बस की यात्रा class 8 Chapter 3 Hindi
सारांश | Bus ki yatra chapter summary
लेखक और उनके चार मित्रों
ने शाम चार बजे की बस से पन्ना जाने का फैसला किया। उन्होंने सोचा कि पन्ना से उसी
कंपनी की जो दूसरी बस सतना के लिए एक घंटे बाद चलती हैं। वो बस
लेखक व उनके मित्रों को जबलपुर की ट्रेन पकड़ा देगी और वो पाँचों रात भर ट्रेन का
सफर कर सुबह घर पहुंच जाएंगे।
हालांकि जिस बस से वो
पन्ना जा रहे थे। बहुत से लोगों ने उन्हें उस बस से न जाने की सलाह दी थी। उनका
कहना था कि यह बस खुद डाकिन हैं। लेकिन लेखक व उनके दोस्त तो फैसला कर चुके थे।
इसीलिए वो उस बस पर सवार हो गए।
जब उन्होंने पहली बार बस
की हालत देखी तो उनको लगा कि यह बस तो पूजा के योग्य है। साथ में बस की
वृद्धावस्था को देखकर लेखक के मन में बस के प्रति श्रद्धा के भाव भी उत्पन्न हो
गये । वो मन ही मन सोचते हैं कि वृद्धावस्था के कारण इस बस को खूब अनुभव होगा मगर
वृद्धावस्था में इसे कष्ट ना पहुंचे। इसलिए लोग इसमें सफर नहीं करना चाहते होंगे।
उस बस में बस कंपनी का एक
हिस्सेदार भी सफर कर रहा था। लेखक बड़े ही रोचक ढंग से यह बताते हैं कि जो लोग
उन्हें स्टेशन तक छोड़ने आए थे। वो उन्हें ऐसे देख रहे थे मानो वो उनको अंतिम
विदाई दे रहे हो।
खैर बस चलने के लिए जैसे
ही इंजन स्टार्ट हुआ तो ऐसा लगा कि जैसे पूरी बस ही इंजन हो। लेखक को यह समझ में
नहीं आया कि वो सीट में बैठे हैं या सीट उन पर बैठी है। बस की खस्ताहालत को देखकर
उनके मन में विचार आया कि यह बस जरूर गांधीजी के असहयोग आंदोलन से जुड़ी हुई रही
होगी क्योंकि इसके सारे पुर्जे व इंजन एक दूसरे को असहयोग कर रहे हैं।
धीरे-धीरे बस आगे बढ़ने
लगी। तब लेखक को एहसास हुआ कि वाकई में यह बस गांधीजी के असहयोग और सविनय अवज्ञा
आंदोलन से जुड़ी रही होगी। इसीलिए इसे असहयोग करने की खूब ट्रेनिंग मिली हुई है।
लेकिन कुछ ही दूर जाकर बस
रुक गई। पता चला कि बस की पेट्रोल की टंकी में छेद हो गया है। ड्राइवर ने बाल्टी
में पेट्रोल निकाल कर उसे बगल में रखा और नली डालकर उस पेट्रोल को इंजन में भेजने
लगा ।
रहा था मानो थोड़ी ही देर
में बस कंपनी का हिस्सेदार इंजन को निकालकर गोद में रख लेगा और नली से उसे पेट्रोल
पिलायेगा। जैसे एक मां अपने छोटे बच्चे को दूध की शीशी से दूध पिलाती हैं। खैर
थोड़ी मशक्क्त के बाद बस दुबारा चल पडी।
और जैसे-तैसे आगे बढ़ने
लगी। लेखक को लग रहा लगा था कि कभी भी बस का ब्रेक फेल हो सकता है और कभी भी उसका
स्टेरिंग टूट सकता है । इन्ही आशंकाओं के बीच लेखक ने बाहर की तरफ देखा तो सुंदर
प्राकृतिक दृश्य दिखाई दे रहे थे।
दोनों तरफ बड़े-बड़े पेड़
थे जिनमें पक्षी बैठे थे। लेकिन उस वक्त
लेखक को वो पेड़ किसी दुश्मन की भांति ही लग रहे थे। वो सोच रहे थे कि कभी भी
हमारी बस किसी पेड़ से टकरा सकती हैं या झील पर गोता खा सकती हैं।
तभी अचानक बस फिर रुक गई।
ड्राइवर ने बहुत कोशिश की। मगर इस बार बस चलने के लिए तैयार ही नहीं थी। कंपनी का हिस्सेदार
