अध्याय-4: कैमरे में बंद अपाहिज
कैमरे में बंद अपाहिज कविता रघुवीर सहाय के काव्य-संग्रह ‘लोग
भूल गए हैं से संकलित की गई है। इस कविता में कवि ने शारीरिक चुनौती को झेलते व्यक्ति
से टेलीविजन कैमरे के सामने किस तरह के सवाल पूछे जाएंगे और कार्यक्रम को सफल बनाने
के लिए उससे कैसी भंगिमा की अपेक्षा की जाएगी इसका लगभग सपाट तरीके से बयान करते हुए
एक तरह से पीड़ा के साथ दृश्य संचारमाध्यम के संबध को रेखांकित किया है।
साथ ही कवि ने व्यंजना के माध्यम से ऐसे व्यक्ति की ओर इशारा
किया है जो अपनी दुःख-दर्द, यातनावेदना को बेचना चाहता है। इस कविता में कवि ने शारीरिक
चुनौती झेलते हुए लोगों के प्रति संवेदनशीलता व्यक्त की है। कवि ने इस कविता में बताया
है कि अपने कार्यक्रम को सफल बनाने तथा किसी की पीड़ा को बहुत बड़े दर्शक वर्ग तक पहुँचाने
के लिए दरदर्शनवाले किसी दल और शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति को अपने कैमरे के सामने
प्रस्तुत करते हैं। उससे अनेक तरह से सवाल पर सवाल पूछते हैं। उसे कैमरे के आगे बार-बार
लाया जाता है। बार-बार उससे अपाहिज होने के बारे में सवाल पूछे जाते हैं।
कि आपको अपाहिज होकर कैसा लगता है तथा उस कार्यक्रम को रोचक
बनाने के लिए दूरसंचारवाले स्वयं प्रतिक्रिया व्यक्त करके बताते स हैं। अनेक ऐसे संवेदनशील
सवालों को पूछ-पूछकर वे उस व्यक्ति को रुला देते हैं। दूरदर्शन के बड़े परदे पर उस
व्यक्ति की आँसूभरी ” आँखों को दिखाया जाता है। इस प्रकार दूरदर्शनवाले बार-बार एक
ऐसे अपाहिज व्यक्ति की पीड़ा को दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं।
NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 12 HINDI AAROH CHAPTER 4
अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ संख्या 25-26)
कविता के साथ
प्रश्न 1 कविता में कुछ पंक्तियाँ कोष्ठकों में रखी गई हैं-आपकी
समझ से इनका क्या औचित्य है?
उत्तर- कवि ने कुछ पंक्तियाँ कोष्ठकों में रखी हैं। ये कोष्ठक
कवि के मुख्य भाव को व्यक्त करते हैं। इनमें लिखी पंक्तियों के माध्यम से अलग-अलग लोगों
को संबोधित किया गया है। ये एक तरह से संचालन करने के लिए हैं; जैसे-
कैमरा मैन के लिए-
·
कैमरा दिखाओ इसे बड़ा-बड़ा
·
कैमरा ……. की कीमत
है।
दर्शकों के लिए
·
हम खुद इशारे से बताएँगे
क्या ऐसा?
·
यह प्रश्न पूछा नहीं
जाएगा
अपंग व्यक्ति को
·
वह अवसर खो देंगे
?
·
बस थोड़ी कसर रह गई।
ये कोष्ठक कविता के मुख्य उद्देश्य को अभिव्यक्त करने में सहायक
होते हैं।
प्रश्न 2 ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता
की कविता है-विचार कीजिए। ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ में निहित क्रूरता को उजागर कीजिए।
उत्तर- यह कविता मानवीय करुणा तो प्रस्तुत करती ही है साथ ही
इस कविता में उन लोगों की बनावटी करुणा का वर्णन भी मिलता है जो दुख दरिद्रता को बेचकर
यश प्राप्त करना चाहते हैं। एक अपाहिज व्यक्ति के साथ झूठी सहानुभूति जताकर उसकी करुणा
का सौदा करना चाहते हैं। एक अपाहिज की करुणा को पैसे के लिए टी.वी. पर दर्शाना वास्तव
में क्रूरता की चरमसीमा है।
प्रश्न 3 हम समर्थ शक्तिवान और हम एक दुर्बल को लाएँगे’ पंक्ति
के माध्यम से कवि ने क्या व्यंग्य किया है?
