देखती हुई भी जमी बर्फ होती है

जिसकी नजर दुनिया को मुहब्बत से चूमना भूल जाती है

 

जो चीजों से उठती अधेपन की भाप पर दुलक जाती है

जो रोजमर्रा के क्रम को पीती हुई

एक लक्ष्यहीन दुहराव के उलटफेर में खो जाती है

अर्थ - कवि सामाजिक विदूपताओं का विरोध न करने को खतरनाक मानता है। वह कहता है कि वह आँख बहुत खतरनाक होती है जो अपने सामने हो रहे अन्याय को संवेदनशून्य होकर वैसे देखती रहती है जैसे वह जमी बर्फ हो। जिसकी नजर इस संसार को प्यार से चूमना भूल जाती है अर्थात् जिस नजर से प्रेम व सौंदर्य की भावना समाप्त हो जाती है और हर वस्तु को घृणा से देखती है, वह नजर खतरनाक हो जाती है। ऐसी नजर वस्तु के स्वार्थ के लोभ में अंधी हो जाती है तथा उसे पाने के लिए लालयित हो उठती है, वह खतरनाक होती है। वह जिंदगी जो दैनिक क्रियाकलापों में संवेदनहीनता के साथ भटकती रहती है। जिसका कोई लक्ष्य नहीं है, जो लक्ष्यहीन होकर अपनी दिनचर्या को पूरा करती है, खतरनाक होती है।

सबसे खतरनाक वह चाँद होता है

जो हर हत्याकांड के बाद

 

वीरान हुए आँगनों में चढ़ता है

पर आपकी आँखों की मिचों की तरह नहीं गड़ता है।

अर्थ - कवि अपराधीकरण के बारे में बताता है कि वह चाँद सबसे खतरनाक है जो हत्याकांड के बाद उन आँगनों में चढ़ता है जो वीरान हो गए हैं। चाँद सौंदर्य और शांति का परिचायक है, परंतु हत्याकांडों का चश्मदीद गवाह भी है। ऐसे चाँद की चाँदनी लोगों की आँखों में मिर्च की तरह नहीं गड़ती। इसके विपरीत लोग शांति महसूस करते हैं।

सबसे खतरनाक वह गीत होता है

आपके कानों तक पहुँचने के लिए

जो मरसिए पढ़ता है

जो जिंदा रूह के आसमानों पर ढलती हैं

जिसमें सिर्फ़ उल्लू बोलते और हुआँ हुआँ करते गीदड़

 

आतांकित लोगों के दरवाज़ों पर

जो गुंडे की तरह अकड़ता है

सबसे खतरनाक वह रात होती है

हमेशा के औधरे बद दरवाज-चौगाठों पर चिपक जाते हैं

अर्थ - कवि कहता है कि वे गीत सबसे खतरनाक हैं जो मनुष्य के हृदय में शोक की लहर दौड़ाते हैं। वस्तुत: ये गीत मृत्यु पर गाए जाते हैं तथा भयभीत लोगों को और डराते हैं, उन्हें गुंडों की तरह धमकाते हैं तथा अकड़ते हैं। कवि ऐसे गीतों को निरर्थक मानता है, क्योंकि ये प्रतिरोध के भाव को नहीं जगाते। वह कहता है कि जब किसी जीवित आत्मा के आसमान पर निराशा रूपी रात्रि का घना औधेरा छा जाता है और उसमें कोई उत्साह नहीं रह जाता, ऐसी रात बहुत खतरनाक होती है। उसके हर कोने-चौखट पर उल्लू व गीदड़ों की तरह शोक व भय चिपक जाते हैं जो कभी निराशा से उबरने नहीं देते।

सबसे खतरनाक वह दिशा होती है

जिसमें आत्मा का सूरज डूब जाए

और उसकी मुद धूप का कोई टुकड़ा

आपके जिस्म के पूरब में चुभ जाए

 

मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती

पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती

गद्दारी-लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती।

अर्थ - कवि कहता है कि सबसे खतरनाक दिशा वह है जिसमें आत्मा का सूरज डूब जाता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपने अंदर की आवाज को नहीं सुनता। उसकी मुर्दा जैसी स्थिति हमें कहीं कोई प्रभाव छोड़ जाए तो यह स्थिति भी खतरनाक होती है। ऐसे लोगों में धूप की किरणों से आशा उत्पन्न भी हो तो मृतप्राय ही होती है। जो अपने ही शरीर रूपी पूर्व दिशा में चुभकर उसे लहूलुहान करती है। कवि कहना चाहता है कि अन्याय को सहना ही लोगों ने अपनी नियति मान लिया है।

कवि कहता है कि किसी की मेहनत की कमाई लुट जाए तो वह खतरनाक नहीं होती। पुलिस की मार या गद्दारी आदि भी इतने खतरनाक नहीं होते। खतरनाक स्थिति वह है जब व्यक्ति में संघर्ष करने की क्षमता ही खत्म हो जाए।


 

NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 11TH HINDI POEM 7

अभ्यास प्रश्न 

कविता के साथ

प्रश्न. 1 कवि ने किस आशय से मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी-लोभ को सबसे खतरनाक नहीं माना?

उत्तर- कवि मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी-लोभ को सबसे खतरनाक नहीं मानता, क्योंकि इनका प्रभाव सीमित होता है तथा इनकी क्षति-पूर्ति हो सकती है। दूसरे, इन क्रियाओं में व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। वह पूर्णत: नष्ट नहीं होती। ये स्थितियाँ बुरी तो हैं किंतु इन्हें बदला जा सकता है। अत: ये सब खतरनाक नहीं हैं। इनसे खतरनाक और दूसरी बातें हैं।

प्रश्न. 2 सबसे खतरनाक शब्द के बार-बार दोहराए जाने से कविता में क्या असर पैदा हुआ?

