Main Kyu Likhta Hu Question Answers

When students reach Class 10 and open their Hindi Kritika textbook to chapter 3, they meet the introspective piece Main Kyu Likhta Hu. This chapter is not just about reading and writing but also about exploring the inner calling that drives a person to express through words. The chapter offers a window into the thoughts and feelings of a writer, through the title that translates to Why Do I Write?

The Main Kyu Likhta Hu summary provides students with an overview of what it means to be a writer and the various motivations behind writing. It encourages students to reflect on their own reasons for expressing themselves and to understand the different purposes that writing serves, both personally and socially.

For a comprehensive understanding, Main Kyu Likhta Hu Class 10 question answer sessions are indispensable. They delve into the heart of the chapter, uncovering the layers behind the narrative. These question answers not only aid in exam preparation but also in grasping the deeper meaning of the text.

Main Kyu Likhta Hu NCERT solutions provide clear and concise answers that are vital for Class 10 students. These solutions serve as a reliable guide for understanding the nuances of the chapter and for scoring well in exams.

Additionally, the Main Kyu Likhta Hu Class 10 summary is specifically tailored to give students a quick yet thorough glance at the chapter’s core themes. It helps in revising the key points before exams and in grasping the essence of what the author conveys.

For Class 10 Hindi chapter 3 question answer exercises, students are often encouraged to look beyond the text and think critically about their own perspectives on writing and expression. The questions and answers in Hindi Kritika chapter 3 do not just cover the what of the content but also the why and the how, prompting students to engage with the text on a deeper level.

So, the chapter Main Kyu Likhta Hu in Class 10 Hindi Kritika is more than a literary piece; it's a journey into self-awareness and the joy of writing, making it a reflective and thought-provoking part of the curriculum.

अध्याय- 3: मैं क्यों लिखता हूँ 


Main kyu kukhta Hu Summary

'मैं क्यों लिखता हूँ' पाठ में लेखक ने अपने लिखने के कारणों के साथ-साथ एक लेखक के प्रेरणा-स्रोतों पर भी प्रकाश डाला है। लेखक के अनुसार लिखे बिना लिखने के कारणों को नहीं जाना जा सकता। वह अपनी आंतरिक व्याकुलता से मुक्ति पाने तथा तटस्थ होकर उसे देखने और पहचानने के लिए लिखता है।

प्रायः प्रत्येक रचनाकार की आत्मानुभूति ही उसे लेखन कार्य के लिए प्रेरित करती है, किंतु कुछ बाहरी दबाव भी होते हैं। ये बाहरी दबाव भी कई बार रचनाकार को लिखने के लिए बाध्य करते हैं। इन बाहरी दबावों में संपादकों का आग्रह, प्रकाशक का तकाजा तथा आर्थिक आवश्यकता आदि प्रमुख हैं। लेखक का मत है कि वह बाहरी दबावों से कम प्रभावित होता है। उसे तो उसकी भीतरी विवशता ही लिखने की ओर प्रेरित करती है। उसका मानना है कि प्रत्यक्ष अनुभव से अनुभूति गहरी चीज है।

एक रचनाकार को अनुभव सामने घटित घटना को देखकर होता है, किंतु अनुभूति संवेदना और कल्पना के द्वारा उस सत्य को भी ग्रहण कर लेती है जो रचनाकार के सामने घटित नहीं हुआ। फिर वह सत्य आत्मा के सामने ज्वलंत प्रकाश में आ जाता है और रचनाकार उसका वर्णन करता है।

लेखक बताता है कि उसके द्वारा लिखी 'हिरोशिमा' नामक कविता भी ऐसी ही है। एक बार जब वह जापान गया, तो वहाँ हिरोशिमा में उसने देखा कि एक पत्थर बुरी तरह झुलसा हुआ है और उस पर एक व्यक्ति की लंबी उजली छाया है। विज्ञान का विद्यार्थी होने के कारण उसे रेडियोधर्मी प्रभावों की जानकारी थी। उसे देखकर उसने अनुमान लगाया कि जब हिरोशिमा पर अणु-बम गिराया गया होगा, तो उस समय वह व्यक्ति इस पत्थर के पास खड़ा होगा। अणु-बम के प्रभाव से वह भाप बनकर उड़ गया, किंतु उसकी छाया उस पत्थर पर ही रह गई।