उत्तर- ‘हम समर्थ शक्तिमान’ पंक्ति के माध्यम से मीडिया की ताकत
व कार्यक्रम संचालकों की मानसिकता का पता चलता है। मीडिया कमी या मीडिया-संचालक अपने
प्रचार-प्रसार की ताकत के कारण किसी का भी मजाक बना सकते हैं तथा किसी को भी नीचे गिरा
सकते हैं। चैनल के मुनाफ़े के लिए संचालक किसी की करुणा को भी बेच सकते हैं। कार्यक्रम
का निर्माण व प्रस्तुति संचालकों की मर्जी से होता है।
‘हम एक दुर्बल को लाएँगे’पंक्ति में लाचारी का भाव है। मीडिया
के सामने आने वाला व्यक्ति कमजोर होता है। मीडिया के अटपटे प्रश्नों से संतुलित व्यक्ति
भी विचलित हो जाता है। अपंग या कमजोर व्यक्ति तो रोने लगता है। यह सब कुछ उसे कार्यक्रम-संचालक
की इच्छानुसार करना होता है।
प्रश्न 4 यदि शारीरिक रूप से चुनौती का सामना कर रहे व्यक्ति
और दर्शक दोनों एक साथ रोने लगेंगे? तो उससे प्रश्नकर्ता का कौन-सा उद्देश्य पूरा होगा?
उत्तर- यदि साक्षात्कार देने वाला अपंग व्यक्ति और दर्शक दोनों
एक साथ रो देंगे तो प्रश्नकर्ता सहानुभूति प्राप्त करने में सफल हो जाएगा। उसका यह
भी उद्देश्य पूरा हो जाएगा कि हमने सामाजिक कार्यक्रम दिखाया है। एक ऐसा कार्यक्रम
जिसमें अपंग व्यक्ति की व्यथा का मार्मिक चित्रण हुआ है। उस व्यक्ति की सोच और वेदना
का हू-ब-हू चित्र हमने दिखाया है।
प्रश्न 5 ‘परदे पर वक्त की कीमत है’ कहकर कवि ने पूरे साक्षात्कार
के प्रति अपना नजरिया किस रूप में रखा है?
उत्तर- इस पंक्ति के माध्यम से कवि ने पूरे साक्षात्कार के प्रति
व्यावसायिक नजरिया प्रस्तुत किया है। परदे पर जो कार्यक्रम दिखाया जाता है, उसकी कीमत
समय के अनुसार होती है। दूरदर्शन व कार्यक्रम-संचालक को जनता के हित या पीड़ा से कोई
मतलब नहीं होता। वे अपने कार्यक्रम को कम-से-कम समय में लोकप्रिय करना चाहते हैं। अपंग
की पीड़ा को कम करने की बजाय अधिक करके दिखाया जाता है ताकि करुणा को ‘नकदी’ में बदला
जा सके। संचालकों की सहानुभूति भी बनावटी होती है।
कविता के आसपास
प्रश्न 1 यदि आपको शारीरिक चुनौती का सामना कर रहे किसी मित्र
का परिचय लोगों से करवाना हो, तो किन शब्दों में करवाएँगी।
उत्तर- मुझे यदि किसी शारीरिक चुनौती का सामना कर रही अपनी मित्र
का परिचय करवना है तो मैं उसकी अपंगता का मजाक नहीं उड़ाऊँगी और न ही उस अपंग लड़की
को उसकी अपंगता का एहसास दिलाने की कोशिश करूंगी। मैं तो लोगों से यही कहूँगी कि यह
