Embark on a journey through the heartwarming narrative of Do Bailon Ki Katha Class 9, a story that paints a picture of camaraderie, resilience, and the simplicity of rustic life. As students of Class 9th delve into this tale, they uncover a world where the bond between creatures and the values of friendship and loyalty reign supreme. This chapter isn't just a tale; it's a canvas where each stroke tells a tale of perseverance and unity against the backdrop of everyday struggles.
Engaging with Do Bailon Ki Katha is made more insightful with the Do Bailon Ki Katha Class 9 Worksheet with Answer, a valuable educational resource that brings the narrative to life by allowing young learners to explore the story’s nuances and underlying messages. The worksheet is a gateway for students to critically engage with the text, enhancing their analytical and comprehension skills through targeted questions and activities. Similarly, Worksheets on Do Bailon Ki Katha Class 9 expand this exploration, providing varied angles and perspectives to the students, facilitating a multi-dimensional understanding of the story.
Moreover, the assimilation of knowledge gets a fun twist with the Do Bailon Ki Katha Class 9 MCQ with Answer, an engaging tool that challenges students to recall and apply what they have learned in an interactive format. This method not only makes learning enjoyable but also sharpens quick thinking and decision-making abilities.
Building upon their learning, students have at their disposal numerous materials such as Do Bailon Ki Katha Class 9 Extra Question Answer, allowing them to dive deeper and satiate their intellectual curiosity. This aspect of learning shines a light on every hidden corner of the narrative, ensuring that learners leave no stone unturned in their quest for comprehensive knowledge of the chapter.
The questions, analytical in nature, found in Class 9th Hindi Do Bailon Ki Katha Question Answer, also encourage students to ponder deeply about the story's themes and motifs. These thought-provoking questions draw students into a reflective engagement with the text, prompting them to connect the dots between the story and their own experiences.
Equally important, Class 9 Hindi Do Bailon Ki Katha Question Answer and Class 9 Hindi Chapter Do Bailon Ki Katha Question Answer segments ensure that students are well-prepared for academic evaluations. These sections offer a framework for answering questions succinctly and effectively, promoting a structured approach to learning.
In the final analysis, Class 9 Do Bailon Ki Katha Prashn Uttar is not only an educational endeavor but also an invitation to introspect and empathize with the characters, thereby instilling a sense of compassion and understanding. Through the worksheets, MCQs, and extensive question and answer discussions, the chapter becomes a microcosm of life lessons, beautifully integrated into the education of Class 9 students, inspiring them to embody the virtues depicted in this captivating tale.
Do bailon ki katha class 9 summary in hindi
लेखक के अनुसार गधा एक सीधा और निरापद जानवर है। वह सुख-दुख, हानि-लाभ, किसी