लेखक को उस झुलसे हुए पत्थर ने झकझोर कर रख दिया। वह हिरोशिमा पर गिराए गए अणु-बम की भयानकता की कल्पना करके बहुत दुखी हुआ। उस समय उसे ऐसे लगा, मानो वह उस दु:खद घटना के समय वहाँ मौजूद रहा हो। इस त्रासदी से उसके भीतर जो व्याकुलता पैदा हुई, उसी का परिणाम उसके द्वारा हिरोशिमा पर लिखी कविता थी। लेखक कहता है कि यह कविता 'हिरोशिमा' जैसी भी हो, वह उसकी अनुभूति से पैदा हुई थी। यही उसके लिए महत्वपूर्ण था।


 

NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 10 HINDI KRITIKA CHAPTER 3

Main Kyu Likhta Hu Question Answer

प्रश्न 1 लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्यों?

उत्तर- लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव वह होता है। तो हम सामने घटित होते हुए देखते हैं परन्तु अनुभूति संवेदना और कल्पना के सहारे उस सत्य को आत्मसात् कर लेती है, यह वास्तव में कृतिकार के साथ घटित नहीं होती है। अनुभव की तुलना में अनुभूति उसके हृदय के सारे भावों को बाहर निकालने में उसकी मदद करती है। जब तक हृदय में अनुभूति न जागे लेखन करना संभव नहीं है क्योंकि यही हृदय में संवेदना जाग्रत करती है और लेखन के लिए मजबूर करती है। लेखक अपनी आंतरिक विवशता के कारण लिखने के लिए प्रेरित होता है। उसकी अनुभूति उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है व स्वयं भी वह लिखने के लिए प्रेरित होता है। इसलिए लेखक, लेखन के लिए अनुभूति को अधिक महत्व देता है।

प्रश्न 2 लेखक ने अपने आपको हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस किया?

उत्तर- लेखक हिरोशिमा की घटनाओं के बारे में सुनकर तथा उनके कुप्रभावों को प्रत्यक्ष देखकर भी विस्फोट का भोक्ता नहीं बन पाया। एक दिन वह जापान के हिरोशिमा नगर की एक सड़क पर घूम रहा था। अचानक उसकी नज़र एक पत्थर पर पड़ी। उस पत्थर पर एक मानव की छाया छपी हुई थी। वास्तव में परमाणु-विस्फोट के समय कोई मनुष्य उस पत्थर के पास खड़ा होगा। रेडियम-धर्मी किरणों ने उस आदमी को भाप की तरह उड़ाकर उसकी छाया पत्थर पर डाल दी थी। उसे देखकर लेखक के मन में अनुभूति जग गई। उसके मन में विस्फोट का प्रत्यक्ष दृश्य साकार हो उठा। उस समय वह विस्फोट का भोक्ता बन गया।

प्रश्न 3 मैं क्यों लिखता हूँ? के आधार पर बताइए कि-

a.   लेखक को कौन-सी बातें लिखने के लिए प्रेरित करती हैं?

b.   किसी रचनाकार के प्रेरणा स्रोत किसी दूसरे को कुछ भी रचने के लिए किस तरह उत्साहित कर सकते हैं?

उत्तर-

a.   लेखक अपनी आंतरिक विवशता के कारण लिखने के लिए प्रेरित होता है। उसकी अनुभूति उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है व स्वयं को जानने के लिए भी वह लिखने के लिए प्रेरित होता है।

b.   किसी रचनाकार को उसकी आंतरिक विवशता रचना करने के लिए प्रेरित करती है। परन्तु कई बार उसे संपादकों के दवाब व आग्रह के कारण रचना लिखने के लिए उत्साहित होना पड़ता है। कई बार प्रकाशक का तकाज़ा व उसकी आर्थिक विवशता भी उसे रचना, रचने के लिए उत्साहित करती है।

प्रश्न 4 कुछ रचनाकारों के लिए आत्मानुभूति/ स्वयं के अनुभव के साथ-साथ बाह्य दबाव भी महत्वपूर्ण होता है। ये बाह्य दबाव कौन-कौनसे हो सकते हैं?

उत्तर- कोई आत्मानुभूति/ स्वयं के अनुभव, उसे हमेशा लिखने के लिए प्रेरित करते हैं परन्तु इनके साथ-साथ बाह्य दबाव भी महत्वपूर्ण होते हैं। जो लेखक को लिखने के लिए प्रेरित करते हैं। ये इस प्रकार हैं:-

1.   आर्थिक लाभ की आकांक्षा।

2.   सामाजिक परिस्थितियाँ।

3.   संपादकों का आग्रह।

4.   विशिष्ट के पक्ष में प्रस्तुत करने का दबाव।

प्रश्न 5 क्या बाह्य दबाव केवल लेखन से जुड़े रचनाकारों को ही प्रभावित करते हैं या अन्य क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी प्रभावित करते हैं, कैसे?