, जो बस में बैठा था। वह लोगों को बार-बार भरोसा दिला रहा था
कि बस तो अच्छी है लेकिन कभी-कभी ऐसा हो जाता है। डरने की कोई बात नहीं है ।अभी बस
चल पड़ेगी।
धीरे-धीरे रात होने लगी
और चांदनी रात में उन पेड़ों की छाया के नीचे खड़ी वह बस बड़ी ही दुखियारी , बेचारी दिखाई दे रही थी। बस को देखकर लेखक को ऐसा लग रहा था
मानो कोई बूढ़ी औरत थक कर एक जगह बैठ गई हो । बस की हालत देखकर लेखक को आत्मग्लानि
भी हो रही थी। वो सोच रहे थे कि इस बूढ़ी बेचारी बस पर हम इतने सारे लोग लद कर आये
हैं।
लेखक को आगे का सफर कैसे
तय होगा। यह ख्याल सता रहा था। तभी हिस्सेदार साहब ने बस के इंजन को सुधारा और बस
आगे चल पड़ी। उसकी चाल पहले से और अधिक धीमी हो गई और अब तो उसकी हेडलाइट की रोशनी
भी बंद हो चुकी थी । चांदनी रात में रास्ता टटोलते हुए जैसे-तैसे बस धीरे-धीरे आगे
बढ़ रही थी ।
लेखक कहते हैं कि अगर
पीछे से कोई और बस आती तो , हमारी बस पीछे वाली बस को रास्ता देने
के लिए एक किनारे खड़ी हो जाती और उसे आराम से आगे जाने का रास्ता दे देती थी।
कछुवा चाल से चलते हुए
जैसे ही बस एक पुल के ऊपर पहुंची तो उसका टायर फट गया और बस जोर से हिल कर रुक
गई।अनहोनी आशंका से लेखक का हृदय कांप गया।
खैर जैसे-तैसे दूसरा टायर
लगाकर बस को फिर से चलाया गया। लेकिन अब लेखक और उनके दोस्तों ने पन्ना पहुंचने की
उम्मीद छोड़ दी थी। लेखक को ऐसा लग रहा था जैसे अब पूरी जिंदगी उनको इसी बस में ही
गुजारनी पड़ेगी।
इसीलिए लेखक ने अपने मन से
तनाव व चिंता को कम किया और सारी आशंकाएं को एक किनारे कर इत्मीनान से यह सोच कर
बस पर बैठ गए जैसे वो अपने घर पर ही बैठे हो। और अपने अन्य साथियों के साथ हंसी
मजाक में अपना समय बिताने लगे।
NCERT SOLUTIONS FOR BUS KI YATRA CLASS 3
कारण बताएँ प्रश्न (पृष्ठ संख्या 17)
Bus ki yatra Question answers
प्रश्न 1 ''मैंने
उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ़ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा।''
लेखक के मन में
हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा क्यों जग गई?
उत्तर- लेखक के
मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा इसलिए जाग गई क्योंकि वह अपनी खटारा बस की जमकर
तारीफ कर रहा था और उसे जैसे-तैसे चलाकर सवारी को उसके नियत स्थान पर पहुंचाने की कोशिश
कर रहा था।
प्रश्न 2 "लोगों
ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफर नहीं करते।"
लोगों ने यह सलाह
क्यों दी?
उत्तर- स्थानीय
लोगों के अनुसार वे बस को डाकिन मानते थे वह खटारा बस कभी भी कहीं भी खड़ी हो सकती
थी। इसलिए उन्होने लेखक को उस बस से सफर न करने की सलाह दी।
प्रश्न 3 "ऐसा
जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।"
लेखक को ऐसा क्यों
लगा?
उत्तर- पूरी बस
खटारा थी इसलिए उसके स्टार्ट होते ही पूरी बस हिलने लगी। जिसे देखकर लेखक को ऐसा लगा
मानो वे बस में नहीं बल्कि इंजन में बैठा है।
प्रश्न 4 "गजब
हो गया। ऐसी बस अपने आप चलती है।"
लेखक को यह सुनकर
हैरानी क्यों हुई?