भी दशा में कभी नहीं बदलता। उसमें ऋषि-मुनियों के गुण होते हैं, फिर भी आदमी उसे बेवकूफ़
कहता है। बैल गधे के छोटे भाई हैं जो कई रीतियों से अपना असंतोष प्रकट करते हैं।
झूरी काछी के पास हीरा और मोती नाम के दो स्वस्थ और सुंदर बैल थे। वह अपने बैलों से बहुत प्रेम करता था। हीरा और मोती के बीच भी घनिष्ठ संबंध था। एक बार झूरी ने दोनों को अपने ससुराल के खेतों में काम करने के लिए भेज दिया। वहाँ उनसे खूब काम करवाया जाता था लेकिन खाने को रुखा-सूखा ही दिया जाता था। अत: दोनों रस्सी तुड़ाकर झूरी के पास भाग आए। झूरी उन्हें देखकर बहुत खुश हुआ और अब उन्हें खाने-पीने की कमी नहीं रही। दोनों बड़े खुश थे। मगर झूरी की स्त्री को उनका भागना पसंद नहीं आया। उसने उन्हें खरी-खोटी और मजूर द्वारा खाली सूखा भूसा खिलाया गया। दूसरे दिन झूरी का साला फिर उन्हें लेने आ गया। फिर उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी पर खाने को सूखा भूसा ही मिला।
कई बार काम करते समय मोती ने गाड़ी खाई में गिरानी चाही तो हीरा ने उसे समझाया। मोती बड़ा गुस्सैल था, हीरा धीरज से काम लेता था। हीरा की नाक पर जब खूब डंडे बरसाए गए तो मोती गुस्से से हल लेकर भागा, पर गले में बड़ी रस्सियाँ होने के कारण पकड़ा गया। कभी-कभी उन्हें खूब मारा-पीटा भी जाता था। इस तरह दोनों की हलत बहुत खराब थी।
वहाँ एक छोटी-सी बालिका रहती थी। उसकी माँ मर चुकी थी। उसकी सौतेली माँ उसे मारती रहती थी, इसलिए उन बैलों से उसे एक प्रकार की आत्मीयता हो गई थी। वह रोज़ दोनों को चोरी-छिपे दो रोटियाँ डाल जाती थी। इस तरह दोनों की दशा बहुत खराब थी। एक दिन उस बालिका ने उनकी रस्सियाँ खोल दी। दोनों भाग खड़े हुए। झूरी का साला और दूसरे लोग उन्हें पकड़ने दौड़े पर पकड़ न सके। भागते-भागते दोनों नई ज़गह पहुँच गए। झूरी के घर जाने का रास्ता वे भूल गए। फिर भी बहुत खुश थे।
दोनों ने खेतों में मटर खाई और आज़ादी का अनुभव करने लगे। फिर एक साँड से उनका मुकाबला हुआ। दोनों ने मिलकर उसे मार भगाया, लेकिन खेत में चरते समय मालिक आ गया। मोती को फँसा देखकर हीरा भी खुद आ फँसा। दोनों काँजीहौस में बंद कर दिए गए। वहाँ और भी जानवर बंद थे। सबकी हालत बहुत खराब थी। जब हीरा-मोती को रात को भी भोजन न मिला तो दिल में विद्रोह की ज्वाला भड़क उठी। फिर एक दिन दीवार गिराकर दोनों ने दूसरे जानवरों को भगा दिया। मोती भाग सकता था पर हीरा को बँधा देखकर वह भी न भाग सका।
काँजीहौस के मालिक को पता लगने पर उसने मोती की खूब मरम्मत की और उसे मोटी रस्सी से बाँध दिया। एक सप्ताह बाद कँजीहौस के मालिक ने जानवरों को कसाई के हाथों बेच दिया। एक दढ़ियल आदमी हीरा-मोती को ले जाने लगा। वे समझ गए कि अब उनका अंत समीप है। चलते-चलते अचानक उन्हें लगा कि वे परिचित राह पर आ गए हैं। उनका घर नज़दीक आ गया था। दोनों उन्मत्त होकर उछलने लगे और दौड़ते हुए झूरी के द्वार पर आकर खड़े हो गए। झूरी ने देखा तो खुशी से फूल उठा। अचानक दढ़ियल ने आकर बैलों की रस्सियाँ पकड़ ली। झूरी ने कहा कि वे उसके बैल हैं, पर दढ़ियल ज़ोर-ज़बरदस्ती करने लगा। तभी मोती ने सींग चलाया और दढ़ियल को दूर तक खदेड़ दिया। थोड़ी देर बाद ही दोनों खुशी से खली-भूसी-चूनी खाते दिखाई पड़े । घर की मालकिन ने भी आकर दोनों को चूम लिया।
class 9th Hindi do bailon ki katha question answer
NCERT SOLUTIONS
प्रश्न-अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ संख्या 19-20)
प्रश्न 1
कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी क्यों ली जाती होगी?
उत्तर- कांजीहौस
में कैद पशुओं की हाज़िरी ली जाती है। इससे पशुओं की संख्या की जानकारी होती है ताकि
कोई जानवर अगर कैद से भाग जाए तो तुरन्त पता लगाया जा सके।
प्रश्न 2
छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया?