उत्तर- बाहरी दबाव सभी प्रकार के कलाकारों को प्रेरित करते हैं। उदाहरणतया अधिकतर अभिनेता, गायक, नर्तक, कलाकार अपने दर्शकों, आयोजकों, श्रोताओं की माँग पर कला-प्रदर्शन करते हैं। अमिताभ बच्चन को बड़े-बड़े निर्माता-निर्देशक अभिनय करने का आग्रह न करें तो शायद अब वे आराम करना चाहें। इसी प्रकार लता मंगेशकर भी 50 साल से गाते-गाते थक चुकी होंगी, अब फिल्म-निर्माता, संगीतकार और प्रशंसक ही उन्हें गाने के लिए बाध्य करते होंगे।

प्रश्न 6 हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंत: व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है यह आप कैसे कह सकते हैं?

उत्तर- लेखक जापान घूमने गया था तो हिरोशिमा में उस विस्फोट से पीड़ित लोगों को देखकर उसे थोड़ी पीड़ा हुई परन्तु उसका मन लिखने के लिए उसे प्रेरित नहीं कर पा रहा था। हिरोशिमा के पीड़ितों को देखकर लेखक को पहले ही अनुभव हो चुका था परन्तु जले पत्थर पर किसी व्यक्ति की उजली छाया को देखकर उसको हिरोशिमा में विस्फोट से प्रभावित लोगों के दर्द की अनुभूति कराई, लेखक को लिखने के लिए प्रेरित किया। इस तरह हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंत: व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है।

प्रश्न 7 हिरोशिमा की घटना विज्ञान का भयानकतम दुरुपयोग है। आपकी दृष्टि में विज्ञान का दुरुपयोग कहाँ-कहाँ और किस तरह से हो रहा है?

उत्तर- हिरोशिमा तो विज्ञान के दुरुपयोग का ज्वलंत उदाहरण है ही पर हम मनुष्यों द्वारा विज्ञान का और भी दुरुपयोग किया जा रहा है। जैसे-

1.   विज्ञान ने यात्रा को सुगम बनाने के लिए हवाई जहाज़, गाड़ियों आदि का निर्माण किया परन्तु हमने इनसे अपने ही वातावरण को प्रदूषित कर दिया है।

2.   इस विज्ञान की देन के द्वारा आज हम अंगप्रत्यारोपण कर सकते हैं। परन्तु आज इस देन का दुरुपयोग कर हम मानव अंगों का व्यापार करने लगे हैं।

3.   विज्ञान के दुरुपयोग से भ्रूण हत्याएँ बढ़ रही है।

4.   विविध कीटनाशकों का प्रयोग आत्महत्या के लिए होता है।

5.   विज्ञान ने कंप्यूटर का आविष्कार किया उसके पश्चात् उसने इंटरनेट का आविष्कार किया ये उसने मानव के कार्यों के बोझ को कम करने के लिए किया। हम मनुष्यों ने इन दोनों का दुरुपयोग कर वायरस व साइबर क्राइम को जन्म दिया है।

6.   आज हर देश परमाणु अस्त्रों को बनाने में लगा हुआ है जो आने वाले भविष्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

प्रश्न 8 एक संवेदनशील युवा नागरिक की हैसियत से विज्ञान का दुरुपयोग रोकने में आपकी क्या भूमिका है?

उत्तर- मैं संवेदनशील युवा नागरिक हूँ। मैं सारी दुनिया को नहीं बदल सकता। परंतु स्वयं को बदल सकता हूँ। मैं विज्ञान के जिस भी यंत्र की बुराइयों के बारे में जानता हूँ, उनसे दूर रहने का प्रयत्न करता हूँ। मैं प्लास्टिक थैलों तथा वस्तुओं का कम-से-कम प्रयोग करता हूँ। बाजार में उपलब्ध कोक या सॉफ्ट ड्रिंक नहीं पीता। पीज़ा-बर्गर आदि भी नहीं खाता। मैंने संकल्प किया है कि कभी लिंग-भेद का विचार मन में नहीं आने दूंगा। मैं भूलकर भी भ्रूण-हत्या जैसा दुष्कर्म नहीं करूंगा।

 


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