उत्तर- बस की खस्ता
हालत देखकर लेखक को लगा कि ये बस अब नहीं चल पाएगी । जब उसने बस के हिस्सेदार से पूछा
कि क्या ये बस चल भी पाएगी, तो उसके जवाब को सुनकर लेखक को हैरानी हुई जब उसने कहा
कि हाँ साहब ये बस अपने आप चलेगी।
प्रश्न 5 "मैं
हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था।"
लेखक पेड़ों को
दुश्मन क्यों समझ रहा था?
उत्तर- जैसे बस
चल रही थी उससे ऐसा लग रहा था कि यह बस किसी भी पेड़ से टकरा जाएगी इसीलिए लेखक को
हर पेड़ को दुश्मन समझ रहा था। और हर आने वाले पेड़ से पहले वह घबरा जाता था।
पाठ से आगे प्रश्न (पृष्ठ संख्या 17)
प्रश्न 1 'सविनय
अवज्ञा आंदोलन' किसके नेतृत्व में, किस उद्देश्य से तथा कब हुआ था? इतिहास की उपलब्ध
पुस्तकों के आधार पर लिखिए।
उत्तर- सविनय अवज्ञा
आंदोलन सन 1930 में गाँधीजी के नेतृत्व में अंग्रेजों को भारत से पूर्ण रूप से भगाने
के लिए किया गया था।
प्रश्न 2 सविनय
अवज्ञा का उपयोग व्यंग्यकार ने किस रूप में किया है? लिखिए।
उत्तर- सविनय अवज्ञा
का उपयोग व्यंग्यकार ने खटारा बस की स्थिति के रूप में किया है।
प्रश्न 3 आप अपनी
किसी यात्रा के खट्टे-मीठे अनुभवों को याद करते हुए एक लेख लिखिए।
उत्तर- छात्र अपनी
योग्यता के अनुसार अपने यात्रा के खट्टे-मीठे अनुभवों को एक लेख के रूप में कक्षा में
प्रस्तुत करेंगे।
भाषा की बात प्रश्न (पृष्ठ संख्या 17-18)
प्रश्न 1 बस, वश,
बस तीन शब्द हैं-इनमें बस सवारी के अर्थ में, वश अधीनता के अर्थ में, और बस पर्याप्त
(काफी) के अर्थ में प्रयुक्त होता है, जैसे-बस से चलना होगा। मेरे वश में नहीं है।
अब बस करो।
उपर्युक्त वाक्य
के समान तीनों शब्दों से युक्त आप भी दो-दो वाक्य बनाइए।
उत्तर- बस- वाहन
·
हमारी स्कूल बस हमेशा सही वक्त पर आती है।
·
507 नंबर बस ओखला गाँव जाती है।
वश- अधीन
·
मेरे क्रोध पर मेरा वश नहीं चलता।
·
सपेरा अपनी बीन से साँप को वश में रखता है।
बस- पर्याप्त (काफी)
·
बस, बहुत हो चुका।
·
तुम खाना खाना बस करो।
प्रश्न 2 "हम
पाँच मित्रों ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें। पन्ना से इसी कंपनी की बस सतना
के लिए घंटे भर बाद मिलती है।"ऊपर दिए गए वाक्यों में नेए कीए से आदि शब्द वाक्य
के दो शब्दों के बीच संबंध स्थापित कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को कारक कहते हैं। इसी तरह
जब दो वाक्यों को एक साथ जोड़ना होता है 'कि' का प्रयोग होता है।
कहानी में से दोनों
प्रकार के चार वाक्यों को चुनिए।
उत्तर-
·
बस कंपनी के एक हिस्सेदार भी उसी बस से जा रहे थे।
·
बस सचमुच चल पड़ी और हमें लगा कि यह गाँधी जी के असहयोग और सविनय
अवज्ञा आंदोलनों के वक्त अवश्य चलती होगी।
·
यह समझ में नहीं आता था कि सीट पर हम बैठे हैं।
·
ड्राइवर ने तरह-तरह की तरकीबें की पर वह नहीं चली।
प्रश्न 3 ''हम फ़ौरन
खिड़की से दूर सरक गए। चाँदनी में रास्ता टटोलकर वह रेंग रही थी।''
दिए गए वाक्यों
में आई 'सरकना' और 'रेंगना' जैसी क्रियाएँ दो प्रकार की गतियाँ दर्शाती हैं ऐसी कुछ
और क्रियाएँ एकत्र कीजिए जो गति के लिए प्रयुक्त होती हैं, जैस-घूमना इत्यादि। उन्हें
वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर-
·
रफ्तार- बस की रफ्तार बहुत ही तेज़ थी।
·
चलना- बस का चलना ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो हवा से बातें कर
रही हो।
·
गुज़रना- वह उस रास्ते से गुज़र रहा है।
·
गोता खाना- वह आज स्कूल से गोता खा गया।
प्रश्न 4 ''काँच
बहुत कम बचे थे। जो बचे थे, उनसे हमें बचना था।''
इस वाक्य में 'बच'
शब्द को दो तरह से प्रयोग किया गया है। एक 'शेष' के अर्थ में और दूसरा 'सुरक्षा' के
अर्थ में।
नीचे दिए गए शब्दों
को वाक्यों में प्रयोग करके देखिए। ध्यान रहे, एक ही शब्द वाक्य में दो बार आना चाहिए
और शब्दों केअर्थ में कुछ बदलाव होना चाहिए।
a.