उत्तर- छोटी
बच्ची की माँ मर चुकी थी। वह माँ के बिछुड़ने का दर्द जानती थी। इसलिए जब उसने हीरा-मोती
की व्यथा देखी तो उसके मन में उनके प्रति प्रेम उमड़ आया। उसे लगा की वे भी उसी की
तरह अभागे हैं और अपने मालिक से दूर हैं।
प्रश्न 3
कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभरकर आए हैं?
उत्तर- इस
कहानी के माध्यम से निम्नलिखित नीति विषयक मूल्य उभरकर सामने आए हैं:
i.
विपत्ति के समय हमेशा मित्र
की सहायता करनी चाहिए।
ii.
आजादी के लिए हमेशा सजग एवं
संघर्षशील रहना चाहिए।
iii.
अपने समुदाय के लिए अपने हितो
का त्याग करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
iv.
आज़ादी बहुत बड़ा मूल्य है। इसे
पाने के लिए मनुष्य को बड़े-से-बड़ा कष्ट उठाने को तैयार रहना चाहिए।
प्रश्न 4
प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति
रूढ़ अर्थ ‘मूर्ख’ का प्रयोग न कर किसी नए अर्थ की ओर संकेत किया है?
उत्तर- गधे
को स्वभाव के कारण मूर्खता का पर्याय समझा जाता है। उसके स्वभाव में सरलता और सहनशीलता
भी देखने मिलती है। इस कहानी में लेखक ने गधे की सरलता और सहनशीलता की ओर हमारा ध्यान
खींचा है। प्रेमचंद ने स्वयं कहा है– “सदगुणों का इतना अनादर कहीं नहीं देखा। कदाचित
सीधापन संसार के लिए उपयुक्त नहीं है।” कहानी में भी उन्हों ने सीधेपन की दुर्दशा दिखलाई
है, मूर्खता की नहीं।
प्रश्न 5
किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी?
उत्तर- हीरा
और मोती दोनों बैलों में गहरी दोस्ती थी। कहानी के कुछ प्रसंगों के माध्यम से यह बात
स्पष्ट होती है:
i.
दोनों एक दूसरे को चाटकर और
सूंघकर अपना प्रेम प्रकट करते थे।
ii.
जब ये दोनों बैल हल या गाड़ी
में जोत दिए जाते तो दोनों ज़्यादा से ज़्यादा बोझ स्वयं झेलकर दूसरे को कम बोझ देने
की चेष्टा करते।
iii.
नाद में खली-भूसा पड़ जाने
के बाद दोनों साथ ही नाँद में मुँह डालते और साथ ही बैठते थे। एक के मुँह हटा लेने
पर दूसरा भी हटा लेता था।
iv.
जब कुछ लोगों ने खेत से पकड़कर
ले जाने के लिए दोनों को घेर लिया तब हीरा निकल गया परन्तु मोती के पकड़े जाने पर वह
भी बंधक बनने के लिए स्वयं ही लौट आया।
v.
कांजीहौस की दीवार के टूटने
पर जब हीरा ने भागने से मना कर दिया तो अवसर होने के बावजूद भी मोती उसे छोड़कर नहीं
भागा।
प्रश्न 6
"लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।" हीरा के इस कथन के
माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर- हीरा
के इस कथन से यह ज्ञात होता है कि समाज में स्त्रियों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता
था। उन्हें शारीरिक यातनाएँ दी जाती थीं। इसलिए समाज में ये नियम बनाए जाते थे कि उन्हें
पुरुष समाज शारीरिक दंड न दे। हीरा और मोती भले इंसानों के प्रतीक हैं। इसलिए उनके
कथन सभ्य समाज पर लागू होते हैं। असभ्य समाज में स्त्रियों की प्रताड़ना होती रहती
थी।
प्रश्न 7
किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त
किया गया है?