मेरी परम मित्र है। हम बचपन से एक साथ पढ़ती आई हैं। यह लड़की मुझसे ज्यादा होशियार
है। यद्यपि चलने में इसे कुछ कठिनाई होती है, लेकिन पढ़ाई और स्कूल की अन्य गतिविधियों
में यह सबसे आगे रहती है। इसलिए हर साल यह प्रथम स्थान प्राप्त करती है। इसने अपनी
मजबूरी को मजबूती बना लिया है।
प्रश्न 2 ‘सामाजिक उद्देश्य से युक्त’ ऐसे कार्यक्रम को देखकर
आपको कैसा लगेगा? अपने विचार संक्षेप में लिखें।
उत्तर- सामाजिक उद्देश्य से युक्त ऐसे कार्यक्रम को देखकर मुझे
बहुत दुख होगा। ऐसे कार्यक्रम किसी की सहायता नहीं करते। ये सिर्फ़ अपनी लोकप्रियता
बढ़ाना चाहते हैं ताकि वे अधिक-से-अधिक धन कमा सकें। ऐसे कार्यक्रम बनाने वालों का
उद्देश्य समाज-सेवा नहीं होता। वे मात्र संवेदना बेचना जानते हैं। ऐसे कार्यक्रमों
पर तुरंत रोक लगानी चाहिए। दर्शकों को भी ऐसे कार्यक्रमों को सिरे से नकार देना चाहिए।
प्रश्न 3 यदि आप इस कार्यक्रम के दर्शक हैं तो टी.वी. पर ऐसे
सामाजिक कार्यक्रम को देखकर एक पत्र में अपनी प्रतिक्रिया दूरदर्शन निदेशक को भेजें।
उत्तर- आदरणीय निदेशक दूरदर्शन पिछले वीरवार को आपके चैनल पर
दिखाया गया अपाहित व्यक्ति के साक्षात्कार कार्यक्रम देखा। ऐसे कार्यक्रम को देखकर
बहुत दुख हुआ। ऐसा लगा मानो आपने मानवीयता को ताक पर रख दिया हो। अपाहिज व्यक्ति से
जिस तरह के प्रश्न पूछे जा रहे थे उससे यही लगा कि दूरदर्शन अब केवल पैसा कमाने का
माध्यम भर रह गया है। आपने यह साक्षात्कार दिखाकर पूरी मानवीयता को शरमिंदा किया है।
आशा है भविष्य में आप ऐसे कार्यक्रम नहीं दिखाएँगे। राम मीरगंज, इलाहाबाद
प्रश्न 4 नीचे दिए गए खबर के अंश को पढ़िए और बिहार के इस बुधिया
से एक काल्पनिक साक्षात्कार कीजिए।
उत्तर-
साक्षात्कार
रवि (प्रश्नकर्ता)- सर्वप्रथम आपको बधाई, इस अद्भुत कारनामे के लिए! आपकी उम्र क्या है?
बुधिया- पाँच साल।
रवि- आपकी
यह विकलांगता कब से है?
बुधिया- जन्म से।
रवि- इस समय
आप कहाँ पढ़ रहे हैं?
बुधिया- नवरसना एकेडमी, बेउर में।
रवि- विकलांग
होने से आपको चलने में परेशानी होती है?
बुधिया- होती थी, परंतु अब आदत हो गई है।
रवि- आपको
यह कारनामा करने की प्रेरणा किससे मिली ?
बुधिया- जी, उड़ीसा के बुधिया जी से जो 65 किलोमीटर दौड़ चुके हैं।
रवि- आपका
सपना क्या है?
बुधिया- मैं कश्मीर से कन्याकुमारी तक की दूरी पैदल तय करना चाहता हूँ।
रवि- हमारी
शुभकामनाएँ तुम्हारे साथ हैं।
बुधिया- बहुत-बहुत धन्यवाद!