जल
b.
हार
उत्तर-
a.
जल-जल जाने पर जल डालकर, मेरे हाथ की जलन कम हो गई।
b.
हार-हार के विषय में न आने के कारण, मैंने हार का मुँह देखा
और मुझे मयंक से हारना पड़ा।
प्रश्न 5 भाषा की
दृष्टि से देखें तो हमारी बोलचाल में प्रचलित अंग्रेजी शब्द 'फर्स्ट क्लास' में दो
शब्द हैं- फर्स्ट और क्लास यहाँ क्लासका विशेषण है फर्स्ट। चूँकि फर्स्ट संख्या है
फर्स्ट। क्लास संख्यावाचक विशेषण का उदाहरण है। महान आदमी में किसी आदमी की विशेषता
है महान। यह गुणवाचक विशेषण है। संख्यावाचक विशेषण और गुणवाचकविशेषण के उदाहरण खोजकर
लिखिए।
उत्तर-
गुणवाचक विशेषण-
·
हरी घास।
·
छोटा आदमी।
संख्यावाचक विशेषण-
·
चार संतरे।
· दूसरी बिल्ली।
Welcome to your comprehensive guide to understanding and mastering "बस की यात्रा" or "Bus Ki Yatra", the intriguing Class 8 Hindi Chapter 3 from NCERT. This in-depth resource presents the class 8 hindi chapter 3 question answer in a simple, easy-to-understand format. It not only discusses the chapter but also provides hindi class 8 chapter 3 question answer to help students grasp the content thoroughly.
The "बस की यात्रा" is a profound literary piece, and our class 8 hindi chapter 3 solutions have been carefully designed to give students a clear comprehension of this topic. Whether you need a short answer or a detailed explanation, we have it all covered in our hindi chapter 3 class 8 question answer section. From questions based on the central theme of the chapter to specific character analyses, you will find it all in our class 8 hindi chapter 3 solution guide.
Our extensive database includes bus ki yatra question answers, which are crafted to clarify the most complex concepts in the easiest possible manner. With a primary focus on enhancing the student's understanding, our class 8th hindi chapter 3 guide delivers comprehensive and accurate solutions for every question in the chapter. If you're preparing for a test or want to revise the chapter, our class 8 hindi chapter 3 short answer section will undoubtedly come in handy.
Through our portal, you can access the class 8 hindi chapter 3 pdf question answer, which will significantly improve your preparation level. NCERT solutions for class 8 hindi chapter 3 have been presented in a reader-friendly manner to ensure a stress-free learning experience for students. We also have a special section titled "कक्षा 8 हिंदी पाठ 3 के प्रश्न उत्तर" for Hindi-speaking students, making it easier for them to comprehend the chapter and its underlying messages.
You can find a diverse array of resources on Byju's platform, including class 8 hindi chapter 3 question answer by Byju's, which provides an enhanced learning experience. For students seeking the NCERT class 8 hindi chapter 3 question answer, our website is a one-stop destination offering reliable and easy-to-understand content. We also have the बस की यात्रा प्रश्न उत्तर pdf that offers a wide range of question and answer patterns to help students prepare better for their examinations.
In addition to our question-answer sections, you'll find class 8 hindi chapter 3 short question answer, a feature specifically designed to cater to students who prefer concise and straightforward answers. Our endeavour has always been to create a seamless learning experience for students, and this class 8 Hindi chapter 3 guide is a testament to our efforts. Join us to embark on a fascinating journey of "बस की यात्रा" and enhance your understanding and appreciation of Hindi literature. Happy learning!