उत्तर- प्रेमचंद
ने किसान जीवन में मनुष्य तथा पशु के भावनात्मक सम्बन्धों को हीरा और मोती दो बैलों
के माध्यम से व्यक्त किया है। हीरा और मोती दोनों झूरी नामक एक किसान के बैल हैं जो
अपने बैलों से अत्यंत प्रेम करता है और इसी प्रेम से वशीभूत होकर हीरा और मोती अपने
मालिक झूरी को छोड़कर कहीं और नहीं रहना चाहते हैं। इससे यह स्पष्ट है कि पशु भी स्नेह
का भूखा होता है। प्रेम पाने से वे भी प्रेम व्यक्त करते हैं और क्रोध तथा अपमान पाकर
वे भी असंतोष व्यक्त करते हैं।
प्रश्न 8
इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगे ‘ – मोती
के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर- मोती
के उक्त कथन के आलोक में उसकी निम्नलिखित विशेषताएँ प्रकट होती हैं:
i.
मोती का स्वभाव उग्र होते हुए
भी वह दयालु था।
ii.
मोती सच्चा मित्र है। वह मुसीबत
के वक्त अपने मित्र हीरा का साथ नहीं छोड़ता।
iii.
मोती परोपकारी है, तभी तो वह
कांजीहौस में बंद जानवरों की जान बचाता है।
iv.
मोती साहसी है। वह हीरा की
मदद से साँड़ को पराजित करता है।
v.
मोती अत्याचार का विरोधी है
इसलिए कांजीहौस की दीवार तोड़कर विरोध प्रकट किया था।
प्रश्न 9
आशय स्पष्ट कीजिए-
i.
अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त
शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है।
ii.
उस एक रोटी से उनकी भूख तो
क्या शांत होती; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया।
उत्तर-
i.
यहाँ लेखक का आशय पशुओं के
आपसी स्नेह से है। पशु एक दूसरे के विचार, भाव तथा शब्द इतनी आसानी से समझ जाते हैं
जो मनुष्यों में देखने को नहीं मिलता। मनुष्य एक बुद्धिजीवी प्राणी है तथा सभी जीवों
में श्रेष्ठ है परन्तु फिर भी प्रेम तथा भावनात्मक सम्बन्धों के प्रति जागरुकता पशुओं
में अधिक देखने को मिलती है।
ii.
यहाँ मनुष्य तथा पशुओं के आत्मीय
सम्बन्धों को व्यक्त किया गया है। दिन भर भूखा रहने के बाद भी उस छोटी सी लड़की द्वारा
दिए गए रोटी से उनकी भूख तो नहीं मिलती थी परन्तु दोनों के हृदय को संतुष्टि मिलती
थी। क्योंकि लड़की से उनको आत्मीयता हो गई थी।
प्रश्न 10
गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि-
(क) गया पराये
बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था।
(ख) गरीबी
के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की बात न थी।
(ग) वह हीरा-मोती
के व्यवहार से बहुत दुखी था।
(घ) उसे खली
आदि सामग्री की जानकारी नहीं थी।
उत्तर- (ग)
वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था।
रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न (पृष्ठ संख्या 20)
प्रश्न 1
हीरा और मोती ने शोषण के खिलाफ़ आवाज़ उठाई लेकिन उसके लिए प्रताड़ना भी सही। हीरा-मोती
की इस प्रतिक्रिया पर तर्क सहित अपने विचार प्रकट करें।
उत्तर- हीरा
और मोती शोषण के विरुद्ध हैं वे हर शोषण के विरुद्ध आवाज़ उठाते रहे। उन्होंने झूरी
के साले गया का विरोध किया तो सूखी रोटियाँ और डंडे खाए फिर काँजीहौस में अन्याय का
विरोध किया और बंधन में पड़े। मेरे विचार से उन्होंने शोषण का विरोध करके ठीक किया क्योंकि
शोषित होकर जीने का क्या लाभ। शोषित को भय और यातना के सिवा कुछ प्राप्त नहीं होता।
प्रश्न 2
क्या आपको लगता है कि यह कहानी आज़ादी की कहानी की ओर भी संकेत करती है?