उत्तर- ‘सबसे खतरनाक’ शब्द के बार-बार दोहराए जाने से खतरनाक बातों के प्रति पाठकों का ध्यान जाता है। यह शब्द उस विभीषिका को बताता है जो समाज को निर्जीव कर रही है। कवि बार-बार सबसे खतरनाक शब्द का प्रयोग कर हमें सचेत कर रहा है कि यदि अब हम नहीं जागे तो भविष्य अंधकारमय होगा।

प्रश्न. 3 कवि ने कविता में कई बातों को बुरा है न कहकर बुरा तो है कहा है। तो के प्रयोग से कथन की भंगिमा में क्या बदलाव आया है, स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- कवि ने कविता में ‘बुरा तो है’ का प्रयोग किया है। ‘बुरा है’ में स्पष्ट रूप से आरोप लगता है। यह अपने-आप में पूर्ण वाक्य हो जाता है तथा इसमें सुधार की गुंजाइश नहीं होती। ‘तो’ शब्द में बल है। यह बचाव है तथा पाठकों में जिज्ञासा उत्पन्न करता है। यह बताता है कि स्थितियाँ बुरी तो हैं, परंतु चरम सीमा पर नहीं हैं।

प्रश्न. 4 मुर्दा शांति से भर जाना और हमारे सपनों का मर जाना इनको सबसे खतरनाक माना गया है। आपकी दृष्टि में इन बातों में परस्पर क्या संगति है और ये क्यों सबसे खतरनाक हैं?

उत्तर- ‘मुर्दा शांति से मर जाना’ का अर्थ है ?-निष्क्रियता, जड़ता व प्रतिक्रिया शून्यता का होना। ऐसी स्थिति खतरनाक होती है। ऐसा समाज अन्याय के खिलाफ संघर्ष नहीं कर पाता। ‘हमारे सपनों का मर जाना’ का अर्थ है-कुछ करने की इच्छा समाप्त होना। मनुष्य कल्पना करके ही नए-नए कार्य करता है तथा होता है। सपनों के मर जाने पर हम यथास्थिति में ही रहते हैं। ये दोनों स्थितियाँ खतरनाक हैं। इनसे समाज में अन्याय करने वाला प्रभावी रहता है। समाज का विकास अवरुद्ध हो जाता

प्रश्न. 5 सबसे खतरनाक वह घड़ी होती है/आपकी कलाई पर चलती हुई भी जो/आपकी निगाह में रुकी होती है। इन पंक्तियों में घड़ी शब्द की व्यंजना से अवगत कराइए।

उत्तर- ‘घड़ी’ शब्द के दो अर्थ हैं। एक अर्थ जीवन से है। जीवन घड़ी की तरह चलता रहता है। जब व्यक्ति में आगे बढ़ने की चाह समाप्त हो जाती है तब उसे ‘रुकी घड़ी’ कहा जाता है। दूसरा अर्थ निश्चित दिनचर्या से है। घड़ी एक निश्चित तरीके से चलती रहती है, उसी प्रकार व्यक्ति भी यंत्र के समान घर से काम व काम से घर पर आता है। उसके मन में उमंग नहीं है। उसकी जिंदगी ढरें पर चलती है और वह उसमें कोई बदलाव नहीं करना चाहता।

प्रश्न. 6 वह चाँद सबसे खतरनाक क्यों होता है जो हर हत्याकांड के बाद/आपकी आँखों को मिर्चे की तरह नहीं गड़ता है?

उत्तर- यहाँ ‘चाँद’ आस्था व विश्वास का पर्याय है। यह आस्था व विश्वास हर हत्याकांड के बाद व्यक्तियों को शांति का भाषण देती है। इसके कारण धर्म, जाति, संप्रदाय के नाम पर दंगा करने वाले शक्तिशाली बने रहते हैं। आम आदमी इन आस्थाओं, विश्वासों पर तर्क करे, तो समाज ठीक हो जाए, परंतु ऐसा नहीं होता।

कविता के आसपास

प्रश्न. 1 कवि ने मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती से कविता का आरंभ करके फिर इसी से अंत क्यों किया होगा?

उत्तर- कवि ने ‘मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती है’, से कविता का आरंभ किया तथा अंत भी इसी पर किया। ये पंक्तियाँ ‘खतरनाक’ और ‘सबसे खतरनाक’ स्थितियों में अंतर बताती हैं कि ये स्थितियाँ सुधर सूकती हैं, परंतु इनसे भी अधिक खतरनाक बातों पर समाज को गंभीरता से विचार करना होगा।

प्रश्न. 2 कवि द्वारा उल्लिखित बातों के अतिरिक्त समाज में अन्य किन बातों को आप खतरनाक मानते हैं?

उत्तर- कवि द्वारा उल्लिखित बातों के अतिरिक्त समाज में निम्नलिखित बातों को खतरनाक मानते हैं –

     i.        सांप्रदायिकता

   ii.        आतंकवाद

 iii.        निरर्थक महत्त्वाकांक्षा

 iv.        स्त्री शोषण, अपमान

   v.        संकटग्रस्त की सहायता न करना

प्रश्न. 3 समाज में मौजूद खतरनाक बातों को समाप्त करने के लिए आपके क्या सुझाव हैं?

उत्तर- समाज में मौजूद खतरनाक बातों को समाप्त करने के लिए हमारे सुझाव निम्नलिखित हैं-

     i.        लोगों में जागरूकता लानी होगी।

   ii.        दुष्ट लोगों को कानूनी तौर पर सजा दिलानी होगी।

 iii.        विचारों में नवीनता लानी होगी।

 iv.        संवेदनशीलता को बनाए रखना होगा।

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