उत्तर- यह
कहानी अप्रत्यक्ष रूप से आज़ादी के आंदोलन से जुडी है यह कहानी दो बैलों से सम्बंधित
है। दोनों बैल संवेदनशील और क्रांतिकारी भारतीय है। दोनों मिलकर आज़ादी पाने के लिए
संघर्षरत रहते हैं। ये अपने देश (झूरी के घर) से बहुत प्रेम करते हैं। उन्हें दूसरे
देश में (घर में) रहना पसंद नहीं। स्वदेश जाने के लिए वे हर बाधा का डटकर सामना करते
हैं। भूखे – प्यासे रहना पड़ता है, कैद में रहना पड़ता है। ये हमारे क्रांतिकारियों की
लड़ाई याद दिला देते है।
भाषा- अध्ययन प्रश्न (पृष्ठ संख्या 20-21)
प्रश्न 1
बस इतना ही काफ़ी है।
फिर मैं भी
ज़ोर लगाता हूँ।
'ही', 'भी'
वाक्य में किसी बात पर ज़ोर देने का काम कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को निपात कहते हैं।
कहानी में से पाँच ऐसे वाक्य छाँटिए जिनमें निपात का प्रयोग हुआ हो।
उत्तर-
' ही ' निपात-
एक ही विजय
ने उसे संसार की सभ्य जातियों में गण्य बना दिया।
अवश्य ही
उनमे कोई ऐसी गुप्त शक्ति था, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करनेवाला मनुष्य वंचित
हैं।
नाँद में
खली-भूसा पड़ जाने के बाद दोनों साथ ही उठते, साथ नाँद में मुँह डालते और साथ ही बैठते
थे।
एक मूँह हटा
लेता, तो दूसरा भी हटा लेता।
अभी चार ही
ग्रास खाये थे दो आदमी लाठियाँ लिये दौड़ पडे, और दोनो मित्रों को घेर लिया।
' भी ' निपात-
कुत्ता भी
बहुत गरीब जानवर हैं
उसके चहरे
पर एक स्थायी विषाद स्थायी रूप से छाया रहता हैं। सुख-दुःख, हानि-लाभ, किसी भी दशा
में बदलते नहीं देखा।
चार बातें
सुनकर गम खा जाते हैं फिर भी बदनाम हैं।
गाँव के इतिहास
में यह घटना अभूतपूर्व न होने पर भी महत्वपूर्ण थी।
झूरी इन्हें फूल की छड़ी से भी न छूता था। उसकी टिटकार
पर दोनों उड़ने लगते थे। यहाँ मार पड़ी।
प्रश्न 2
रचना के आधार पर वाक्य के भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भी भेद लिखिए–
i.
दीवार का गिरना था कि अधमरे
से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।
ii.
सहसा एक दढियल आदमी, जिसकी
आँखे लाल थी और मुद्रा अत्यन्त कठोर, आया।
iii.
हीरा ने कहा -गया के घर से
नाहक भागे।
iv.
मैं बेचूँगा, तो बिकेंगे।
v.
अगर वह मुझे पकड़ता, तो मैं
बे-मारे न छोड़ता।
उत्तर-
i.
यहाँ संयुक्त वाक्य है तथा
संज्ञा उपवाक्य है।
ii.
यहाँ मिश्र वाक्य है, विशेषण
उपवाक्य है।
iii.
यहाँ मिश्र वाक्य है, संज्ञा
उपवाक्य है।
iv.
यहाँ संयुक्त वाक्य है, क्रिया
विशेषण उपवाक्य है।
v.
यहाँ संयुक्त वाक्य है, क्रिया
विशेषण उपवाक्य है।
प्रश्न 3
कहानी में जगह – जगह पर मुहावरों का प्रयोग हुआ है कोई पाँच मुहावरे छाँटिए और उनका
वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर-
मुहावरा |
वाक्य-प्रयोग |
जी तोड़ काम करना |
भारतीय किसान जी तोड़ काम करते हैं। |
टाल जाना |
सेठजी नौकर को मदद करने का जूठा आश्वासन देते रहें
पर जरूरत पड़ने पर टाल गए। |
जान से हाथ धोना |
युद्ध में हजारों जवान जान से हाथ धो बैठते हैं। |
नौ दो ग्यारह होना |
पुलिस के आने की भनक लगते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गए। |
ईंट का जवाब पत्थर से देना |
भारतीय खिलाड़ियों ने प्रतिद्वंद्वी टीम को ईंट का जवाब
पत्थर से दिया। |